सागर/सीहोर/भिंड/मुरैना। एक ओर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि प्रदेश में किसानों को खाद की कमी नहीं होने देंगे. वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई जिलों में खाद की कमी से किसान जुझ रहे है. सागर, सीहोर, भिंड और मुरैना सहित कई जिले में खाद की इतनी किल्लत है कि किसानों को यूरिया और डीएपी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. सागर में रबी की फसल के लिए खाद नहीं मिली तो नाराज किसानों ने चक्काजाम कर दिया. किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
सीहोर, भिंड और मुरैना जिले में भी खाद की किल्लत दिखाई दे रही है. गुरुवार को सीहोर जिले में किसानों को खाद नहीं मिली तो उन्होंने हंगामा कर दिया. हंगामे के बाद भी हालात नहीं सुधरे शुक्रवार को भी खाद के लिए किसानों को लंबी कतार में लगना पड़ा. कड़ी धूप में किसान अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. भिंड जिले में भी खाद के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है.
मुरैना जिले में तो खाद के लिए किसानों को पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी. 10 दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री के गृह जिले में किसान खाद के लिए लंबी कतार में लगे थे. इसके बावजूद भी किसानों को खाद नहीं मिली. जब किसानों का सब्र टूटा तो उन्होंने चक्काजाम कर दिया. व्यवस्था संभालने का हवाला देते हुए पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया.
सागर में खाद की स्थिति |
उप्लब्ध होने के बावजूद नहीं मिल रही खाद
कलेक्टर दीपक आर्य का दावा है कि जिले के किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद उपलब्ध है. बावजूद इसके किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल पा रही है. इस बात से नाराज किसानों ने शुक्रवार को सागर-बीना मार्ग पर स्थित कृषि उपज मंडी के सामने चक्काजाम कर दिया. किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर नाराजगी जताई.
काम छोड़कर कतार में लगे किसान
सैकड़ों की संख्या में किसान कृषि उपज मंडी सागर के नजदीक खाद लेने पहुंचे. लंबे इंतजार के बाद भी किसानों को जब खाद उपलब्ध नहीं हुई, तो किसानों ने नाराज होकर चक्का जाम कर दिया. मौके पर प्रशासन के अधिकारियों ने पहुंचकर किसानों को समझाइश दी. किसानों का कहना है कि हम खाद के लिए काम धंधा छोड़कर आए है.
जिले में 1281 मीट्रिक टन खाद
गुरुवार को कलेक्टर दीपक आर्य ने दावा किया था कि जिले में डीएपी की एक रेक जिसमें 1281 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध हुआ है. जिसका वितरण लगातार जारी है. इसी प्रकार डीएपी खाद यूरिया कांप्लेक्स एनपीके की उपलब्धता लगातार बनी रहेगी. वहीं यूरिया और डीएपी कंपलेक्स एनपीके भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा.
कृषि मंत्री ने खाद दिलाने का किया वादा, DAP और यूरिया के बदले किसानों को मिली लाठियां
सीहोर में खाद की स्थिति |
खाद के लिए धूप में खड़े किसान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में किसानों को खाद के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसान एक बोरी खाद के लिए दो से तीन घंटे कडी धूप में कतार में लगने के लिए मजबूर है. जबकि प्रशासन का कहना है कि जिले में किसानों के लिए प्रयाप्त खाद है. जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. किसानों का कहना है कि दो तीन घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद भी कई किसानों को निराश लौटना पड़ा.
गुरुवार को किसानों पर हुआ लाठीचार्ज
सीहोर जिले के ग्राम चरनाल में गुरुवार को खाद नहीं मिलने पर किसानों ने हंगामा कर दिया. किसानों का कहना है कि पिछले कई दिनों से सहाकारी समिति में खाद नहीं मिल रही है. गुरुवार को भी खाद के लिए किसानों की भारी भीड़ लगी थी. लेकिन समिति ने किसानों को खाद देने से मना कर दिया. इसके बाद किसानों ने हंगामा कर दिया. किसानों ने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों को खदड़ने के लिए लाठीचार्ज किया.
DAP क्यों नहीं मिलती, त्राहि त्राहि कर रहा भिंड का अन्नदाता
भिंड में खाद की स्थिति |
कालाबाजारी के कारण नहीं मिल रही खाद
भिंड जिले में भी किसानों को खाद के लिए दर-दर का मोहताज होना पड़ रहा है. हालांकि यहां खाद ना मिलने का प्रमुख कारण खाद की कालाबाजारी है. जिले में बीते एक महीने से डीएपी खाद की किल्लत के चलते मुनफा खोर व्यापारी सक्रिय हो कर 300 रुपये 400 अधिक मूल्य में डीएपी खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं. 19 अक्टूबर को गोरमी थाना क्षेत्र में पुलिस कार्रवाई करते हुए एक गोदाम से अवैध रूप से एकत्रित की हुई करीब 640 बोरी DAP खाद बरामद की थी.
गेट पर चिपकाई 'खाद नहीं हैं' की पर्ची
भिंड जिले की कई सहकारी संस्थाओं के गेट पर किसानों को सिर्फ एक पर्ची मिल रही है. जिस पर लिखा है कि यहां खाद उपल्बद नहीं है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन और सरकार दावा कर रही है कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्द है.
मुरैना में खाद की स्थिति |
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में भी किसानों को खाद के बदले लाठियां मिल रही है. 12 अक्टूबर को भी पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था. जानकारी के अनुसार 12 अक्टूबर को किसान सुबह 4 बजे से खाद के लिए जिला मुख्यालय की सहकारी संस्था के बाहर खड़े थे. लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिली. इसके बाद किसानों ने चक्काजाम कर दिया.
चक्काजाम होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने व्यवस्था संभालने के नाम पर किसनों पर लाठियां भांजना शुरू कर दी. लाठीचार्ज में किसानों को चोटें भी आई है. इस मामले में मुरैना एएसपी का कहना था कि पुलिस ने किसी किसान पर लाठीचार्ज नहीं किया. पुलिस बस व्यवस्था संभालने में लगी थी.