भोपाल। शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कल बयान दिया था कि राहुल गांधी और कमलनाथ ने किसान कर्ज माफी के नाम पर प्रदेश के किसानों से धोखा किया है. इसलिए प्रदेश के किसानों को उनके खिलाफ FIR दर्ज करानी चाहिए. जिसके बाद पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कृषि मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि मंत्री कमल पटेल बुलाये जाने के बाद भी कभी मुख्यमंत्री किसान ऋण माफी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. इसलिए उन्हें नहीं मालूम कितने किसानों का ऋण माफ हुआ. सबसे ज्यादा हरदा के किसानों के ऋण माफ हुए हैं और अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इसलिए अब उनकी जिम्मेदारी किसानों के ऋण माफ करने की है, क्योंकि कमलनाथ सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर ऋण माफ किए हैं. सरकार अब ऋण माफ नहीं करेगी, तो मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के खिलाफ केस दर्ज होगा.
पीसी शर्मा ने ये भी कहा कि कमल पटेल अभी-अभी कृषि मंत्री बने हैं. उनको पता होना चाहिए कि वो जिस जिले और संभाग से आते हैं. सबसे ज्यादा कर्ज माफी वहीं हुई है. उनका ये कथन असत्य है कि ये ऋण माफी के प्रमाण पत्र किसानों को तो दे दिए गए, लेकिन बैंकों में पैसा नहीं दिया गया. उनको पता होना चाहिए कि पहले बैंक में पैसा जाता है, फिर ऋण माफी का प्रमाण पत्र दिया जाता है. मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिन के अंदर किसानों की ऋण माफी होना चाहिए. कमलनाथ ने शपथ लेने के 1 घंटे के अंदर 55 लाख किसानों का ऋण माफ कर दिया था. लगभग 25 से 30 लाख किसानों का ऋण माफ हो चुका है. जिनका पैसा ऋण माफी के बाद भी शिवराज सरकार फसल बेचने वाले किसानों के पैसे से काट रही है. इस पर रोक लगनी चाहिए.
वहीं पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज सरकार की जिम्मेदारी है कि जो किसानों की ऋण माफी बची हुई है. जिस पर कमलनाथ सरकार ने तारीख दे दी थी. कैबिनेट और विधानसभा से मंजूरी मिल गई थी. इन सब बचे हुए किसानों का ऋण माफ किया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.