भोपाल। कोरोना पॉजिटिव होने पर गाइडलाइन तो घर से बाहर न निकलने की है लेकिन जो पॉजिटिव हुआ इस साल उसकी मदद की कोई व्यवस्था इस साल नहीं है. करीब एक हफ्ते से अधिक का समय हो गया लेकिन न तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से और न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई भी यह जानने नहीं आया कि आपकी स्थिति क्या है. घर में रहकर खुद ही जूझना है.
एक ही परिवार के तीन लोग कोरोना पॉजिटिव
रोहित नगर स्थित एक ही परिवार को तीन लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए. इनमें से एक की हालत खराब होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. घर में दो और लोग पॉजिटिव हैं जो होम आइसोलेशन में हैं. होम आइसोलेशन में होने कारण वे घर से बाहर नहीं जा सकते.
कोरोना पॉजिटिव महिला की मदद कर रहा संक्रमित
वहीं रोहित नगर में ही रहने वाली एक महिला ने अपनी कोरोना जांच कराई. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्होंने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया. उनके दोनों बेटे भोपाल से बाहर जॉब करते हैं, लिहाजा वो घर पर अकेले ही कोरोना से संघर्ष कर रही हैं. उनके फ्रेंड जो खुद कोरोना पॉजिटिव थे. उन्होंने ही महिला के लिए दवाई और खान-पान की जरूरी चीजें पहुंचाईं. बाहर जा नहीं सकते ऐसे में दूध समेत अन्य जरूरी सामान के लिए किससे कहें.
सीधे अस्पतालों में पहुंचेगी रेमडेसिविर, सरकार ने 5 हजार डोज भेजी
वर्धमान ग्रीन वैली एक्सटेंशन निवासी बबलू कुमार मंडल ने बताया कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. हालात ज्यादा खराब नहीं थे, फिर भी सिटी अस्पताल में भर्ती हो गए. उनकी छोटी बहन होटल में रूम लेकर रही. मंडल ने बताया कि उनका इलाज कर रहे डॉक्टर की पत्नी भी कोरोना से ग्रसित है. फिर भी वो अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
मुश्किल से गुजरे वो 10 दिन
अवधपुरी निवासी मनोज राय ने बताया कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर थोड़ा परेशान हुआ. दोस्तों ने मदद की. घर में ही क्वारंटीन रहा. दस दिन बहुत ही मुश्किल से गुजरे. परिवार का ही सहयोग रहा. खुद की मदद की और हिम्मत नहीं हारी. योग और प्राणायाम कर खुद को संयमित बनाए रखा.