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फैक्ट्री संचालक ने एक्साइज ड्यूटी में की गड़बड़ी, 3 साल की सजा - न्यायाधीश आलोक अवस्थी

सीबीआई की विशेष अदालत ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी करने के पर फैक्ट्री संचालक को 3 साल की कैद और 3 हजार रुपए का जुर्माना दिए जाने की सजा सुनाई है.

Factory operator aziz mohammad fraud in excise duty
फैक्ट्री संचालक ने एक्साइज ड्यूटी में की गड़बड़ी
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Published : Feb 7, 2020, 8:31 AM IST

भोपाल। एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैक्ट्री संचालक को 3 साल की सजा व 3 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत में सुनाया गया.

गड़बड़ी के मामले में फैक्ट्री संचालक को 3 साल की सजा

दरअसल इस मामले की जानकारी मार्च 2004 को सेंट्रल एक्साइज मुख्यालय को मिली थी. जिसकी जांच सेंट्रल मुख्यालय के द्वारा जांच की गई. जांच में पाया गया कि न्यू भारत इंजीनियरिंग वर्क्स सहित अन्य कंपनियों ने एक्साइज ड्यूटी के संबंध में संदेहपूर्ण दस्तावेज लगाए हैं. इस संबंध में 25 जून 2004 को सीबीआई और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम ने मैसर्स न्यू भारत इंजीनियरिंग वर्क्स व अन्य कंपनी कार्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली थी कि, मोडवेट और सेनवेट की सुविधा का दुरूपयोग किया गया है, जिससे एक्साइज ड्यूटी बचाई जा सके.

अदालत में सुनवाई के दौरान मैसर्स भारत इंजीनियरिंग वर्क्स के संचालक अजीज मोहम्मद व एक आरोपी के खिलाफ अपराध प्रमाणित किए जाने के बाद सजा का फैसला सुनाया गया.

भोपाल। एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैक्ट्री संचालक को 3 साल की सजा व 3 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत में सुनाया गया.

गड़बड़ी के मामले में फैक्ट्री संचालक को 3 साल की सजा

दरअसल इस मामले की जानकारी मार्च 2004 को सेंट्रल एक्साइज मुख्यालय को मिली थी. जिसकी जांच सेंट्रल मुख्यालय के द्वारा जांच की गई. जांच में पाया गया कि न्यू भारत इंजीनियरिंग वर्क्स सहित अन्य कंपनियों ने एक्साइज ड्यूटी के संबंध में संदेहपूर्ण दस्तावेज लगाए हैं. इस संबंध में 25 जून 2004 को सीबीआई और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम ने मैसर्स न्यू भारत इंजीनियरिंग वर्क्स व अन्य कंपनी कार्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली थी कि, मोडवेट और सेनवेट की सुविधा का दुरूपयोग किया गया है, जिससे एक्साइज ड्यूटी बचाई जा सके.

अदालत में सुनवाई के दौरान मैसर्स भारत इंजीनियरिंग वर्क्स के संचालक अजीज मोहम्मद व एक आरोपी के खिलाफ अपराध प्रमाणित किए जाने के बाद सजा का फैसला सुनाया गया.

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फैक्ट्री संचालक को एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी करने के चलते हुए 3 साल की सजा


भोपाल | राजधानी के फैक्ट्री संचालक को एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी करने के चलते सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 साल की कैद की सजा सुनाई है देर शाम सीबीआई की विशेष अदालत ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी करने के आरोपित फैक्ट्री संचालक को 3 साल की कैद और 3 हजार रुपए का जुर्माना दिए जाने की सजा सुनाई है . यह फैसला देर शाम विशेष न्यायाधीश आलोक अवस्थी के द्वारा सुनाया गया है .






Body:जानकारी के अनुसार यह घटना अप्रैल वर्ष 2003 से मार्च 2004 के बीच सेंट्रल एक्साइज मुख्यालय भोपाल में की गई थी मुख्यालय में जांच के दौरान पाया गया था कि न्यू भारत इंजीनियरिंग वर्क्स सहित अन्य कंपनियों के द्वारा एक्साइज ड्यूटी के संबंध में संदेहास्पद दस्तावेज लगाए गए हैं . इस संबंध में 25 जून वर्ष 2004 को सीबीआई और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट की संयुक्त टीम ने . मैसर्स न्यू भारत इंजीनियरिंग वर्क्स व अन्य कंपनी कार्यालयों का निरीक्षण किया था .निरीक्षण में जानकारी निकल कर आई थी कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोडवेट और सेनवेट की सुविधा का अवैध दुरुपयोग किया गया था .





Conclusion:इस पूरे मामले की जांच के बाद सीबीआई ने मैसर्स भारत इंजीनियरिंग वर्क्स के संचालक अजीज मोहम्मद सेंट्रल एक्साइज अधीक्षक और एक अन्य के खिलाफ सेंट्रल एक्साइज एक्ट व षड्यंत्र करने की धाराओं के तहत अपराध कायम किया गया था इसके बाद टीम के द्वारा चालान अदालत में पेश किया गया था अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान मैसर्स भारत इंजीनियरिंग वर्क्स संचालक अजीज मोहम्मद के खिलाफ अपराध प्रमाणित पाए जाने के बाद यह सजा का फैसला सुनाया गया है .


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