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निष्कासित मलेरिया वर्करों ने गांधीगिरी कर जताया विरोध, सीएम पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - भोपाल न्यूज

निष्कासित मलेरिया कर्मचारियों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने सीएम कमलनाथ को चुनाव के दौरान किए गए वादों को याद दिलाया.

निष्कासित मलेरिया वर्करों का प्रदर्शन
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Published : Oct 2, 2019, 5:34 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 6:09 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूराना ना करने पर प्रदेश के निष्कासित संविदा मलेरिया कर्मचारियों में मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ नाराजगी जाहीर की है. निष्कासित मलेरिया कर्मचारियों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने गांधी टोपी लगाकर प्रदर्शन किया और सीएम कमलनाथ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

निष्कासित मलेरिया वर्करों का प्रदर्शन

निष्कासित मलेरिया वर्कर संविदा संघ के पदाधिकारी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि, समस्त संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू पिछले 10 सालों से काम कर रहे थे. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के समय वचन पत्र में निष्कासित संविदा कर्मियों की बहाली का वादा किया था. लेकिन बहाली प्रक्रिया में संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू को शामिल नहीं किया गया.

जितेंद्र शर्मा ने सीएम कमलनाथ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि, शासन के पक्षपातपूर्ण रवैया के विरोध में सभी निष्कासित संविदा मलेरिया कर्मियों ने गांधीगिरी से प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर हमारा मध्यप्रदेश शासन से विनय पूर्वक निवेदन है कि, यदि हमें सात दिन में बहाली नहीं किया गया और रुका हुआ वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो मजबूर होकर हमें उग्र आंदोलन करना होगा. जिसकी जवाबदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूराना ना करने पर प्रदेश के निष्कासित संविदा मलेरिया कर्मचारियों में मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ नाराजगी जाहीर की है. निष्कासित मलेरिया कर्मचारियों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने गांधी टोपी लगाकर प्रदर्शन किया और सीएम कमलनाथ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

निष्कासित मलेरिया वर्करों का प्रदर्शन

निष्कासित मलेरिया वर्कर संविदा संघ के पदाधिकारी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि, समस्त संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू पिछले 10 सालों से काम कर रहे थे. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के समय वचन पत्र में निष्कासित संविदा कर्मियों की बहाली का वादा किया था. लेकिन बहाली प्रक्रिया में संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू को शामिल नहीं किया गया.

जितेंद्र शर्मा ने सीएम कमलनाथ पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि, शासन के पक्षपातपूर्ण रवैया के विरोध में सभी निष्कासित संविदा मलेरिया कर्मियों ने गांधीगिरी से प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर हमारा मध्यप्रदेश शासन से विनय पूर्वक निवेदन है कि, यदि हमें सात दिन में बहाली नहीं किया गया और रुका हुआ वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो मजबूर होकर हमें उग्र आंदोलन करना होगा. जिसकी जवाबदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी.

Intro:भोपाल।विधानसभा चुनाव के समय पर बतौर कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के वादे अब उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अपना घोषणापत्र वचन पत्र के रूप में जारी किया था। सरकार बनने के बाद अब कमलनाथ सरकार पर इन वचनों का पूरा करने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि कमलनाथ सरकार कई महत्वपूर्ण वचन पूरे कर चुकी है। लेकिन कई वचन ऐसे भी हैं, जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। इन्हीं हालातों में प्रदेशों के प्रदेश के करें साढ़े सात सौ मलेरिया वर्कर जिन्हें बिना किसी कारण के सेवा मुक्त कर दिया गया था और कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में उन्हें वापस लिए जाने का वादा किया था। आज मलेरिया वर्कर्स ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने गांधीगिरी कर कमलनाथ को उनका वचन दिलाया।


Body:इस मामले में निष्कासित मलेरिया वर्कर संविदा संघ के पदाधिकारी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि यह समस्त संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू पिछले 10 सालों से काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव के समय वचन पत्र में निष्कासित संविदा कर्मियों की बहाली का वादा किया था। लेकिन इस बहाली प्रक्रिया में संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू को शामिल नहीं किया गया। जो कि सीधी सीधी वादाखिलाफी है। शासन के पक्षपातपूर्ण रवैया के विरोध में आज हम प्रदेश के सभी निष्कासित संविदा मलेरिया कर्मी गांधीगिरी करते हुए महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर शांतिपूर्वक अपना आग्रह करने आए हैं। हमारा मध्यप्रदेश शासन से विनय पूर्वक निवेदन है कि यदि हमें सात दिवस में बहाली नहीं की गई एवं रुका हुआ वेतन का भुगतान नहीं किया गया।तो मजबूर होकर हमें उग्र आंदोलन करना होगा। जिसकी जवाबदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी।


Conclusion:बाइट - जितेंद्र शर्मा
Last Updated : Oct 2, 2019, 6:09 PM IST
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