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विशेष: विशाखा गाइ़लाइन से क्या एमपी में वर्किंग वुमन की राहें आसान हुईं? - bhopal news

विशाखा गाइ़लाइन अस्तित्व में आई 1997 में. कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न को लेकर 1997 में सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए थे. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत की विशेष चर्चा में हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि एमपी में विशाखा गाइ़लाइन ने महिलाओं की राहें कितनी आसान बनाईं. संगनी संस्था से प्रार्थना शर्मा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसीव बात की.

exculisive talks with prarthana sharma on women's day
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर विशेष चर्चा
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Published : Mar 8, 2021, 5:52 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 9:51 PM IST

भोपाल। महिलाओं के सम्मान में हर साल यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. हम यह दिवस तो मनाते हैं, लेकिन क्या आज भी महिलाएं सुरक्षित हैं ? चाहे वो स्कूल हो, कॉलेज हो या फिर वर्क प्लेस. संगनी संस्था की प्रार्थना शर्मा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसीव बातचीत में मौजूदा हालात और विशाखा गाइ़लाइन को लेकर क्या कुछ अब तक अमल में आ सका है पर रोशनी डाली.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर विशेष चर्चा

सवाल: 8 साल पहले मध्य प्रदेश सरकार ने विशाखा गाइडलाइन जारी की थी. क्या है यह गाइडलाइन, कब बनाई गई थी?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): 2013 में यह कानून बनाया गया. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को लेकर यह कानून बनाया गया. विशाखा गाइ़डलाइन जो है वो सुप्रीम कोर्ट का दिशा-निर्देश है.

सवाल: किन अपराधों की शिकायत महिलाएं इस गाइडलाइन के जरिए कर सकती हैं?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): शारीरिक यौन शोषण, मौखिक संदेश, लैंगिक टिप्पणी, किसी तरह का स्पर्श , किसी भी तरह का शाब्दिक, गैर शाब्दिक इशारे की शिकायत अपने कार्य स्थल पर बनी समिति को कर सकती हैं.

सवाल: दिसबंर महीन में आपके एनजीओ ने वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी और दुर्व्यवहार को लेकर सर्वे किया था. सर्वे में क्या सामने आया?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): यह सर्वे भोपाल, ग्वालियर, सतना और इंदौर में किया गया. सात साल होने के बावजूद अधिकतर जगहों पर कमेटी नहीं बनी है. कानून के मुताबिक हर कार्यस्थल पर इसी समिति को बनाना जरुरी है. ग्वालियर में केवल 28, ग्वालियर में 14 , सतना में 11 समितियां हैं.

सवाल: अगर किसी महिला के साथ इस तरह की घटना होती है, तो कैसे वो शिकायत दर्ज करा सकती है ?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): लिखित में महिलाएं यह शिकायत कर सकती हैं. महिला अपने साथ हुई घटना के तीन महीने बाद भी यह शिकायत कर सकती है. स्थानीय कमेटी में जाकर पीड़ित महिला यह शिकायत कर सकती है.

सवाल: यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सिविल और क्रिमिनल दोनों ही तरह की कार्रवाई का सहारा लेने का अधिकार महिलाओं को है. अगर किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो वो सबसे पहले कहां शिकायत कर सकती है?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): पीड़ित महिला को सबसे पहले समिति को इसकी शिकायत करनी चाहिए. फैक्ट फाइंडिंग के बाद ही समिति कोई एक्शन लेती है.

भोपाल। महिलाओं के सम्मान में हर साल यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. हम यह दिवस तो मनाते हैं, लेकिन क्या आज भी महिलाएं सुरक्षित हैं ? चाहे वो स्कूल हो, कॉलेज हो या फिर वर्क प्लेस. संगनी संस्था की प्रार्थना शर्मा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसीव बातचीत में मौजूदा हालात और विशाखा गाइ़लाइन को लेकर क्या कुछ अब तक अमल में आ सका है पर रोशनी डाली.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर विशेष चर्चा

सवाल: 8 साल पहले मध्य प्रदेश सरकार ने विशाखा गाइडलाइन जारी की थी. क्या है यह गाइडलाइन, कब बनाई गई थी?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): 2013 में यह कानून बनाया गया. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को लेकर यह कानून बनाया गया. विशाखा गाइ़डलाइन जो है वो सुप्रीम कोर्ट का दिशा-निर्देश है.

सवाल: किन अपराधों की शिकायत महिलाएं इस गाइडलाइन के जरिए कर सकती हैं?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): शारीरिक यौन शोषण, मौखिक संदेश, लैंगिक टिप्पणी, किसी तरह का स्पर्श , किसी भी तरह का शाब्दिक, गैर शाब्दिक इशारे की शिकायत अपने कार्य स्थल पर बनी समिति को कर सकती हैं.

सवाल: दिसबंर महीन में आपके एनजीओ ने वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी और दुर्व्यवहार को लेकर सर्वे किया था. सर्वे में क्या सामने आया?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): यह सर्वे भोपाल, ग्वालियर, सतना और इंदौर में किया गया. सात साल होने के बावजूद अधिकतर जगहों पर कमेटी नहीं बनी है. कानून के मुताबिक हर कार्यस्थल पर इसी समिति को बनाना जरुरी है. ग्वालियर में केवल 28, ग्वालियर में 14 , सतना में 11 समितियां हैं.

सवाल: अगर किसी महिला के साथ इस तरह की घटना होती है, तो कैसे वो शिकायत दर्ज करा सकती है ?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): लिखित में महिलाएं यह शिकायत कर सकती हैं. महिला अपने साथ हुई घटना के तीन महीने बाद भी यह शिकायत कर सकती है. स्थानीय कमेटी में जाकर पीड़ित महिला यह शिकायत कर सकती है.

सवाल: यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सिविल और क्रिमिनल दोनों ही तरह की कार्रवाई का सहारा लेने का अधिकार महिलाओं को है. अगर किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो वो सबसे पहले कहां शिकायत कर सकती है?

जवाब(प्रार्थना शर्मा): पीड़ित महिला को सबसे पहले समिति को इसकी शिकायत करनी चाहिए. फैक्ट फाइंडिंग के बाद ही समिति कोई एक्शन लेती है.

Last Updated : Mar 8, 2021, 9:51 PM IST
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