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सरेंडर की गई दुकानों को विभागीय स्तर पर संचालित करने की तैयारी, होमगार्ड से ली जाएगी मदद - madhya pradesh

मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों ने प्रदेश की 50 फ़ीसदी से ज्यादा दुकानें सरेंडर कर दी हैं, सरेंडर हो चुकी दुकानों का संचालन जल्द ही आबकारी विभाग के द्वारा शुरू किया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jun 9, 2020, 3:42 PM IST

भोपाल। प्रदेश सरकार और शराब ठेकेदारों का विवाद सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है. शराब ठेकेदार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं तो वहीं सरकार ने भी अपना सख्त रुख ठेकेदारों के सामने पेश कर दिया है और उनकी किसी भी मांग को मानने से इंकार कर दिया है. सरकार की ओर से साफ संदेश दिया जा चुका है कि वह किसी की भी दबाव में झुकने वाली नहीं है.

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होमगार्ड्स के लिए लिखा गया पत्र

वहीं दूसरी ओर शराब ठेकेदारों ने प्रदेश की 50 फ़ीसदी से ज्यादा दुकानें सरेंडर कर दी हैं. अब सरेंडर हो चुकी दुकानों का जल्द ही आबकारी विभाग के द्वारा संचालन शुरू किया जाएगा, इसके लिए विभाग के पास फिलहाल पर्याप्त अमला मौजूद नहीं है. इसके मद्देनजर यह तय किया गया है कि होमगार्ड के जवान को दुकान पर मदद के लिए तैनात किया जाएगा.

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आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे के द्वारा जारी किए गए एक पत्र में उन्होंने होम गार्ड के महानिदेशक से निवेदन किया है कि जिलों की मांग के अनुसार होमगार्ड नगर सैनिक उपलब्ध कराए जाएं वहीं दूसरी ओर सरकार दुकानों के ठेके और संचालन को लेकर एक-दो दिन में नीतिगत निर्णय लेगी. प्रदेश में 3605 देसी और विदेशी शराब की दुकानें हैं. विभागीय जानकारी के मुताबिक एक हजार 909 इस समय संचालित हो रही हैं, 360 समूहों में से 265 ने सरकार के विकल्प को स्वीकार किया है वहीं जिन ठेकेदारों ने दुकानें सरेंडर नहीं की है उन्हें जमा राशि लौटाने के मामले में निर्णय 17 जून को हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही होगा.

होमगार्ड से मांगी गई सेवाएं

बताया जा रहा है कि सरकार बंद दुकानों को नए सिरे से ठेके देने की तैयारी कर रही है. इसमें करीब 15 दिन का समय लग सकता है, लेकिन सरकार को हो रहे राजस्व के नुकसान को देखते हुए अंतरिम व्यवस्था के तौर पर विभागीय स्तर से दुकानों का संचालन किया जाएगा. इसके लिए विभाग के पास पर्याप्त अमला नहीं है, क्योंकि अवैध शराब की रोकथाम के लिए भी काम करना होता है और ऐसे में यहां पर भी हमले की जरूरत पड़ती है. इसे देखते हुए जिला आबकारी अधिकारियों की मांग पर होमगार्ड की सेवाएं मांगी गई हैं.

दुकानदारों ने कोर्ट में दिए शपथ पत्र

खरगोन में ठेके को लेकर स्थगन होने की वजह से विभाग पहले से दुकानों का संचालन कर रहा है. शराब की व्यवस्थाओं को लेकर मंत्रालय में आज भी बैठक होनी है. माना जा रहा है कि मंगलवार शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि विभाग को फिलहाल कितनी दुकानों का संचालन करना होगा. माना जा रहा है कि इनकी संख्या 1000 से ज्यादा हो सकती है. ठेकेदारों को सोमवार शाम तक का समय दिया गया था कुछ दुकान संचालकों ने कोर्ट में भी शपथ पत्र दिए हैं इसकी जानकारी एकत्रित करके आबकारी आयुक्त कार्यालय वाणिज्यिक कर विभाग को सौंपी जा रही है.

नए सिरे से जारी हो सकते हैं टेंडर

बताया जा रहा है कि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में बनी मंत्री समूह के सामने विभाग आज सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देगा. इसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि विभाग बंद दुकानों के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करेगा, जब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक राजस्व की हानि ना हो इसे दृष्टिगत रखते हुए जल्द ही होमगार्ड जवानों की सेवाएं लेते हुए इनका संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

भोपाल। प्रदेश सरकार और शराब ठेकेदारों का विवाद सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है. शराब ठेकेदार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं तो वहीं सरकार ने भी अपना सख्त रुख ठेकेदारों के सामने पेश कर दिया है और उनकी किसी भी मांग को मानने से इंकार कर दिया है. सरकार की ओर से साफ संदेश दिया जा चुका है कि वह किसी की भी दबाव में झुकने वाली नहीं है.

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होमगार्ड्स के लिए लिखा गया पत्र

वहीं दूसरी ओर शराब ठेकेदारों ने प्रदेश की 50 फ़ीसदी से ज्यादा दुकानें सरेंडर कर दी हैं. अब सरेंडर हो चुकी दुकानों का जल्द ही आबकारी विभाग के द्वारा संचालन शुरू किया जाएगा, इसके लिए विभाग के पास फिलहाल पर्याप्त अमला मौजूद नहीं है. इसके मद्देनजर यह तय किया गया है कि होमगार्ड के जवान को दुकान पर मदद के लिए तैनात किया जाएगा.

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आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे के द्वारा जारी किए गए एक पत्र में उन्होंने होम गार्ड के महानिदेशक से निवेदन किया है कि जिलों की मांग के अनुसार होमगार्ड नगर सैनिक उपलब्ध कराए जाएं वहीं दूसरी ओर सरकार दुकानों के ठेके और संचालन को लेकर एक-दो दिन में नीतिगत निर्णय लेगी. प्रदेश में 3605 देसी और विदेशी शराब की दुकानें हैं. विभागीय जानकारी के मुताबिक एक हजार 909 इस समय संचालित हो रही हैं, 360 समूहों में से 265 ने सरकार के विकल्प को स्वीकार किया है वहीं जिन ठेकेदारों ने दुकानें सरेंडर नहीं की है उन्हें जमा राशि लौटाने के मामले में निर्णय 17 जून को हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही होगा.

होमगार्ड से मांगी गई सेवाएं

बताया जा रहा है कि सरकार बंद दुकानों को नए सिरे से ठेके देने की तैयारी कर रही है. इसमें करीब 15 दिन का समय लग सकता है, लेकिन सरकार को हो रहे राजस्व के नुकसान को देखते हुए अंतरिम व्यवस्था के तौर पर विभागीय स्तर से दुकानों का संचालन किया जाएगा. इसके लिए विभाग के पास पर्याप्त अमला नहीं है, क्योंकि अवैध शराब की रोकथाम के लिए भी काम करना होता है और ऐसे में यहां पर भी हमले की जरूरत पड़ती है. इसे देखते हुए जिला आबकारी अधिकारियों की मांग पर होमगार्ड की सेवाएं मांगी गई हैं.

दुकानदारों ने कोर्ट में दिए शपथ पत्र

खरगोन में ठेके को लेकर स्थगन होने की वजह से विभाग पहले से दुकानों का संचालन कर रहा है. शराब की व्यवस्थाओं को लेकर मंत्रालय में आज भी बैठक होनी है. माना जा रहा है कि मंगलवार शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि विभाग को फिलहाल कितनी दुकानों का संचालन करना होगा. माना जा रहा है कि इनकी संख्या 1000 से ज्यादा हो सकती है. ठेकेदारों को सोमवार शाम तक का समय दिया गया था कुछ दुकान संचालकों ने कोर्ट में भी शपथ पत्र दिए हैं इसकी जानकारी एकत्रित करके आबकारी आयुक्त कार्यालय वाणिज्यिक कर विभाग को सौंपी जा रही है.

नए सिरे से जारी हो सकते हैं टेंडर

बताया जा रहा है कि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में बनी मंत्री समूह के सामने विभाग आज सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देगा. इसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि विभाग बंद दुकानों के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करेगा, जब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक राजस्व की हानि ना हो इसे दृष्टिगत रखते हुए जल्द ही होमगार्ड जवानों की सेवाएं लेते हुए इनका संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

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