भोपाल। आज के दौर में जब संचार के विभिन्न साधन हैं, तब भी हुक्मरानों तक जनता की आवाज नहीं पहुंचती है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह एक ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने एक पोस्ट कार्ड के जरिए जनता की लाखों समस्याओं का हल किया और जनता से संवाद का सीधा माध्यम इजाद किया.
आज उनके 89 वें जन्मदिन के मौके पर उनके प्रेस प्रकोष्ठ में सहायक जनसंपर्क अधिकारी रोहित मेहता ने उनके कार्यकाल की कुछ बातों को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जुन सिंह ने एक कार्यक्रम की परिकल्पना की थी. जिसे उन्होंने "सवाल जनसाधारण के और जवाब मुख्यमंत्री के" नाम दिया था. कार्यक्रम के तहत प्रदेश की जनता अपनी कोई भी समस्या एक पोस्टकार्ड पर लिखकर मुख्यमंत्री के नाम भेजती थी और स्वयं मुख्यमंत्री उन पोस्टकार्ड पर आई समस्या का शत प्रतिशत निराकरण करते थे. उनके पास आने वाले सभी पत्रों पर कार्रवाई होती थी. जो बड़े और महत्वपूर्ण विषय होते थे, उनके आकाशवाणी के माध्यम से महीने में एक बार जवाब जरुर देते थे.
इतना ही नहीं वे अखबारों को पढ़कर खुद बड़ी खबरों का चयन करते थे. उसके आधार पर एक नोट शीट तैयार होती थी, जो काफी कड़ी भाषा में रहती थी और सीधे मुख्य सचिव और कलेक्टर तक पहुंचती थी. जिस पर शत-प्रतिशत कार्रवाई हुआ करती थी. मुख्यमंत्री के तौर पर दो या तीन कलेक्टर उनके जिले की समस्याओं को लेकर रोजाना बात करते थे. इसलिए पूरे प्रदेश के कलेक्टर सतर्क रहते थे. केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश को अखिल भारतीय संस्थान दिए और उन्होंने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर कल्याणकारी कार्य किए. रोहित मेहात ने कहा देश की राजनीति में उनकी कमी हमेशा रहेगी.