ETV Bharat / state

पूर्व सीएम अर्जुन सिंह का 89वां जन्मदिन आज, जानें उनके बारे में कुछ खास बातें

आज पूर्व सीएम अर्जुन सिंह का 89 वां जन्मदिन है. जिनको याद करते हुए उनके प्रेस प्रकोष्ट में सहायक जनसंपर्क अधिकारी रोहित मेहता ने उनके बारे में कुछ बातें बताई.

पूर्व सीएम अर्जुन सिंह का 89वां जन्मदिन
author img

By

Published : Nov 5, 2019, 7:50 PM IST

भोपाल। आज के दौर में जब संचार के विभिन्न साधन हैं, तब भी हुक्मरानों तक जनता की आवाज नहीं पहुंचती है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह एक ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने एक पोस्ट कार्ड के जरिए जनता की लाखों समस्याओं का हल किया और जनता से संवाद का सीधा माध्यम इजाद किया.

पूर्व सीएम अर्जुन सिंह का 89वां जन्मदिन


आज उनके 89 वें जन्मदिन के मौके पर उनके प्रेस प्रकोष्ठ में सहायक जनसंपर्क अधिकारी रोहित मेहता ने उनके कार्यकाल की कुछ बातों को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जुन सिंह ने एक कार्यक्रम की परिकल्पना की थी. जिसे उन्होंने "सवाल जनसाधारण के और जवाब मुख्यमंत्री के" नाम दिया था. कार्यक्रम के तहत प्रदेश की जनता अपनी कोई भी समस्या एक पोस्टकार्ड पर लिखकर मुख्यमंत्री के नाम भेजती थी और स्वयं मुख्यमंत्री उन पोस्टकार्ड पर आई समस्या का शत प्रतिशत निराकरण करते थे. उनके पास आने वाले सभी पत्रों पर कार्रवाई होती थी. जो बड़े और महत्वपूर्ण विषय होते थे, उनके आकाशवाणी के माध्यम से महीने में एक बार जवाब जरुर देते थे.


इतना ही नहीं वे अखबारों को पढ़कर खुद बड़ी खबरों का चयन करते थे. उसके आधार पर एक नोट शीट तैयार होती थी, जो काफी कड़ी भाषा में रहती थी और सीधे मुख्य सचिव और कलेक्टर तक पहुंचती थी. जिस पर शत-प्रतिशत कार्रवाई हुआ करती थी. मुख्यमंत्री के तौर पर दो या तीन कलेक्टर उनके जिले की समस्याओं को लेकर रोजाना बात करते थे. इसलिए पूरे प्रदेश के कलेक्टर सतर्क रहते थे. केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश को अखिल भारतीय संस्थान दिए और उन्होंने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर कल्याणकारी कार्य किए. रोहित मेहात ने कहा देश की राजनीति में उनकी कमी हमेशा रहेगी.

भोपाल। आज के दौर में जब संचार के विभिन्न साधन हैं, तब भी हुक्मरानों तक जनता की आवाज नहीं पहुंचती है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह एक ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने एक पोस्ट कार्ड के जरिए जनता की लाखों समस्याओं का हल किया और जनता से संवाद का सीधा माध्यम इजाद किया.

पूर्व सीएम अर्जुन सिंह का 89वां जन्मदिन


आज उनके 89 वें जन्मदिन के मौके पर उनके प्रेस प्रकोष्ठ में सहायक जनसंपर्क अधिकारी रोहित मेहता ने उनके कार्यकाल की कुछ बातों को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जुन सिंह ने एक कार्यक्रम की परिकल्पना की थी. जिसे उन्होंने "सवाल जनसाधारण के और जवाब मुख्यमंत्री के" नाम दिया था. कार्यक्रम के तहत प्रदेश की जनता अपनी कोई भी समस्या एक पोस्टकार्ड पर लिखकर मुख्यमंत्री के नाम भेजती थी और स्वयं मुख्यमंत्री उन पोस्टकार्ड पर आई समस्या का शत प्रतिशत निराकरण करते थे. उनके पास आने वाले सभी पत्रों पर कार्रवाई होती थी. जो बड़े और महत्वपूर्ण विषय होते थे, उनके आकाशवाणी के माध्यम से महीने में एक बार जवाब जरुर देते थे.


इतना ही नहीं वे अखबारों को पढ़कर खुद बड़ी खबरों का चयन करते थे. उसके आधार पर एक नोट शीट तैयार होती थी, जो काफी कड़ी भाषा में रहती थी और सीधे मुख्य सचिव और कलेक्टर तक पहुंचती थी. जिस पर शत-प्रतिशत कार्रवाई हुआ करती थी. मुख्यमंत्री के तौर पर दो या तीन कलेक्टर उनके जिले की समस्याओं को लेकर रोजाना बात करते थे. इसलिए पूरे प्रदेश के कलेक्टर सतर्क रहते थे. केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश को अखिल भारतीय संस्थान दिए और उन्होंने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर कल्याणकारी कार्य किए. रोहित मेहात ने कहा देश की राजनीति में उनकी कमी हमेशा रहेगी.

Intro:भोपाल।आज के दौर में जब संचार के विभिन्न साधन हैं, तब भी हुक्मरानों तक जनता की आवाज नहीं पहुंचती है। लेकिन स्वर्गीय अर्जुन सिंह एक ऐसे मुख्यमंत्री थे। जिन्होंने एक पोस्ट कार्ड के जरिए जनता की लाखों समस्याओं का हल किया और जनता से संवाद का सीधा माध्यम इजाद किया। मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जुन सिंह ने एक कार्यक्रम की परिकल्पना की थी।जिसे उन्होंने" सवाल जनसाधारण के और जवाब मुख्यमंत्री के" नाम दिया था। कार्यक्रम के तहत प्रदेश की जनता अपनी कोई भी समस्या एक पोस्टकार्ड पर लिखकर मुख्यमंत्री के नाम भेजती थी और स्वयं मुख्यमंत्री उन पोस्टकार्ड पर आई समस्या का शत प्रतिशत निराकरण करते थे और जो बड़ी समस्याएं और सुझाव हुआ करते थे। उनके निराकरण के लिए महीने में एक बार आकाशवाणी के जरिए जनता से संवाद किया करते थे। खासकर सर्वहारा वर्ग के लिए उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया।


Body:मुख्यमंत्री के रूप में अर्जुन सिंह के प्रेस प्रकोष्ठ में सहायक जनसंपर्क अधिकारी रहे रोहित मेहता बताते हैं कि उनके हर निर्णय और कार्यशैली के पीछे हमेशा सर्वहारा वर्ग रहता था।हफ्ते में 2 दिन प्रदेश से आए गरीब लोगों से सामान्य भेंट करते थे। उनकी समस्याएं वही तुरंत निपटाते थे और मौके पर ही सेक्रेटरी को निर्देश देते थे। दूसरा उन्होंने एक कार्यक्रम शुरू किया था " सवाल जनसाधारण के जवाब मुख्यमंत्री के" इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर के लोग पोस्टकार्ड पर छोटे-छोटे गांव से अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री के पास भेजते थे। उनके पास आने वाले सभी पत्रों पर कार्रवाई होती थी।जो बड़े और महत्वपूर्ण विषय होते थे उनके आकाशवाणी के माध्यम से महीने में एक बार जवाब देते थे। इस तरह उनका आम जनता से जुड़ाव था। उस समय जो बड़े अखबारों में खबरें आती थी। अखबारों को पढ़कर खुद बड़ी खबरों का चयन करते थे। उसके आधार पर एक नोट शीट तैयार होती थी, जो काफी कड़ी भाषा में रहती थी और सीधे मुख्य सचिव और कलेक्टर तक पहुंची थी। जिस पर शत-प्रतिशत कार्रवाई हुआ करती थी। मुख्यमंत्री के तौर पर दो या तीन कलेक्टर उनके जिले की समस्याओं को लेकर रोजाना बात करते थे। इसलिए पूरे प्रदेश के कलेक्टर सतर्क रहते थे। कि पता नहीं कब मुख्यमंत्री का फोन आ जाए। अपने साथ हमेशा उन अफसरों को चुना। जो मध्यप्रदेश से लगाव रखते थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। अशोक बाजपेई संस्कृति सचिव, सुदीप बनर्जी संचालक, वी जे निगम,आई एस धाणी, डी जे भावे। यह सब जो मध्य प्रदेश से लगाव रखते थे। क्योंकि मध्यप्रदेश के रखने वाले थे उनकी काफी पारखी नजर थी।


Conclusion:मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सहायक जनसंपर्क अधिकारी रहे रोहित मेहता बताते हैं कि मेरा सौभाग्य था कि उस समय मेरी नौकरी लगी थी और मुझे मुख्यमंत्री के प्रेस प्रकोष्ठ में पदस्थ किया गया। उनकी जो कार्यशैली थी, वह अद्भुत थी। ऐसी कार्यशैली आज तक देखने को नहीं मिली। उनका संदेश देने का तरीका काफी सुंदर था,वह संवेदनशीलता की पराकाष्ठा थे। समाजवाद उनकी रग-रग में था. यह सब बातें उनके द्वारा लिए गए सर्वहारा वर्ग के कल्याण के फैसलों में झलकती है। उन्हींने झुग्गी झोपड़ी वालों को पट्टे देने की शुरुआत की। तेंदूपत्ता नीति बनाकर वास्तविक हकदार ओं को हक दिलाया। रिक्शा वालों को मालिकाना हक दिया।उनके मन में सर्वहारा वर्ग की कष्टों की पीड़ा हमेशा रहती थी।प्रशासनिक क्षमता गजब थी,उनके मुकाबले की प्रशासनिक क्षमता का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।इतने लोगों की मदद की कि यह सिर्फ उन्हें और जिसकी मदद की, उसे पता रहता था। केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश को अखिल भारतीय संस्थान दिए। आज उनकी कमी हर उस व्यक्ति को खलती है, जो उनके नजदीक रहा है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.