भोपाल। पूरे प्रदेश के साथ-साथ राजधानी भोपाल में भी पिछले 5-6 दिनों से धुंध व कोहरे के साथ हल्की-हल्की बूंदाबांदी का दौर भी लगातार जारी है. यही वजह है कि भोपाल में रात के समय कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है और गरीब और बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरा ही रात गुजारने का एकमात्र सहारा है. पिछले दिनों भोपाल कमिश्नर कविंद्र कियावत ने रात के समय भोपाल के कई रैन बसेरों का जायजा लिया. जहां भारी खामियां देखने को मिलीं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए, कि वो उचित व्यवस्था करें.
बैरसिया के रैन बसेरा में मिली चौंकाने वाली जानकारी
बैरसिया में मौजूद एकमात्र रैन बसेरे का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो जो देखा गया, वह चौंकाने वाला था. बैरसिया में रैन बसेरा के नाम पर सिर्फ एक बड़ा हॉल है, जिसमें एक कमरा है. जिसकी हालत ऐसी है कि देखकर रौंगटे खड़े हो जाए. हॉल में जगह-जगह पानी भरा हुआ है, और कमरे में जो खिड़की है. उसमें कांच ही नहीं लगे हैं, सबसे चौकाने वाली बात ये है कि इस रैन बसेरे में टॉयलेट की सुविधा तक नहीं है. अगर है तो वह बंद पड़े हैं उनकी स्थिति ऐसी की कोई वहां जा नहीं सकता.
कबाड़खाने में तब्दील हुआ रैन बसेरा
वहीं यह भी देखा गया कि दो लोग रात में रैन बसेरा में सोते हुए मिले. जिनमें से एक व्यक्ति खुले हॉल में सो रहा था, जबकि दूसरा अंदर वाले कमरे में सो रहा था. रैन बसेरा में रजाई, गद्दे के नाम पर कुछ फटे हुए चीथड़े मिले. जिनको रैन बसेरा में आने वाले को दे दिया जाता है. वहीं रैन बसेरा के अन्य कमरे कबाड़खाने में तब्दील हो चुके हैं. छत की पपड़ी निकल रही है और परिंदों ने अपना आशियाना रैन बसेरा में बना लिया है.
जिम्मेदारों ने दिया गैर जिम्मेदाराना जवाब
इस मामले में नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक संजीव गुप्ता से चर्चा की गई. तो उन्होंने कहा कि एक दो महीने में हॉल का काम शुरू हो जाएगा. मगर वो यह नहीं बता पाए कि दो महीने तक बैरसिया नगर में रैन बसेरा में आकर रात गुजारने वाले गरीबों का क्या होगा. हैरानी वाली बात है कि स्वच्छता निरीक्षक स्वच्छता और सफाई को छोड़कर नई बिल्डिंग बनाने की बात कह रहे हैं और स्वच्छता के नाम पर जो मजाक हो रहा है उस पर कुछ नहीं बोले.