भोपाल। 2 साल पहले आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया था. बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिए आज पूरे दो साल हो चुके हैं. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने कार्रवाई करते हुए 26 फरवरी की देर रात इसका बदला लिया था. पाकिस्तान में घुस कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था. भारतीय वायुसेना के इस एयर स्ट्राइक में जैश के करीब 250 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की बात कही गई थी. ईटीवी भारत से इस मौके पर पूर्व विंग कमांडर अनुमा आचार्य और वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक और पूर्व विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने एक्सक्लूसीव बातचीत की.
सवाल: बालाकोट एयर स्ट्राइक की आज दूसरी बरसी है, पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा था. ऐसे में यह एयर स्ट्राइक कब प्लान हुआ और भारत ने कब सोचा कि अपने 45 जवानों की शहादत का बदला लेना है?
उत्तर: प्रफुल्ल बख्शी (पूर्व विंग कमांडर): यह रोष भारत में बहुत पहले से था, 25 साल से रोष था. पुलवामा में जो हुआ उसका रोष रोका नहीं जा सकता था. स्ट्राइक पहले से ही प्लान था. एक बेस से ही नहीं कई बेस से भारतीय लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी. लो-लेवल पर बॉम्बिंग होने लगी. ऐसे में पाकिस्तान को मानना पड़ा कि उनके यहां एयर स्ट्राइक हुई थी. पाकिस्तान को हमारी एयर स्ट्राइक के बारे में पता नहीं चला.
सवाल : बालाकोट एयरस्ट्राइक का कोडनेम था 'ऑपरेशन बंदर'. ये नाम ही क्यों रखा गया?
उत्तर: अनुमा आचार्य (पूर्व विंग कमांडर): यह जो स्ट्राइक थी जिसमें हमारे विदेशी सचिव विजय गोखले ने कहा था कि ये नॉन मिलिट्री प्रीएम्टिव स्ट्राइक थी. ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक इसका नाम ऑपरेशन बंदर रखा गया. इसके पीछे कोई सोची समझी तकनीक नहीं थी. 1932 से वायु सेना ने अपने आप को तैयार रखा था. उत्तराखंड और हिमाचल से इसकी ऑनलाइन रिफ्यूलिंग भी हुई थी.
सवाल: मिराज-2000 का ही चुनाव क्यों एयर स्ट्रइक के लिए किया गया? किन जेट्स और कौन से स्क्वाड्रन को इसके लिए तैयार किया गया?
उत्तर: अनुमा आचार्य (पूर्व विंग कमांडर): इसके लिए स्पाइस 2000 को चुनाव किया था. जो हजार किलो का बम था. इसके अंदर जीपीएस कंट्रोल होता है. यह 100 किलोमीटर तक हवा में खुद ही गाइड होकर टारगेट को हिट करता है.
सवाल: भारत की तरफ से जब एयर स्ट्राइक की गई तब क्या राफेल की कमी महसूस की गई?
उत्तर: प्रफुल्ल बख्शी(पूर्व विंग कमांडर): हां! राफेल की कमी महसूस की गई थी. दो से तीन स्क्वाड्रन चाहिए हमे राफेल का. सुपरसॉनिक जेट को डॉउन कर दिया गया क्योंकि रुस ने प्रेशर डाला था कि आप इसको इस्तेमाल करेंगे तो हम बाकी सप्लाई रोक देंगे.
सवाल: कितने बजे यह हवाई हमला किया गया. कितने वक्त तक के लिए भारत के लड़ाकू विमान पाकिस्तानी एयर स्पेस में थे.
उत्तर: अनुमा आचार्य (पूर्व विंग कमांडर): पूरा ऑपरेशन 6 से 7 मिनट में हो गया था. 50 किलोमीटर एलएसी के अंदर तक हम गए थे. मिराज 2000 नॉन अपग्रेड विमान थे. हमले के लिए स्किल्स की जरुरत होती है. हमें अभी 120 राफेल की जरुरत है. 2007 में राफेल की टेंडरिंग हुई थी.
सवाल: भारत की एयर स्ट्राइक का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने दुनिया को झांसा में रखने के लिए क्या कोशिशें की?
उत्तर: अनुमा आचार्य (पूर्व विंग कमांडर): पाकिस्तान ने अपन कमजोरी छुपाने के लिए यह कार्रवाई की.पाकिस्तान हमारा पुराना दुश्मन है. पाकिस्तान की नियत में हमको सुधार दिखता नहीं है.
सवाल : 27 फरवरी को जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है. इसी दौरान मिग 21 उड़ा रहे पायलट अभिनंदन पाकिस्तान के एफ -16 विमान को मार गिरा देते है .लेकिन इसी दौरान अभिनंदन का प्लेन क्रेश हो जाता है.भारत क्या रिएक्शन रहा तब.
उत्तर: प्रफुल्ल बख्शी(पूर्व विंग कमांडर): अमेरिका पाक को एफ-16 तालिबान पर हमला करने के लिए थे. पाक ने इसका दूसरा इस्तेमाल करना शुरु किया. जिनेवा कन्वेंशन के तहत पाक को हमारा पायलट वापस करना पड़ा . पाकितान आर्मी के कहने पर चलता है.
सवाल: भारत की हमेशा रक्षात्मक छीव रही है .क्या संदेश भारत ने देने की कोशिश की भारत अब ऐसे हमले सहन नहीं करेगा.
उत्तर: प्रफुल्ल बख्शी(पूर्व विंग कमांडर): हमने उनके कैंपस पर हमला किया .हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया और वैसे भी यह नॉन मिलिटरी स्ट्राइक थी. भारत की पॉलिसी में अब बदलाव आ गया . तभी पाक और चाईना के बीच पीसफुल करार साइन हो रहे है.
सवाल: बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान बाज आएगा या नहीं.
उत्तर: अनुमा आचार्य (पूर्व विंग कमांडर): ना पाकिस्तान बाज आने वाला है ना चाईना बाज आने वाला है. भारत की सेना कभी कमजोर नहीं थी.
सवाल: बालाकोट स्ट्राईक क्यों खास रहा भारत के लिए .
उत्तर: अनुमा आचार्य (पूर्व विंग कमांडर): हर एक लेवल पर भारत ने सीखा है. मिनिस्ट्री लेवल पर भी सीखा सैन्य लेवल पर भी सीखा .