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550 से ज्यादा ई-टेंडर संदेह के घेरे में, EOW ने सभी विभागों से मांगी जानकारी

ई-टेंडर घोटाले का दायरा बढ़ता जा रहा है. अब संदेह के दायरे में 500 से ज्यादा ई-टेंडर हैं. ईओडब्ल्यू ने 9 टेंडरों के खिलाफ FIR दर्ज की है, साथ ही विभागों से जानकारी मांगी है.

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Published : Apr 27, 2019, 3:02 PM IST

ईओडब्ल्यू

भोपाल। मध्यप्रदेश में हज़ार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की परतें दिन-ब-दिन खुलती जा रही हैं. अब संदेह के घेरे में 550 से भी ज्यादा ई-टेंडर आ गए हैं. EOW ने 9 टेंडरों को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इन्वेस्टिगेशन में EOW को और भी ई-टेंडर्स में गड़बड़ियां मिली हैं, जिसकी संख्या 500 से ज्यादा है. जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने सभी विभागों से जानकारी मांगी है.


EOW की टीम ने 9 टेंडरों को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इन टेंडरों की पड़ताल के साथ ही EOW को कई और टेंडर्स में भी गड़बड़ी की आशंका है. यही वजह है कि पहले इन 9 टेंडरों पर फोकस किया जाएगा. इसके बाद दूसरे टेंडरों को भी जांच में लिया जाएगा. साल 2012 से अब तक जारी हुए ई-टेंडर की भी जांच आने वाले समय में की जाएगी.

EOW ने मांगी जानकारी


अगर इनमें गड़बड़ियां पाई जाती है, तो एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. लेकिन यह टेंडर करीब साढ़े 3 लाख के आसपास है. ऐसे में परीक्षण करना ईओडब्ल्यू के लिए भी टेढ़ी खीर साबित होगा. साथ ही परीक्षण में लंबा समय भी लग सकता है. ईओडब्ल्यू डीजे केएन तिवारी का कहना है कि सभी विभागों को इन सभी टेंडर्स की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में हज़ार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की परतें दिन-ब-दिन खुलती जा रही हैं. अब संदेह के घेरे में 550 से भी ज्यादा ई-टेंडर आ गए हैं. EOW ने 9 टेंडरों को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इन्वेस्टिगेशन में EOW को और भी ई-टेंडर्स में गड़बड़ियां मिली हैं, जिसकी संख्या 500 से ज्यादा है. जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने सभी विभागों से जानकारी मांगी है.


EOW की टीम ने 9 टेंडरों को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इन टेंडरों की पड़ताल के साथ ही EOW को कई और टेंडर्स में भी गड़बड़ी की आशंका है. यही वजह है कि पहले इन 9 टेंडरों पर फोकस किया जाएगा. इसके बाद दूसरे टेंडरों को भी जांच में लिया जाएगा. साल 2012 से अब तक जारी हुए ई-टेंडर की भी जांच आने वाले समय में की जाएगी.

EOW ने मांगी जानकारी


अगर इनमें गड़बड़ियां पाई जाती है, तो एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. लेकिन यह टेंडर करीब साढ़े 3 लाख के आसपास है. ऐसे में परीक्षण करना ईओडब्ल्यू के लिए भी टेढ़ी खीर साबित होगा. साथ ही परीक्षण में लंबा समय भी लग सकता है. ईओडब्ल्यू डीजे केएन तिवारी का कहना है कि सभी विभागों को इन सभी टेंडर्स की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश में हज़ार करोड़ के ई टेंडर घोटाले की परते दिन प्रतिदिन गहरी होती जा रही है अब संदेह के घेरे में 550 से भी ज्यादा ई टेंडर आ गए हैं फिलहाल ईओडब्ल्यू ने 9 टेंडरों को लेकर ही एफ आई आर दर्ज की है लेकिन इन्वेस्टिगेशन में ईओडब्ल्यू के हाथ अहम सबूत लगे हैं कि कई और भी ई टेंडर्स में गड़बड़ियां हुई है जिनकी संख्या करीब साढे 500 से ज्यादा है अब ईओडब्ल्यू ने जल निगम, रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट सेबी सभी टेंडर रॉकी जानकारियां मंगाई गई है बताया जा रहा है कि अब तक करीब साढे 3 लाख ई टेंडर जारी किए गए हैं।


Body:ईओडब्ल्यू की टीम ने 9 टेंडरों को लेकर एफआईआर दर्ज की है, इन टेंडरों की पड़ताल के साथ ही ईओडब्ल्यू को कई और टेंडर्स में भी गड़बड़ी की आशंका है यही वजह है कि पहले इन 9 टेंडरों पर फोकस किया जाएगा इसके बाद दूसरे टेंडरों को भी जांच में लिया जाएगा साल 2012 से अब तक जारी हुए ई टेंडर की भी जांच आने वाले समय में की जाएगी और अगर गड़बड़ियां पाई जाती है तो एफ आई आर भी दर्ज की जाएगी लेकिन यह टेंडर करीब साढ़े तीन लाख के आस-पास है ऐसे में इंकार परीक्षण करना ईओडब्ल्यू के लिए भी टेढ़ी खीर साबित होगा साथ ही परीक्षण में लंबा समय भी लग सकता है ईओडब्ल्यू डीजे केएन तिवारी ने बताया कि फिलहाल सभी विभागों को इन सभी टेंडर्स की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, ईओडब्ल्यू।


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