भोपाल। रोहित गृह निर्माण सोसाइटी गड़बड़ी मामले में ईओडब्ल्यू ने नया खुलासा किया है. इस मामले में बीजेपी नेता और भू-माफिया घनश्याम सिंह राजपूत ने किस तरह रजिस्ट्री करवाई थी. ईओडब्ल्यू की जांच में ये खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि घनश्याम सिंह राजपूत ने अपने ड्राइवर, ड्राइवर की बहन और सफाईकर्मियों के नाम से दर्जन भर रजिस्ट्रियां करवाई थी. सोसाइटी में ऐसे करीब 17 प्लॉट थे, जो अवैध थे, लेकिन कब्जा घनश्याम सिंह का था.
रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति और आकांक्षा गृह निर्माण सहकारी समिति घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू ने भू-माफिया घनश्याम सिंह राजपूत के ड्राइवर को गवाह बना लिया है. इओडब्ल्यू ने फिलहाल ड्राइवर का बयान दर्ज किया है. ड्राइवर से पूछताछ में ईओडब्ल्यू को कई अहम जानकारियां हाथ लगी है. बताया जा रहा है कि घनश्याम सिंह ने अपने ड्राइवर, ड्राइवर की बहन और सफाईकर्मियों के नाम पर रजिस्ट्रियां करवाई थी. करीब 12 रजिस्ट्रियों में ड्राइवर को गवाह भी बनाया गया था.
बताया जा रहा है कि 8 साल पहले ड्राइवर की बहन की तबीयत खराब होने पर वह इलाज कराने भोपाल आई थी. इस दौरान घनश्याम ने आनन-फानन में रोहित नगर के एक प्लॉट की रजिस्ट्री ड्राइवर की बहन के नाम करवा दी थी, जबकि ये प्लॉट पहले से ही समिति की पात्र महिला सदस्य के नाम था. ईओडब्ल्यू ने रोहित गृह निर्माण सोसाइटी में हुई गड़बड़ियों को लेकर एफआईआर दर्ज की है. जिसमें भू-माफिया घनश्याम सिंह राजपूत सहित 24 लोगों को आरोपी बनाया गया है. घनश्याम सिंह की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में पीड़ितों, पात्र-अपात्र सदस्यों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.