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ई टेंडर, MCU, सिंहस्थ के बाद EOW ने शुरू की स्मार्ट सिटी घोटाले की जांच, पूर्व सचिव पर गिरेगी गाज?

EOW ने शिवराज सरकार में हुए स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर शिकायत पंजीबद्ध कर लिया है. EOW ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है.

स्मार्ट सिटी को लेकर EOW ने की शिकायत पंजीबद्ध
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Published : Oct 15, 2019, 9:29 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 8:30 AM IST

भोपाल। ई-टेंडर, माखनलाल और सिंहस्थ घोटाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद EOW ने शिवराज सरकार में हुए स्मार्ट सिटी घोटाले की जांच शुरू कर दी है. इस शिकायत में मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल पर घोटाले का आरोप है. साथ ही उन पर अपने बेटे की कंपनी को भी लाभ पहुंचाने के आरोप लगे हैं. फिलहाल EOW ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है.

स्मार्ट सिटी को लेकर EOW ने की शिकायत पंजीबद्ध

अप्रैल 2017 में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनाने के लिए एचपीई कंपनी को टेंडर दिया गया था. ये टेंडर कुल 300 करोड़ रुपए का था. आरोप है कि BSNL ने 250 करोड़ का टेंडर डाला था. इसके बावजूद ये टेंडर एचपीई कंपनी को दिया गया. चौंकाने वाली बात तो ये है कि स्मार्ट सिटी की कंसलटेंट कंपनी पीडब्ल्यूसी में ही विवेक अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल सीनियर अधिकारी हैं.

टेंडर जारी होने के महज 6 दिन पहले ही कोलकाता में पीडब्ल्यूसी और एचपीई कंपनी के बीच साथ में काम करने का करार हुआ था. 6 दिन बाद ही एचपीई कंपनी को ये बड़ा टेंडर जारी कर दिया गया. नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव पर ये टेंडर एचपीई कंपनी को दिलाने और फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं. इसके अलावा ये भी आरोप है कि प्रजेंटेशन में भी एचपीई कंपनी को 200 में से 175 मार्क दे दिए गए.

फिलहाल EOW ने स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर सिर्फ शिकायत पंजीबद्ध किया है. अब बारीकी से इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही EOW इसे लेकर एफआईआर भी दर्ज कर सकती है. जिसके बाद सीनियर IAS अफसर विवेक अग्रवाल और कंपनियों से जुड़े अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है.

भोपाल। ई-टेंडर, माखनलाल और सिंहस्थ घोटाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद EOW ने शिवराज सरकार में हुए स्मार्ट सिटी घोटाले की जांच शुरू कर दी है. इस शिकायत में मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल पर घोटाले का आरोप है. साथ ही उन पर अपने बेटे की कंपनी को भी लाभ पहुंचाने के आरोप लगे हैं. फिलहाल EOW ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है.

स्मार्ट सिटी को लेकर EOW ने की शिकायत पंजीबद्ध

अप्रैल 2017 में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनाने के लिए एचपीई कंपनी को टेंडर दिया गया था. ये टेंडर कुल 300 करोड़ रुपए का था. आरोप है कि BSNL ने 250 करोड़ का टेंडर डाला था. इसके बावजूद ये टेंडर एचपीई कंपनी को दिया गया. चौंकाने वाली बात तो ये है कि स्मार्ट सिटी की कंसलटेंट कंपनी पीडब्ल्यूसी में ही विवेक अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल सीनियर अधिकारी हैं.

टेंडर जारी होने के महज 6 दिन पहले ही कोलकाता में पीडब्ल्यूसी और एचपीई कंपनी के बीच साथ में काम करने का करार हुआ था. 6 दिन बाद ही एचपीई कंपनी को ये बड़ा टेंडर जारी कर दिया गया. नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव पर ये टेंडर एचपीई कंपनी को दिलाने और फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं. इसके अलावा ये भी आरोप है कि प्रजेंटेशन में भी एचपीई कंपनी को 200 में से 175 मार्क दे दिए गए.

फिलहाल EOW ने स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर सिर्फ शिकायत पंजीबद्ध किया है. अब बारीकी से इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही EOW इसे लेकर एफआईआर भी दर्ज कर सकती है. जिसके बाद सीनियर IAS अफसर विवेक अग्रवाल और कंपनियों से जुड़े अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है.

Intro:भोपाल- ई-टेंडर माखनलाल और सिंहस्थ घोटालों के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद अब EOW ने शिवराज सरकार में हुए स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर भी शिकायत पंजीबद्ध कर ली है। इस शिकायत में मध्यप्रदेश के सीनियर IAS अफसर और नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल पर घोटाले के आरोप हैं। साथ ही उन पर अपने बेटे की कंपनी को भी लाभ पहुंचाने के आरोप लगे हैं। फिलहाल EOW ने शिकायत की जांच शुरू कर दी है।


Body:स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर भी अब EOW ने एक शिकायत पंजीबद्ध कर ली है। शिकायत में सीनियर IAS अफसर विवेक अग्रवाल पर घोटाले के आरोप लगे हैं। साथ ही उनके बेटे वैभव अग्रवाल की कंपनी को भी लाभ पहुंचाने के आरोप लगे हैं। दरअसल अप्रैल 2017 में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनाने के लिए एचपीई कंपनी को टेंडर दिया गया था। यह टेंडर कुल 300 करोड रुपए का था। आरोप है कि BSNL ने 250 करोड़ का टेंडर डाला था। इसके बावजूद यह टेंडर एचपीई कंपनी को दिया गया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि स्मार्ट सिटी की कंसलटेंट कंपनी पीडब्ल्यूसी में ही विवेक अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल सीनियर अधिकारी है। और टेंडर जारी होने के महज 6 दिनों पहले ही कोलकाता में पीडब्ल्यूसी और एचपीई कंपनी के बीच साथ में काम करने का करार हुआ था और 6 दिनों बाद ही एचपीई कंपनी को यह बड़ा टेंडर जारी कर दिया गया। नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव पर यह टेंडर एचपीई कंपनी को दिलाने और फायदा पहुंचाने के आरोप है। इसके अलावा यह भी आरोप है कि प्रजेंटेशन में भी एचपीई कंपनी को 200 में से 175 मार्क दे दिए गए।


Conclusion:फिलहाल EOW ने स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर सिर्फ शिकायत पंजीबद्ध की है। अब बारीकी से इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही EOW इसे लेकर FIR भी दर्ज कर सकता है। मामले में FIR दर्ज होने के बाद सीनियर IAS अफसर विवेक अग्रवाल और कंपनियों से जुड़े अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

बाइट- सुशोभन बेनर्जी, डीजी, इओडब्ल्यू।
Last Updated : Oct 16, 2019, 8:30 AM IST
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