भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए ई-टेंडर और सिंहस्थ घोटाले के बाद अब EOW की रडार पर भोपाल कॉपरेटिव बैंक घोटाला भी आ गया है. EOW की टीम ने अब कॉपरेटिव बैंक में हुए 111 करोड़ के घोटाले की जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि जल्द ही EOW इस घोटाले को लेकर भी एक FIR दर्ज कर सकता है.
मध्यप्रदेश में शिवराज के शासनकाल में हुए ई-टेंडर, MCU और सिंहस्थ घोटाले के बाद अब EOW ने भोपाल कॉपरेटिव बैंक घोटाले को लेकर भी अपनी जांच तेज कर दी है. यह घोटाला भोपाल कॉपरेटिव बैंक से जुड़ा हुआ है बताया जा रहा है कि जिम्मेदारों ने जमाकर्ताओं के रुपए को बिना किसी गारंटी और सुरक्षा के चिटफंड कंपनियों में लगा दिया अब यह चिटफंड कंपनियां ना तो मूल रुपए लौटा रही हैं और ना ही इन पर कोई ब्याज दिया जा रहा है. कॉपरेटिव बैंक के जिम्मेदारों ने चिटफंड कंपनियों में निवेश कर दिया और 111 करोड़ रुपए को एनपीए बताकर भूपत खाते में डाल दिया.
EOW के अधिकारियों के मुताबिक ये घोटाला ज्यादा ब्याज के लालच में किया गया है. बैंक के अधिकारियों ने ज्यादा ब्याज के लालच में ऐसी कंपनी में जमाकर्ताओं का पैसा लगाया जो बंद होने की कगार पर पहुंच गई है. बैंक में मुंबई की दो कंपनियों ITNL और IATS ने अक्टूबर 2017 में 111 करोड़ रुपए साढे़ 9 फीसदी ब्याज के लालच में जमा किए थे, जब अक्टूबर 2018 में 1 साल पूरा हुआ तो पता चला कि ये कंपनियां रुपए लौटाने की हालत में ही नहीं हैं, इस घोटाले में ऑडिट करने वाली निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्थाओं से जुड़े कई अधिकारियों पर घोटाले के आरोप लगे हैं, जिनके खिलाफ जल्द ही EOW मामला दर्ज कर सकता है.