भोपाल। नये साल की शुरुआत में एमपी में आम उपभोक्ता को बिजली के दो तरफा झटके लगने वाले हैं. एक तरफ फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट यानि एफसीए के नाम पर प्रति यूनिट 14 पैसे बढा दिए गए हैं. यानि प्रति यूनिट अब बीस पैसे के बजाए 34 पैसे देने होंगे. दूसरी तरफ 6 जनवरी से आर पार की लड़ाई के मूड में उतर रहे बिजली कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति बन सकती है.
नए साल में बिल देगा उपभोक्ता को झटके: एमपी में बिजली उपभोक्ता बढ़े हुए बिल का झटका खाने तैयार रहें. फ्यूल कास्ट एडजेस्टमेंट के नाम पर 14 पैसे पर यूनिट की दर से बिजली के दाम बढ़ा दिए गए हैं. एक जनवरी से ही ये नई दरें लागू हो गई हैं. अब ये मान कर चलिए कि जिस एक यूनिट के अब तक आप बीस पैसा प्रति यूनिट दे रहे थे. उस पर आपको 34 पैसा प्रतियूनिट देने होंगे. ये दरें फिलहाल तीन महीने के लिए बढ़ाई गई हैं. तीन महीने बाद फिर रिव्यू होगा. पुरानी दरें जिसमें प्रति यूनिट 20 पैसे लिया जा रहा था. 31 दिसम्बर तक लागू थी. मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने एफसीए बढ़ाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं.
बिजली कर्मचारियों की नहीं सुनी तो ब्लैक आउट: प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा बिजली कर्मचारी भी सरकार को बड़ा झटका देने की तैयारी में है. इस झटके का असर उपभोक्ताओं तक भी आएगा. बिजली विभाग के लाइन मैन से लेकर अलग-अलग शाखाओं के सारे कर्मचारी 6 जनवरी से सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी में हैं. इसमें संविदा बिजली कर्मचारी से लेकर आउटसोर्स कर्मचारी और नियमित कर्मचारी भी शामिल हैं. बिजली आउट सोर्स संविदा कर्मचारियों ने पांच साल में पांच सौ से ज्यादा ज्ञापन दिए हैं, लेकिन कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार की ओर से उन्हें चर्चा के लिए भी नहीं बुलवाया गया. यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के संयोजक व्ही के एस परिहार का कहना है कि हमने पांच सूत्रीय मांगे सरकार के समक्ष रखी हैं, अगर उनका निराकरण नहीं किया जाता है तो यूनाइटेड फोरम 6 जनवरी से शुरु से बिजली कर्मियों के आंदोलन और कार्य बहिष्कार में शामिल रहेगा.