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एकाग्र शिल्प शिविर का हुआ आयोजन, अलग-अलग राज्यों से आए शिल्पकार - एकाग्र शिल्प शिविर का आयोजन

राजधानी भोपाल में एकाग्र शिल्प शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से शिल्पकार शामिल हुए.

ekagrah craft camp organized
एकाग्र शिल्प शिविर का आयोजन
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Published : Jan 11, 2020, 7:16 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 7:54 PM IST

भोपाल। राजधानी में आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी का आयोजन किया गया, जो मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा जनजातीय संग्रहालय में आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में प्रदेश सहित अन्य राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्पकार शामिल हुए.

एकाग्र शिल्प शिविर का आयोजन

देश में मिट्टी के खिलौनों का प्रचलन कई सालों से है. बदलते समय में मिट्टी के खिलौने मिलना बंद हो गए हैं. मिट्टी के खिलौनों को रंगों से सजाया जाता है. आज के समय में बच्चों को मिट्टी के खिलौने से परिचित कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाने और उपयोगिता समझाने के लिए किया जा रहा है.

भोपाल। राजधानी में आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी का आयोजन किया गया, जो मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा जनजातीय संग्रहालय में आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में प्रदेश सहित अन्य राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्पकार शामिल हुए.

एकाग्र शिल्प शिविर का आयोजन

देश में मिट्टी के खिलौनों का प्रचलन कई सालों से है. बदलते समय में मिट्टी के खिलौने मिलना बंद हो गए हैं. मिट्टी के खिलौनों को रंगों से सजाया जाता है. आज के समय में बच्चों को मिट्टी के खिलौने से परिचित कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाने और उपयोगिता समझाने के लिए किया जा रहा है.

Intro:भोपाल आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद परिषद द्वारा जनजातीय संग्रहालय में आकार माटी के खिलौनों पर एकाग्र सिर्फ शिवर में मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश उड़ीसा राजस्थान पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्पकार हिस्सेदारी कर रहे हैं


Body:हमारे देश में मिट्टी के खिलौनों की का प्रचलन बहुत वर्षों से है बदलते समय में आज मिट्टी के खिलौने लुप्त से हो गए हैं मिट्टी के खिलौनों की विशेषता यह है कि यह शिल्पकारों द्वारा गड़ा जाने वाला देसी खिलौना है जिसमें गुड्डे गुड़िया राजा रानी पशु पक्षी सहित सभी रंग वेशभूषा की आकृतियां मिल जाती है यह खिलौने हमारी पुरानी परंपरा को दर्शाते हैं वर्तमान समय में अपने बच्चों को मिट्टी के पारंपरिक खिलौने से परिचित कराने और इसका उपयोग जीवन में सुनिश्चित हो सके इसके प्रयास और धरती को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से बचाने और मिट्टी जो जीवन का अटूट हिस्सा है उसकी उपयोगिता समझे जाना उद्देश्य है


Conclusion:बाइट मुकेश प्रजापति बैतूल
Last Updated : Jan 11, 2020, 7:54 PM IST
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