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MP News बाल गृह में बच्चे खाएंगे अंडा और चिकन, मध्य प्रदेश किशोर न्याय अधिनियम की अधिसूचना में बदलें नियम - महिला एवं बाल विकास विभाग एमपी

मध्यप्रदेश के बाल गृहों,आश्रय और संप्रेषण गृह में बच्चों को अंडा और चिकन देने की अधिसूचना एक बार फिर जारी हुई है. आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा और चिकन देने का विवाद पहले भी प्रदेश में उठ चुका है, जब कांग्रेस की सरकार में यह नियम लागू हुआ था तब बीजेपी ने इसका विरोध जताया था, वहीं वर्तमान बीजेपी सरकार ने यही नियम फिर लागू किया है.

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बाल गृह में बच्चों को अंडा
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Published : Sep 4, 2022, 8:39 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ियों में अंडा वितरण को लेकर अधिकतर विवाद की स्थिति पैदा होती रही है. ताजा मामला महिला एवं बाल विकास विभाग के किशोर न्याय नियम 2022 का है. जिसमें बदलाव करते हुए विभाग ने अधिसूचना जारी की है. यह अधिसूचना 25 अगस्त की है. इस अधिसूचना के बाद मध्यप्रदेश में एक बार सिर्फ सियासी हलचल तेज होना लाजमी है, क्योंकि आंगनबाड़ियों में अंडा देने का प्रस्ताव कांग्रेस के समय आया था.

कांग्रेस के समय हुआ था विरोध
मध्यप्रदेश में संचालित हो रहे बाल गृहों,आश्रय और संप्रेषण गृह में रहने वाले किशोरों को सप्ताह में 1 दिन चिकन और 4 दिन अंडा देने की बात कही गई है. इसमें शाकाहारी किशोरों का भी ध्यान रखा गया है. उन्हें इसकी जगह गुड़ व मूंगफली और 100 ग्राम पनीर दिया जाएगा. इसको लेकर महिला एवं बाल विकास ने पोषण आहार के मानक तय कर दिए हैं. इस अधिसूचना के बाद मध्यप्रदेश में एक बार सिर्फ सियासी हलचल तेज होना लाजमी है, क्योंकि आंगनबाड़ियों में अंडा देने का प्रस्ताव कांग्रेस के समय आया था. साल 2015 में उस समय इस विभाग की मंत्री इमरती देवी थी, लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया था. बाद में बीजेपी की सरकार में भी इसको लेकर बात सामने आई, लेकिन विरोध के सुर के बीच यह मामला दब गया. वहीं एक बार फिर प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग में इसको लागू करने की अधिसूचना जारी की है.

खाने के साथ बच्चों का पहनावा भी हुआ तय
अंडे और चिकन के साथ ही प्रदेश के बालगृह ,आश्रम और संप्रेषण गृह में रहने वाले किशोर किशोर क्या क्या पहनेंगे यह भी तय किया गया है. जिसमें लड़कियों के लिए इंडो वेस्टर्न ,टॉप स्कर्ट ,जींस ,कुर्ता पजामा पेंट आदि को शामिल किया गया है. तो लड़कों के लिए टीशर्ट शर्ट हाफ पेंट जींस जैकेट कुर्ता पजामा बैग आदि शामिल है. आपको बता दें कि प्रदेश अभी 155 से अधिक संप्रेषण बाल गृह, शिशु गृह के साथ ही विशेष गृह 30 सरकारी और पंचानवे अशासकीय संस्थाएं हैं. जिसमें में बाल अपराधियों, भीख मांगने वाले बच्चे, निराश्रित, अनाथ बेसहारा और गुमशुदा आदि को रखा जाता है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ियों में अंडा वितरण को लेकर अधिकतर विवाद की स्थिति पैदा होती रही है. ताजा मामला महिला एवं बाल विकास विभाग के किशोर न्याय नियम 2022 का है. जिसमें बदलाव करते हुए विभाग ने अधिसूचना जारी की है. यह अधिसूचना 25 अगस्त की है. इस अधिसूचना के बाद मध्यप्रदेश में एक बार सिर्फ सियासी हलचल तेज होना लाजमी है, क्योंकि आंगनबाड़ियों में अंडा देने का प्रस्ताव कांग्रेस के समय आया था.

कांग्रेस के समय हुआ था विरोध
मध्यप्रदेश में संचालित हो रहे बाल गृहों,आश्रय और संप्रेषण गृह में रहने वाले किशोरों को सप्ताह में 1 दिन चिकन और 4 दिन अंडा देने की बात कही गई है. इसमें शाकाहारी किशोरों का भी ध्यान रखा गया है. उन्हें इसकी जगह गुड़ व मूंगफली और 100 ग्राम पनीर दिया जाएगा. इसको लेकर महिला एवं बाल विकास ने पोषण आहार के मानक तय कर दिए हैं. इस अधिसूचना के बाद मध्यप्रदेश में एक बार सिर्फ सियासी हलचल तेज होना लाजमी है, क्योंकि आंगनबाड़ियों में अंडा देने का प्रस्ताव कांग्रेस के समय आया था. साल 2015 में उस समय इस विभाग की मंत्री इमरती देवी थी, लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया था. बाद में बीजेपी की सरकार में भी इसको लेकर बात सामने आई, लेकिन विरोध के सुर के बीच यह मामला दब गया. वहीं एक बार फिर प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग में इसको लागू करने की अधिसूचना जारी की है.

खाने के साथ बच्चों का पहनावा भी हुआ तय
अंडे और चिकन के साथ ही प्रदेश के बालगृह ,आश्रम और संप्रेषण गृह में रहने वाले किशोर किशोर क्या क्या पहनेंगे यह भी तय किया गया है. जिसमें लड़कियों के लिए इंडो वेस्टर्न ,टॉप स्कर्ट ,जींस ,कुर्ता पजामा पेंट आदि को शामिल किया गया है. तो लड़कों के लिए टीशर्ट शर्ट हाफ पेंट जींस जैकेट कुर्ता पजामा बैग आदि शामिल है. आपको बता दें कि प्रदेश अभी 155 से अधिक संप्रेषण बाल गृह, शिशु गृह के साथ ही विशेष गृह 30 सरकारी और पंचानवे अशासकीय संस्थाएं हैं. जिसमें में बाल अपराधियों, भीख मांगने वाले बच्चे, निराश्रित, अनाथ बेसहारा और गुमशुदा आदि को रखा जाता है.

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