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भोपाल डीपीएस पर शिक्षा विभाग की कार्रवाई, स्कूल परिसर में स्टॉल लगाकर बेची जा रही थी यूनिफॉर्म

भोपाल के नीलबड़ स्थित देहली पब्लिक स्कूल में बाल आयोग एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्कूल में नये सत्र के लिए किताबें और यूनिफॉर्म बेची जा रही थी और अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही थी.

डीपीएस स्कूल में लगा स्टॉल
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Published : Mar 26, 2019, 11:48 PM IST


भोपाल। नीलबड़ स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में बाल आयोग एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्कूल में नये सत्र के लिए किताबें और यूनिफॉर्म बेची जा रही थीं और अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही थी. यह कार्रवाई अभिभावकों की शिकायत पर की गई है.


गौरतलब है कि स्कूलों का पहला सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है. नये प्रवेश होने पर राजधानी में स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमांगी कीमत वसूली जा रही. इसी की शिकायत अभिभावकों द्वारा बाल आयोग से की गई थी. शिकायत पर आयोग और शिक्षा विभाग, डीपीएस स्कूल में पहुंचे थे. स्कूल शिक्षा विभाग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम जब निरीक्षण करने डीपीएस स्कूल पहुंची तो वहां परिसर के अंदर टेंट लगाकर यूनिफॉर्म और किताबें बेची जा रही थीं. इस पर स्कूल शिक्षा विभाग और बाल आयोग ने नाराजगी जताई है और पंचनामा बनाकर कलेक्टर को सौंपा है.


अधिकारियों का कहना है कि बाल आयोग में कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी कि स्कूल प्रशासन उन्हें स्कूल परिसर के अंदर स्टॉल से कॉपी किताब और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बना रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल अपने परिसर के अंदर यूनिफॉर्म या अन्य कोई सामग्री नहीं बेच सकता और न ही अभिभावकों को कोई निर्धारित बुक स्टॉल से सामान खरीदने का दबाव बना सकता है.

वीडियो


वहीं इस दौरान टीम ने देखा तो अभिभावकों को अर्पिता फिलामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल बना कर दिया जा रहा था. इस मामले में स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने नियम विरुद्ध काम नहीं किया है, अभिभावक भी चाहते हैं कि उन्हें स्कूल में ही यह सुविधा मिले इसलिए यह सुविधा दी गई है. वहीं वेंडर का कहना था कि स्कूल के आदेश के बाद परिसर में स्टॉल लगाकर वो यूनीफॉर्म और किताबें बेच रहा था.


भोपाल। नीलबड़ स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में बाल आयोग एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्कूल में नये सत्र के लिए किताबें और यूनिफॉर्म बेची जा रही थीं और अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही थी. यह कार्रवाई अभिभावकों की शिकायत पर की गई है.


गौरतलब है कि स्कूलों का पहला सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है. नये प्रवेश होने पर राजधानी में स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमांगी कीमत वसूली जा रही. इसी की शिकायत अभिभावकों द्वारा बाल आयोग से की गई थी. शिकायत पर आयोग और शिक्षा विभाग, डीपीएस स्कूल में पहुंचे थे. स्कूल शिक्षा विभाग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम जब निरीक्षण करने डीपीएस स्कूल पहुंची तो वहां परिसर के अंदर टेंट लगाकर यूनिफॉर्म और किताबें बेची जा रही थीं. इस पर स्कूल शिक्षा विभाग और बाल आयोग ने नाराजगी जताई है और पंचनामा बनाकर कलेक्टर को सौंपा है.


अधिकारियों का कहना है कि बाल आयोग में कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी कि स्कूल प्रशासन उन्हें स्कूल परिसर के अंदर स्टॉल से कॉपी किताब और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बना रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल अपने परिसर के अंदर यूनिफॉर्म या अन्य कोई सामग्री नहीं बेच सकता और न ही अभिभावकों को कोई निर्धारित बुक स्टॉल से सामान खरीदने का दबाव बना सकता है.

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वहीं इस दौरान टीम ने देखा तो अभिभावकों को अर्पिता फिलामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल बना कर दिया जा रहा था. इस मामले में स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने नियम विरुद्ध काम नहीं किया है, अभिभावक भी चाहते हैं कि उन्हें स्कूल में ही यह सुविधा मिले इसलिए यह सुविधा दी गई है. वहीं वेंडर का कहना था कि स्कूल के आदेश के बाद परिसर में स्टॉल लगाकर वो यूनीफॉर्म और किताबें बेच रहा था.

Intro:12 योगिनी डीपीएस स्कूल के खिलाफ की कार्यवाही नियमों का खुलेआम किया जा रहा था उल्लंघन स्कूल में ही तंबू लगाकर बेची जा रही थी किताबें अभिभावकों से वसूले जा रही मन मांगी राशि


Body:नीलबड़ स्थित डीपीएस में बाल आयोग एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने की कार्यवाही स्कूलों का पहला सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है राजधानी में स्कूलों के नाम पर की जा रही लूट अभिभावकों से मन मांगी कीमत वसूली जा रही , अभिभावकों द्वारा शिकायत के बाद बाल आयोग ने डीपीएस स्कूल पर की कार्यवाही स्कूल शिक्षा विभाग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम निरीक्षण करने डीपीएस स्कूल पहुंची टीम को स्कूल परिसर के अंदर टेंट लगाकर वंडर द्वारा यूनिफॉर्म कॉपी किताब बैग व जूते बेचते मिले जिस पर स्कूल शिक्षा विभाग और बाल आयोग ने नाराजगी जताई और पंचनामा बनाकर कलेक्टर को सौंपा अधिकारियों का कहना है कि बाल आयोग में कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी कि स्कूल प्रशासन उन्हें स्कूल परिसर के अंदर स्टॉल से कॉपी किताब का यूनिफार्म खरीदने का दबाव बना रहा है शिकायत के बाद बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ कार्यवाही की स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने नियम विरुद्ध काम नहीं किया है अभिभावक भी चाहते हैं कि उन्हें स्कूल में ही यह सुविधा मिले इसलिए यह सुविधा दी गई वही वेंडर का कहना था कि स्कूल के आदेश के बाद परिसर में स्टॉल लगाकर बेच रहा था इस कार्यवाही के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक संचालक पी श्रीवास्तव जिला परियोजना समन्य प्रभाकर श्रीवास्तव बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे बाल आयोग सदस्य बृजेश चौहान ने बताया जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल अपने परिसर के अंदर ड्रेस जूते अपडेट नहीं भेज सकता अभिभावकों को कोई बुक स्टॉल का नाम नहीं बता सकता स्कूल परिसर में किसी स्टॉल का प्रचार भी नहीं कर सकता वही बाल आयोग का कहना है कि यह शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है स्कूल परिसर के अंदर स्कूल का मोनो लगा हुआ यूनिफार्म दया कॉपी किताब भी नहीं भेज सकते हैं निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि अभिभावकों को अर्पिता फिलामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल बना कर दिया जा रहा था


Conclusion:राजधानी भोपाल के डीपीएस स्कूल पर बाल आयोग ने की कार्यवाही अचानक स्कूल में पहुंचकर किया निरीक्षण जिसने बाल आयोग ने पाया स्कूल के अंदर स्टॉल लगाकर यूनिफार्म और कॉपी किताब बेचते नजर आए यूनिफॉर्म वह बैग सभी पर स्कूल का मोनू लगा हुआ था विभाग की ओर से कार्यवाही जारी
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