भोपाल। नीलबड़ स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में बाल आयोग एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्कूल में नये सत्र के लिए किताबें और यूनिफॉर्म बेची जा रही थीं और अभिभावकों से मोटी रकम वसूली जा रही थी. यह कार्रवाई अभिभावकों की शिकायत पर की गई है.
गौरतलब है कि स्कूलों का पहला सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है. नये प्रवेश होने पर राजधानी में स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमांगी कीमत वसूली जा रही. इसी की शिकायत अभिभावकों द्वारा बाल आयोग से की गई थी. शिकायत पर आयोग और शिक्षा विभाग, डीपीएस स्कूल में पहुंचे थे. स्कूल शिक्षा विभाग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम जब निरीक्षण करने डीपीएस स्कूल पहुंची तो वहां परिसर के अंदर टेंट लगाकर यूनिफॉर्म और किताबें बेची जा रही थीं. इस पर स्कूल शिक्षा विभाग और बाल आयोग ने नाराजगी जताई है और पंचनामा बनाकर कलेक्टर को सौंपा है.
अधिकारियों का कहना है कि बाल आयोग में कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी कि स्कूल प्रशासन उन्हें स्कूल परिसर के अंदर स्टॉल से कॉपी किताब और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बना रहा है. बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल अपने परिसर के अंदर यूनिफॉर्म या अन्य कोई सामग्री नहीं बेच सकता और न ही अभिभावकों को कोई निर्धारित बुक स्टॉल से सामान खरीदने का दबाव बना सकता है.
वहीं इस दौरान टीम ने देखा तो अभिभावकों को अर्पिता फिलामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल बना कर दिया जा रहा था. इस मामले में स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने नियम विरुद्ध काम नहीं किया है, अभिभावक भी चाहते हैं कि उन्हें स्कूल में ही यह सुविधा मिले इसलिए यह सुविधा दी गई है. वहीं वेंडर का कहना था कि स्कूल के आदेश के बाद परिसर में स्टॉल लगाकर वो यूनीफॉर्म और किताबें बेच रहा था.