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MP: गरीबों की मदद के लिए आर्थिक गतिविधियां जल्द शुरू करें अधिकारी- CM - economic activities to start in mp

केंद्र सरकार के आदेश के बाद प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए सीएम शिवराज सिंह ने समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए.

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भोपाल
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Published : Apr 25, 2020, 12:53 PM IST

भोपाल। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए सीएम शिवराज सिंह ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को राहत देने वाली आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं, ताकि रोजगार के ज्यादा अवसर मुहैया हो सके. आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना के मौजूदा संकट से प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है. मजदूरों, छोटे व्यवसायियों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. इसलिये प्रदेश में तुरंत ऐसी आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ की जाना चाहिये, जिनसे अधिक से अधिक जरूरतमंदों को राहत मिल सके. प्रदेश में रोजगार के अतिरिक्त अवसर जुटाने होंगे.

छोटे व्यवसायियों को मिले राहत

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एक करोड़ 17 लाख गरीब परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े हैं, इन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा 32 लाख अन्य श्रेणियों के व्यक्तियों को भी योजना का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमें अब छोटे व्यवसायियों, मॉल आदि में काम करने वाले कर्मचारियों, फूल एवं सब्जी उत्पादक किसानों आदि की भी चिंता करनी होगी. इनके लिए रोजगार के अवसर जुटाने होंगे. ऐसे छोटे स्व-रोजगारी, जो किसी भी योजना में सहायता के लिये पात्र नहीं हैं, उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की सहायता दी जा सकती है.

महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का अच्छी तरह संचालन करती हैं, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण होता है. सीएम ने निर्देश दिये कि महिला स्व-सहायता समूहों को न केवल उनकी गतिविधियां संचालित करने के लिए ऋण दिलवाए जाएं, बल्कि उनका सामान बेचने में भी उनकी मदद की जाए.

प्रारंभ किए जाएं निर्माण कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जो जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं, वहां सबसे पहले जल-संसाधन तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कराए जाएं. प्रत्येक ठेकेदार को निर्देशित किया जाए कि वह गाइड लाइन का पालन करे तथा मजदूरों से सामाजिक दूरी बनवाते हुए कार्य करवाए. इसके लिए उन्हें बार-बार सलाह दी जाए. चरणबद्ध तरीके से मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ कराए जाएं.

भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनातंर्गत स्वीकृत पैकेज को 3 माह से बढ़ाकर 6 माह किए जाने, नियोक्ता एवं कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान की राशि का 3 माह के स्थान पर 6 माह का भुगतान किए जाने, 15 हजार तक वेतन पाने वाले सभी कर्मचारियों को इसका लाभ दिए जाने तथा जनधन खाताधारक महिलाओं के समान अन्य जनधन खाताधारकों को भी 500 रूपए की वित्तीय सहायता की 3 माह की सुविधा दिए जाने की अनुशंसा की जा सकती है.

शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में कैंटीन सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में कैंटीन सुविधा तथा स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से प्रवासी एवं कमजोर वर्ग के लोगों के भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था भी की जा सकती है.

पहले जैसा ही रहे सिबिल स्कोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ऋणी, जो लॉकडाउन के कारण अपनी किश्त जमा नहीं कर सके हैं, उनका बैंकों द्वारा लॉकडाउन से पहले का सिबिल स्कोर बनाए रखना चाहिए. विलंब से ऋण का भुगतान करने पर उन्हें किसी प्रकार का घाटा नहीं होना चाहिए. आरबीआई द्वारा जारी रेग्यूलेटरी पैकेज की अवधि को 3 से बढ़ाकर 6 माह किया जाना चाहिए.

भोपाल। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए सीएम शिवराज सिंह ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को राहत देने वाली आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं, ताकि रोजगार के ज्यादा अवसर मुहैया हो सके. आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना के मौजूदा संकट से प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है. मजदूरों, छोटे व्यवसायियों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. इसलिये प्रदेश में तुरंत ऐसी आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ की जाना चाहिये, जिनसे अधिक से अधिक जरूरतमंदों को राहत मिल सके. प्रदेश में रोजगार के अतिरिक्त अवसर जुटाने होंगे.

छोटे व्यवसायियों को मिले राहत

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एक करोड़ 17 लाख गरीब परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े हैं, इन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा 32 लाख अन्य श्रेणियों के व्यक्तियों को भी योजना का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमें अब छोटे व्यवसायियों, मॉल आदि में काम करने वाले कर्मचारियों, फूल एवं सब्जी उत्पादक किसानों आदि की भी चिंता करनी होगी. इनके लिए रोजगार के अवसर जुटाने होंगे. ऐसे छोटे स्व-रोजगारी, जो किसी भी योजना में सहायता के लिये पात्र नहीं हैं, उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की सहायता दी जा सकती है.

महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का अच्छी तरह संचालन करती हैं, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण होता है. सीएम ने निर्देश दिये कि महिला स्व-सहायता समूहों को न केवल उनकी गतिविधियां संचालित करने के लिए ऋण दिलवाए जाएं, बल्कि उनका सामान बेचने में भी उनकी मदद की जाए.

प्रारंभ किए जाएं निर्माण कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जो जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं, वहां सबसे पहले जल-संसाधन तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कराए जाएं. प्रत्येक ठेकेदार को निर्देशित किया जाए कि वह गाइड लाइन का पालन करे तथा मजदूरों से सामाजिक दूरी बनवाते हुए कार्य करवाए. इसके लिए उन्हें बार-बार सलाह दी जाए. चरणबद्ध तरीके से मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ कराए जाएं.

भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनातंर्गत स्वीकृत पैकेज को 3 माह से बढ़ाकर 6 माह किए जाने, नियोक्ता एवं कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान की राशि का 3 माह के स्थान पर 6 माह का भुगतान किए जाने, 15 हजार तक वेतन पाने वाले सभी कर्मचारियों को इसका लाभ दिए जाने तथा जनधन खाताधारक महिलाओं के समान अन्य जनधन खाताधारकों को भी 500 रूपए की वित्तीय सहायता की 3 माह की सुविधा दिए जाने की अनुशंसा की जा सकती है.

शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में कैंटीन सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में कैंटीन सुविधा तथा स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से प्रवासी एवं कमजोर वर्ग के लोगों के भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था भी की जा सकती है.

पहले जैसा ही रहे सिबिल स्कोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ऋणी, जो लॉकडाउन के कारण अपनी किश्त जमा नहीं कर सके हैं, उनका बैंकों द्वारा लॉकडाउन से पहले का सिबिल स्कोर बनाए रखना चाहिए. विलंब से ऋण का भुगतान करने पर उन्हें किसी प्रकार का घाटा नहीं होना चाहिए. आरबीआई द्वारा जारी रेग्यूलेटरी पैकेज की अवधि को 3 से बढ़ाकर 6 माह किया जाना चाहिए.

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