भोपाल। ई-टेंडर घोटाले के बाद अब दवा खरीदी घोटाले में विदेशी कनेक्शन सामने आया है. EOW की जांच में ये खुलासा हुआ है कि दवा घोटाले में करोड़ों रुपये की राशि को पहले विदेश भेजा गया और फिर बाद में FDI के जरिए राशि को भारत लाया गया और ये सब कुछ बोगस कंपनियों के जरिए किया गया है.
हाल ही में ई-टेंडर घोटाले की जांच में EOW के सामने कुछ ऐसे तथ्य आये हैं. जिसमें घोटाले की राशि को फ्रांस में निवेश करने की बात कही जा रही है. लेकिन अब 500 करोड़ के दवा घोटाले में भी EOW को विदेशी कनेक्शन के सबूत मिले हैं.
कागजों पर चल रही कंपनियां
बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों से दवा खरीदना बताया गया है. वो सभी कंपनियां सिर्फ कागजों पर ही चल रही थी. चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि मलेशिया, सिंगापुर और हांगकांग में राशि को ट्रांसफर किया गया है. जांच में हुए खुलासे के बाद EOW इन बोगस कंपनियों की बैलेंस शीट और उनके खातों के ट्रांजैक्शन को खंगाल रही है. ये भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये राशि किस किस के खातों में पहुंची है.
बता दें कि करीब एक महीने पहले ईओडब्ल्यू ने दवा खरीदी घोटाले में प्रारंभिक जांच शुरू की है दवा खरीदी घोटाले की शिकायत में राजधानी के बड़े कारोबारी अशोक नंदा पर घोटाले के आरोप हैं.
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग से साल 2003 से लेकर 2010 तक अशोक नंदा की कंपनियों को ही दवा खरीदी के टेंडर जारी किए गए हैं. जिसमें अधिकारियों और तत्कालीन मंत्रियों राजनेताओ के भी मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही इओडब्ल्यू इस घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कर सकती है.