भोपाल। संगीत नाटक अकादमी, भारत सरकार एवं संस्कृति संचालनालय और मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से एक नाट्य प्रस्तुति "मध्यांतर" का मंचन राजधानी स्थित शहीद भवन में हुआ.
आज के समाज में संबंधों के कोई मायने नहीं हैं. नाटक का नायक ज्ञान एक प्रतिष्ठित नाट्य विद्यालय में नाट्यशास्त्र का शिक्षक है और एक नाटक लिख रहा है. उसकी रिहर्सल साथ-साथ जारी है. लेकिन उसका अंत नहीं लिख पा रहा है. इसमें वो अपनी पत्नी छाया और दोस्त जयंत की सहायता लेता है और उन्हें सीन इंप्रोवाइजेशन करने के लिए कहता है. अचानक कार एक्सीडेंट हो जाने के बाद वो विकलांग हो जाता है. इस कारण उसकी नौकरी भी चली जाती है. जो सीन उसने अपनी पत्नी छाया और दोस्त जयंत से इंप्रोवाइजेशन करवाया था, उसके निजी जीवन में घटित होने लगता है. यह नाटक मानवीय संवेदनाओं को अंदर तक झकझोरता है.
इसमें अपूर्व दत्त मिश्रा, निधि दीवान, रिदम श्रीवास्तव, संदीप पाटिल और अमन श्रीवास्तव ने अपने अभिनय से लोगों को प्रभावित किया. नाटक "मध्यांतर" के लेखक जयवर्धन ने इसका निर्देशन, परिकल्पना विभा श्रीवास्तव और संगीत अंकुर राव सूर्यवंशी ने दिया.