भोपाल। लव जिहाद को लेकर इन दिनों पूरे देश में माहौल गर्म है. मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाने का ऐलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश दूसरा राज्य होगा. जहां लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने जा रहा है. इसके साथ ही यूपी, असम, कर्नाटक और हरियाणा में भी कानून लाने की तैयारी चल रही है.
उत्तर प्रदेश सरकार लव जिहाज पर अंकुश लगाने के लिए अध्यादेश ला चुकी है, जिसके बाद अब मध्य प्रदेश सरकार भी आगामी विधानसभा सत्र में लव जिहाद के संबंध में ड्राफ्ट पेश कर सकती है. इसी को लेकर प्रदेश में लव जिहाद कानून बनाने की तैयारियां अब जोर-शोर से चल रही है. इसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया गया है. वहीं लव जिहाद से जुड़ा पहला मामला छिंदवाड़ा, तो दूसरा मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है.
पहला मामला
लव जिहाद को लेकर कानून बनाए जाने की तैयारी चल रही है. लव जिहाद से जुड़ा एक मामला छिंदवाड़ा में भी सामने आया है, जिसमें युवती ने धर्म विशेष के युवक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, आरोपी साबिर अली उसको धर्म परिवर्तन करके शादी करने के लिए डरा धमका रहा है. इसके साथ ही उसने जान से मारने की धमकी भी दी है.आरोपी साबिर अली पिछले एक साल से पीड़िता के नाम की फर्जी आईडी बनाकर सोशल मीडिया में अश्लील पोस्ट कर रहा है. पीड़िता को अश्लील वीडियो भेजता है. इतना ही नहीं साबिर ने पीड़िता के परिवार को जान से मारने और शादी नहीं करने पर युवती पर एसिड फेंकने की धमकी दी है, जिसकी वजह से पूरे परिवार का जीना हराम हो गया है.
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पीड़िता ने ईटीवी भारत को बताई आप बीती
पीड़िता ने ईटीवी भारत को बताया कि, साबिर अली एक साल से सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर उसे परेशान कर रहा है. इतना ही नहीं अलग-अलग सिम से फोन भी करता है. पीड़िता ने पूरे मामले की शिकायत एसपी ऑफिस में करने के साथ- साथ साइबर सेल में भी दर्ज करवाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पीड़िता को जब साइबर सेल से आरोपी की जानकारी मिली, तो उसने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर लोगों से मदद मांगी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई. साइबर सेल से जानकारी मिलने के बाद युवती और परिवार को पता चला कि, उसे जो ब्लैकमेल कर रहे युवक का नाम साबिर अली है.
जीना हुआ दूभर
पीड़िता ने बताया कि, मामला सामने आने बाद मेरा घर से निकलना दूभर हो गया. समाज में मेरे और परिवार के बारे में तरह-तरह की बातें शुरू हो गईं. पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, शुरुआत में पुलिस ने इस मामले को लेकर सख्ती नहीं दिखाई. जिसकी वजह से पीड़िता को सोशल मीडिया का सहारा लेने पड़ा और लोगों से मदद की गुहार लगानी पड़ी.
पुलिस ने नहीं सुनी, इसलिए सोशल मीडिया का लिया सहारा
पीड़िता ने बताया कि मामला सामने आने के बाद मेरा घर से निकलना दूभर हो गया था. लोग मेरे और परिवार के बारे में तरह-तरह की बातें करते हैं. ऐसे में उन्होंने आरोपी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ठानी, और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की. लेकिन शुरुआती समय में पुलिस ने मामले में सख्ती नहीं दिखाई, जिसकी वजह से मुझे सोशल मीडिया का सहारा लेने पड़ा और लोगों से मदद की गुहार लगाई.
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
युवती ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह 6 महीनों से शिकायत कर रही हैं, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई. वीडियो जारी करने पर कई हिंदू संगठन समर्थन में उतरे. साथ ही पीड़ित परिवार पुलिस के पास पहुंचा और आरोपी को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई. तब जाकर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया.मामले में एसपी विवेक अग्रवाल का कहना है कि पीड़िता ने अज्ञात युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. तब उसे हिरासत में लिया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या मामला लव जिहाद का है. एसपी ने कहा कि मामला सोशल मीडिया पर युवती को ब्लैकमेल करने का था. वह धमका रहा था. इसलिए कार्रवाई की गई है.
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हिंदू संगठन बता रहे लव जिहाद
हिंदू संगठन पूरे मामले को लव जिहाद बता रहे हैं. संगठनों का कहना है कि युवक सोशल मीडिया के जरिए युवती पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था. इस तरह के मामलों को पुलिस प्रशासन गंभीरता से ले.
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का मसौदा तैयार
मध्यप्रदेश सहित तमाम बीजेपी शासित राज्यों में लव जिहाद का मुद्दा गरमाया है. शिवराज सरकार ने तो लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी भी कर ली है. इसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया गया है. हालांकि इस कानून में सरकार ने कहीं भी लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. सरकार ने इसे धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 नाम दिया है.
क्या है प्रावधान
इस प्रस्तावित कानून के तहत मध्यप्रदेश में भी धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 10 साल की सजा होगी. मदद करने वाली संस्था का पंजीयन रद्द होगा. बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु को भी 5 साल की सजा होगी. माना जा रहा है कि दिसबंर के दूसरे हफ्ते में इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी और 28 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा.
क्या होंगे शादी के नियम ?
धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह से एक माह पहले कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करना होगा. कलेक्टर दोनों पक्षों और उनके परिजनों को नोटिस देकर तलब करेंगे. और उनसे लिखित बयान लिए जाएंगे कि विवाह या धर्मांतरण जोर-जबरदस्ती से तो नहीं किया जा रहा है. इसके बाद ही कलेक्टर अनुमति देंगे. यदि बिना आवेदन दिए, किसी काजी, मौलवी या पादरी द्वारा धर्म परिवर्तन और विवाह कराया जाता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
दूसरा मामला
वहीं दूसरा मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है, जहां कथित तौर पर लव जिहाद का मामला सामने आया है. पीड़िता सीधे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंची और आपबीती बताई. जिसके बाद मंत्री ने पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है. युवती का आरोप है कि एक साल पहले वो एक युवक से मिली थी. युवक ने नाम बदलकर उससे दोस्ती की. उसके बाद मंदिर में जाकर शादी भी की. पीड़िता ने युवक का असली नाम सलमान बताया है, जोकि उसे कुछ दिन पहले ही पता चला है. पीड़िता का 6 महीने का बच्चा भी है.
'आरोपी ने की बच्चे को मारने की कोशिश'
इतने समय तक कहां रहे. इस सवाल पर पीड़िता ने कहा कि शादी के बाद वो घर से बाहर रहे, लेकिन जिस स्थान पर उसे रखा गया. उसके बारे में नहीं पता. जब उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया, और उसके बेटे को भी मारने की कोशिश की गई, तब उसने आवाज उठाई और गृह मंत्री के पास पहुंची.
गृह मंत्री ने दिया आश्वासन
पीड़िता की शिकायत पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे इस संबंध में तथ्यों की जांच कराएंगे और मामले की जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, अभी तक पीड़िता की तरफ से किसी थाने में युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.
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मध्य प्रदेश सरकार ने एमपी धर्म स्वातंत्र्य विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है. इस कानून के तहत लव जिहाद के आरोपी को 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. साथ ही इस विधेयक में शादी करवाने वाली संस्था का पंजीयन भी निरस्त किए जाने का प्रावधान है. लव जिहाद के खिलाफ विधेयक लाने की तैयारी कर रही मध्य प्रदेश सरकार अब जबरिया धर्मांतरण कराने के मामले में आरोपी को 10 साल तक की सजा का प्रावधान कर सकती है. इससे पहले पांच साल की सजा का प्रवधान किए जाने पर विचार किया जा रहा था.
आगामी विधानसभा सत्र में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक लाने की तैयारी है. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 का मसौदा तैयार करने के लिए भोपाल स्थित मंत्रालय में बैठक की. इसमें सजा का प्रावधान पांच साल से बढ़ाकर 10 साल करने पर सहमति बनी है.
आरोपी को होगी 10 साल की सजा
प्रस्तावित 'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक' में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कानून की तर्ज पर ही सजा का प्रावधान किया गया है. बहला-फुसलाकर या फिर जबरन धर्मांतरण और विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं और उन्हें वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के पंजीयन निरस्त होंगे. विधेयक का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा.
क्या हुआ बैठक में ?
बुधवार को गृह विभाग की बैठक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में की गई, जिसमें अधिकारियों ने गृह मंत्री के सामने प्रस्तावित विधायक का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया. इस ड्राफ्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के विधेयक की तरह ही 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
संस्थाओं पर क्या कार्रवाई होगी ?
बैठक में तय हुआ कि, ऐसी गतिविधियों को संचालित करने वाली संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरुओं को भी पांच साल की सजा होगी.
क्या होंगे शादी के नियम ?
धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह से एक माह पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करना होगा. कलेक्टर दोनों पक्षों और उनके परिजनों को नोटिस देकर तलब करेगा और उनसे लिखित बयान लिए जाएंगे, कि विवाह या धर्मांतरण के लिए जोर जबरदस्ती तो नहीं किया जा रहा है. इसके बाद ही कलेक्टर द्वारा अनुमति दी जाएगी. यदि बिना आवेदन प्रस्तुत किए, किसी काजी, मौलवी या पादरी द्वारा धर्म परिवर्तन और विवाह कराया जाता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
परिजन कर सकेंगे शिकायत
बहला-फुसलाकर या धोखे में रखकर विवाह और धर्मांतरण कराने के मामले में पीड़ित, उसके माता-पिता और परिजन के द्वारा भी शिकायत की जा सकेगी. यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा. इस प्रकार का धर्मांतरण या विवाह आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा, कि वो बगैर किसी दबाव के, बगैर किसी धमकी के, किसी लालच के बिना किया गया है. इस कानून के तहत विवाह को शून्य भी कराया जा सकेगा.
सरकार समझेगी कानून की बारीकी
'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक' को फाइनल रूप देने से पहले सरकार अन्य राज्यों में अध्ययन दल भेजकर कानून की बारीकियां समझेगी. उसके बाद ही इस मसौदे को तैयार माना जाएगा और उसे कैबिनेट में पास कराने के बाद विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा.
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आखिर क्या है लव जिहाद ?
लव जिहाद को तब तक मान्यता नहीं मिली, जब तक खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया. लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. लव अंग्रेजी भाषा से लिया गया है और जिहाद अरबी शब्द है. जिहाद का मतलब किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना. जब एक धर्म विशेष को मानने वाले छल, फरेब और झूठ का सहारा लेकर अपने प्यार के जाल में दूसरे धर्म की लड़की को फंसाकर उसका धर्मांतरण और फिर उससे शादी करते हैं, तो इसे ही लव जिहाद कहा गया है.