भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के 15 हजार से ज्यादा डॉक्टर आज बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टरों ने DACP सहित विभिन्न मांगे पूरी किए जाने की सरकार को चेतावनी दी है. डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पर खासा असर पड़ रहा है. इलाज के लिए मरीज और उनके परिजन परेशान होते दिखाई दे रहे हैं.
तंबू लगाकर हॉस्पिटल के बाहर बैठे डॉक्टर: मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. डॉक्टर तंबू लगाकर हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठे हैं. डीएसीपी की मांग कर रहे डॉक्टरों की सरकार के साथ सहमति नहीं बनी है. इधर भोपाल में प्राइवेट अस्पतालों में 1500 बिस्तर के इंतजाम किए गए हैं, इलाज के लिए आयुष डॉक्टरों को लाया गया है. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मालवीय का कहना है कि ''सरकार बार-बार आश्वासन देती है, लेकिन डीएसीपी अभी तक लागू नहीं कर रही. यह सिर्फ हमारा नहीं आने वाली डॉक्टरों की पीढ़ी का भी भविष्य है. ऐसे में अगर यह लागू नहीं होता तो निश्चित ही हड़ताल जारी रहेगी.''
मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में किया शिफ्ट: डॉक्टरों का कहना है कि ''वह अपने विभागों से बाहर आकर बैठे हैं, लेकिन बावजूद उसके विभागों में कोई इंतजाम नहीं है. यह सोचना अब प्रशासन का काम है कि मरीजों को किस तरह से सुविधाएं दी जाएं.'' भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल में भी डॉक्टर हड़ताल पर रहे.. इस दौरान यहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट किया गया. वहीं, दूसरी और जेपी अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि ''वह भी सभी डॉक्टर के समर्थन में हैं.''
कलेक्टर को ही नहीं पहचाने गार्ड: इधर भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने भी हमीदिया अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान जब कलेक्टर वार्ड में देखने पहुंचे तो यहां का स्टाफ और गार्ड कलेक्टर को ही बाहर जाने को कहते हुए नजर आए. दरअसल ये नवागत कलेक्टर आशीष सिंह को पहचान नहीं पाए थे. जिसके चलते कलेक्टर के स्टाफ और गार्डों में भी खासी बहस हो गई. इधर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि ''भोपाल में 1500 बिस्तरों की व्यवस्था अतिरिक्त की गई है. यह सभी बेड प्राइवेट अस्पतालों में बुक करवाए गए हैं. वहीं अलग से आयुष और अन्य डॉक्टरों की व्यवस्था भी की गई है.''
भोपाल में टले 32 ऑपरेशन: डॉक्टरों की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. सबसे ज्यादा असर इंदौर भोपाल में दिखाई दे रहा है. गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 32 मरीजों के ऑपरेशन टाल दिए गए हैं. इधर इंदौर के सरकारी अस्पतालों में आयुष और प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है.
बैठक में नहीं बनी बात: डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर मंगलवार रात को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर बैठक आयोजित हुई थी. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद रहे, लेकिन बैठक बेनतीजा रही, कोई भी सहमति नहीं बन सकी. डॉक्टर्स अपनी मांग पर अड़े रहे. डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के बराबर डीएसीपी लागू किए जाने की मांग उठाई. इधर हमीदिया अस्पताल में डॉक्टरों से चर्चा करने पहुंचे शासकीय स्वशासी संघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय को संभागायुक्त माल सिंह ने अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. डॉक्टरों की हड़ताल पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी का कहना है कि ''डॉक्टरों से बातचीत की जा रही है, जल्द ही कोई समाधान निकाल लिया जाएगा. उन्होंने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि वापस काम पर लौटें, सरकार आपके साथ है, डॉक्टरों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.''