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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर करें ये उपाय, सूर्यदेव होंगे प्रसन्न

इस बार मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी को रात 8 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 15 जनवरी को लगभग एक बजे खत्म होगी. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है. आएये जानते हैं कि मकर संक्रांति पर सुबह उठकर क्या करें और कौन-कौन से उपाय करें, जिससे धन की वर्षा हो और सूर्य देव भी प्रसन्न रहें.

suryadev worship
सूर्यदेव की पूजा
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Published : Jan 9, 2022, 9:00 PM IST

भोपाल। 14 और 15 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति मनायी (Makar Sankranti 2022 date) जाएगी. इस बार मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी को रात 8 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 15 जनवरी को लगभग एक बजे खत्म होगी. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है. आएये जानते हैं कि मकर संक्रांति पर सुबह उठकर क्या करें और कौन-कौन से उपाय करें, जिससे धन की वर्षा हो और सूर्य देव भी प्रसन्न रहें.

क्या है मकर संक्रांति (what is makar sankranti)
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के सभी संक्रमणों में से यह संक्रमण जब भगवान सूर्य धनु राशि से शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इस दिन पूजा-पाठ और दान करने का विशेष महत्व है.

सूर्योदय होने से पहले करें स्नान
शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से दस हजार गौ दान का फल प्राप्त होता है. वैसे तो प्राणी किसी भी तीर्थ, नदी और समुद्र में स्नान कर दान-पुण्य करके कष्टों से मुक्ति पा सकता है, लेकिन प्रयागराज संगम में स्नान का फल मोक्ष देने वाला है. मकर संक्रांति के दिन गंगाजी शिव की जटाओं से निकलकर भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिलीं.

Makar Sankranti 2022: जानें कब है मकर संक्रांति, शुभ मुहूर्त में ये करें दान, होगी धन वर्षा

स्नान के पश्चात तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें लाल पुष्प, लाल चन्दन, तिल आदि डालकर 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मन्त्र का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय आपकी दृष्टि गिरते हुए जल में प्रतिबिंबित सूर्य की किरणों पर होनी चाहिए. भविष्य पुराण के अनुसार सूर्यनारायण का पूजन करने वाला व्यक्ति प्रज्ञा, मेधा तथा सभी समृद्धियों से संपन्न होता हुआ चिरंजीवी होता है. यदि कोई व्यक्ति सूर्य की मानसिक आराधना भी करता है तो वह समस्त व्याधियों से रहित होकर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है.

पुण्य लाभ के लिए दान करें
पदमपुराण के अनुसार ''उत्तरायण या दक्षिणायण आरम्भ होने के दिन जो पुण्य कर्म किया जाता है, वह अक्षय (Makar sankranti daan) होता है. इस समय किया हुआ तर्पण दान और देव पूजन अक्षय होता है. इस दिन ऊनी कपड़े, कम्बल, तिल और गुड़ से बने व्यंजन व खिचड़ी दान करने का से सूर्य नारायण एवं शनि की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन चौदह चीजों का दान करने का भी धार्मिक महत्व है. यदि संभव हो सके तो किसी मंदिर या गरीब लोगों में चौदह चीजों (maha punya kaal) का दान अवश्य करें.

भोपाल। 14 और 15 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति मनायी (Makar Sankranti 2022 date) जाएगी. इस बार मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी को रात 8 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 15 जनवरी को लगभग एक बजे खत्म होगी. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है. आएये जानते हैं कि मकर संक्रांति पर सुबह उठकर क्या करें और कौन-कौन से उपाय करें, जिससे धन की वर्षा हो और सूर्य देव भी प्रसन्न रहें.

क्या है मकर संक्रांति (what is makar sankranti)
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के सभी संक्रमणों में से यह संक्रमण जब भगवान सूर्य धनु राशि से शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इस दिन पूजा-पाठ और दान करने का विशेष महत्व है.

सूर्योदय होने से पहले करें स्नान
शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से दस हजार गौ दान का फल प्राप्त होता है. वैसे तो प्राणी किसी भी तीर्थ, नदी और समुद्र में स्नान कर दान-पुण्य करके कष्टों से मुक्ति पा सकता है, लेकिन प्रयागराज संगम में स्नान का फल मोक्ष देने वाला है. मकर संक्रांति के दिन गंगाजी शिव की जटाओं से निकलकर भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिलीं.

Makar Sankranti 2022: जानें कब है मकर संक्रांति, शुभ मुहूर्त में ये करें दान, होगी धन वर्षा

स्नान के पश्चात तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें लाल पुष्प, लाल चन्दन, तिल आदि डालकर 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मन्त्र का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय आपकी दृष्टि गिरते हुए जल में प्रतिबिंबित सूर्य की किरणों पर होनी चाहिए. भविष्य पुराण के अनुसार सूर्यनारायण का पूजन करने वाला व्यक्ति प्रज्ञा, मेधा तथा सभी समृद्धियों से संपन्न होता हुआ चिरंजीवी होता है. यदि कोई व्यक्ति सूर्य की मानसिक आराधना भी करता है तो वह समस्त व्याधियों से रहित होकर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है.

पुण्य लाभ के लिए दान करें
पदमपुराण के अनुसार ''उत्तरायण या दक्षिणायण आरम्भ होने के दिन जो पुण्य कर्म किया जाता है, वह अक्षय (Makar sankranti daan) होता है. इस समय किया हुआ तर्पण दान और देव पूजन अक्षय होता है. इस दिन ऊनी कपड़े, कम्बल, तिल और गुड़ से बने व्यंजन व खिचड़ी दान करने का से सूर्य नारायण एवं शनि की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन चौदह चीजों का दान करने का भी धार्मिक महत्व है. यदि संभव हो सके तो किसी मंदिर या गरीब लोगों में चौदह चीजों (maha punya kaal) का दान अवश्य करें.

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