भोपाल। आज हिंदूओं का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली है. देशभर में दीपावली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. कई दिनों पहले से लोगों के घरों में सफाई-रंगाई पुताई शुरू हो जाती है. हर साल दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है. इस पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और भैया दूज पर इसका समापन होता है. दिवाली भारत में ही नहीं बाहर के देशों में भी मनाई जाता है. दिवाली को दीप उत्सव भी कहा जाता है. दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है. दीपावली के दिन शुभ मुहूर्त पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की लोग कामना करते हैं. (diwali 2022) (diwali celebration on 24) (diwali shubh muhurt ) (mahalaxmi puja ka time)
शुभ मुहूर्त:
- अमावस्या आरंभ 24 अक्टूबर को 05.27 PM बजे.
- अमावस्या तिथि समाप्त 25 अक्टूबर को 04.18 PM बजे.
- दीपाली पूजा का शुभ मुहूर्त 06.55 PM से 08.51
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त का महत्व: दीपावली के पर्व पर मुहूर्त का विशेष महत्व माना जाता है. स्थिर लक्ष्मी के लिए व्यापारी वर्ग मुहूर्त का विशेष ध्यान देता है. इसलिए दीपावली पर वृष लग्न में की जाने वाली पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है और इसके बाद सिंह ने लग्न की पूजा अति उत्तम मानी जाती है. इसलिए दोनों लग्न अपने आप में महत्वपूर्ण है और लक्ष्मी आगमन के साथ ही लक्ष्मी को स्थिर करने के उद्देश्य से इन दोनों लग्न नहीं पूजा सर्वोपरि मानी गई है.
दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सामान्य तौर पर उन पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है. जिन्हें सौभाग्य और सुख समृद्धि का कारक माना गया है. इनमें दीपक प्रसाद कुमकुम फल फूल के साथ ही माता लक्ष्मी को चढ़ाने के लिए शमी की पत्नी और भगवान गणेश के लिए दूर्वा अति आवश्यक है. इसके अतिरिक्त धान का लावा और पूजा में केंद्र और गुलाब के फूल को जरूर शामिल करना चाहिए. माता लक्ष्मी और गणेश और कुबेर इत्यादि के पूजन में किसी नदी के जल का इस्तेमाल करना अति उत्तम माना गया है, यदि वह उपलब्ध नहीं है तो फिर हैंडपंप का शुद्ध जल इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई थी. इसीलिए माता लक्ष्मी के पूजन में समुद्र के जल को भी शामिल करना बताया गया है.
दिवाली पर कैसे करें लक्ष्मी पूजा: इस दिन बहुत से लोग माता लक्ष्मी के थैली स्वरूप का भी पूजन करते हैं. थैली में माता लक्ष्मी के चांदी व सोने के सिक्कों का पूजन किया जाता है. जिसके लिए हल्दी की खड़ी गांठ के अलावा कोडी व अन्य चीजें रखने का विधान बताया गया है. दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा में गन्ने का भी होना आवश्यक होता है. लक्ष्मी जी के एरावत हाथी को गन्ना बहुत पसंद है. इसलिए ऐरावत के लिए गन्ने को रखा जाता है. दीपावली के पर्व पर पूजन का बड़ा ही अलग तरीका होता है, तो सबसे पहले पूजा स्थान को अच्छी तरह से साफ करने के बाद एक चौकी पर माता लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए यह प्रतिमा मिट्टी स्वर्ण रजत की होनी चाहिए.
पूजा स्थान पर गंगाजल से रखने के बाद उसे अच्छे से साफ करके हाथ में लाल या पीले रंग के पुष्प लेकर गणेश और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए भगवान गणेश और लक्ष्मी मां को गणेश गौरी पूजन के तहत पुष्प अर्पित कर पूजन की शुरुआत करनी चाहिए. माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाने के साथ जीत भगवान गणेश को पीले सिंदूर को चढ़ाया जाना उत्तम माना गया है. (diwali 2022) (diwali celebration on 24) (diwali shubh muhurt ) (mahalaxmi puja ka time)