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कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज, 'एसटी-एससी वर्ग की मांग, रखा जाए विशेष ध्यान

मध्यप्रदेश कांग्रेस में आदिवासी वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह ने कमलनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार में एसटी-एससी वर्ग का विशेष ध्यान देने की मांग की है. उनका कहना है कि कांग्रेस की जीत में इस वर्ग का बड़ा हाथ रहा है इसलिए अब उन्हें भी उनके योगदान का ईनाम मिलना चाहिए.

आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह
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Published : Aug 22, 2019, 9:39 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार की घोषणा भी नहीं हुई है. लेकिन अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि कमलनाथ सरकार बनाने में आदिवासियों का प्रमुख योगदान रहा है. इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में इस वर्ग का विशेष ध्यान दिया जाए.

आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह

अजय शाह का कहना है कि यदि आज कांग्रेस की सरकार है तो वह एससी,एसटी वर्ग के कारण है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल में एससी - एसटी वर्ग का खासा ध्यान रखा है. कमलनाथ सरकार में 28 मंत्रियों में से दस मंत्री एससी एसटी वर्ग के हैं.जो लगभग 40 प्रतिशत हैं. इसके बावजूद भी आगे जो भी नियुक्तियां या मंत्रीमंडल विस्तार हो उसमें इस वर्ग का विशेष ध्यान दिया जाय.

मध्यप्रदेश विधानसभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 34 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से 31 और17 सीटों में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. जबकि लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन इस दौरान भी इन सीटों में से 19 और 11 सीटों पर कांग्रेस आगे रही थी. भले ही कांग्रेस प्रत्याशियों को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा हो.

भोपाल। कमलनाथ सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार की घोषणा भी नहीं हुई है. लेकिन अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि कमलनाथ सरकार बनाने में आदिवासियों का प्रमुख योगदान रहा है. इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में इस वर्ग का विशेष ध्यान दिया जाए.

आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह

अजय शाह का कहना है कि यदि आज कांग्रेस की सरकार है तो वह एससी,एसटी वर्ग के कारण है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल में एससी - एसटी वर्ग का खासा ध्यान रखा है. कमलनाथ सरकार में 28 मंत्रियों में से दस मंत्री एससी एसटी वर्ग के हैं.जो लगभग 40 प्रतिशत हैं. इसके बावजूद भी आगे जो भी नियुक्तियां या मंत्रीमंडल विस्तार हो उसमें इस वर्ग का विशेष ध्यान दिया जाय.

मध्यप्रदेश विधानसभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 34 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से 31 और17 सीटों में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. जबकि लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन इस दौरान भी इन सीटों में से 19 और 11 सीटों पर कांग्रेस आगे रही थी. भले ही कांग्रेस प्रत्याशियों को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा हो.

Intro:भोपाल। कमलनाथ सरकार के आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडल नियुक्तियों में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। खासकर आदिवासी वर्ग का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम से साफ है कि आदिवासी वर्ग आज भी शिद्दत के साथ कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मौजूदा मंत्रिमंडल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।लेकिन आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडल की नियुक्तियों में भी इस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। क्योंकि अगर मप्र में आज कांग्रेस की सरकार है,तो उसकी वजह आदिवासी वर्ग का भरोसा है।


Body:जहां तक मौजूदा कमलनाथ सरकार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व की बात करें।तो मध्य प्रदेश में 47 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट हैं। जिसमें से 31 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। वही 34 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जिसमें से 17 सीटें कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जीती थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल गठन में भी एससी - एसटी वर्ग के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।फिलहाल कमलनाथ मंत्रिमंडल में 28 मंत्री हैं, जिनमें से 10 मंत्री एससी और एसटी वर्ग के हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी अगर विधानसभावार कांग्रेस का प्रदर्शन देखा जाए। तो कांग्रेस ने 230 सीटों में से सिर्फ 19 सीटों पर जीत हासिल की है। जिसमें 11 विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग से आती हैं। इसी आधार पर मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस का कहना है कि अगर आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है,तो उसमें आदिवासी वर्ग का योगदान है। वहीं लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद भी आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है।


Conclusion:इस मामले में मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि यह सार्वजनिक है कि अगर आज कांग्रेस सरकार में आई है, तो उसमें एससी और एसटी वर्ग का बड़ा योगदान है। अगर आज 28 में से 10 मंत्री एससी और एसटी वर्ग के हैं, मतलब इनको 40% प्रतिनिधित्व दिया गया है। लेकिन जो अभी चौंकाने वाले लोकसभा चुनाव परिणाम आए हैं।उसमें भी जितनी विधानसभा की सीटें कांग्रेस ने जीती हैं, उसमें 62% सीटें वह हैं, जो आदिवासी बाहुल्य जीते हैं।कमलनाथ सरकार के चार में से तीन मंत्री जीते हैं। इसका मतलब यह है कि यह तबका अब भी शिद्दत के साथ कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। जब भी कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार करेगी, आज नहीं तो कल करेगी, यह हमारे मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार है। मेरी उनसे प्रार्थना है कि यह तब का जो शिद्दत के साथ जुड़ा हुआ है,उसका मंत्रिमंडल विस्तार और अन्य नियुक्तियों में ध्यान रखा जाए।
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