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मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक ने संभाला कार्यभार, मंत्री मोहन यादव और कमल पटेल रहे मौजूद

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Published : Oct 14, 2020, 1:31 PM IST

मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी में नवनियुक्त संचालक अशोक कड़ैलका ने पदभार ग्रहण कर लिया. उनके पदभार ग्रहण समारोह में मौजूद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव और कृषि मंत्री कमल पटेल भी मौजूद रहे.

Director of Madhya Pradesh Hindi Granth Academy took charge
मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी संचालक ने किया पदभार ग्रहण

भोपाल। मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी में नवनियुक्त संचालक अशोक कड़ैलका पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव और कृषि मंत्री कमल पटेल शामिल हुए.

उच्च शिक्षा मंत्री ने मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के नए संचालक कड़ैल को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अपना जीवन शिक्षा और समाजहित में लगाया है. मंत्री यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति राष्ट्रभाषा हिन्दी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. विभिन्न पाठ्यक्रमों की पुस्तकें हिन्दी में भी अनुवाद कराई जा रही हैं. नई शिक्षा नीति में अन्य भारतीय भाषाओं का भी ध्यान रखा गया है.

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि राष्ट्र और संस्कृति के लिए कार्य करने वालों का जीवन सार्थक होता है. कड़ैल संघर्षशील, परिश्रमी और योग्य अधिकारी हैं, जो हमेशा अपने राष्ट्र और संस्कृति के लिये समर्पित रहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी को सम्मान दिलाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा. हिन्दी को मान सम्मान दिलाने की कोशिश होगी तो राष्ट्र का सम्मान बढ़ेगा. स्वाभिमान, चरित्र, पुरूषार्थ और देशभक्ति हिन्दी से ही संभव है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के कार्यों में हिन्दी का ही उपयोग किया जा रहा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी में नवनियुक्त संचालक अशोक कड़ैलका पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव और कृषि मंत्री कमल पटेल शामिल हुए.

उच्च शिक्षा मंत्री ने मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के नए संचालक कड़ैल को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अपना जीवन शिक्षा और समाजहित में लगाया है. मंत्री यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति राष्ट्रभाषा हिन्दी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. विभिन्न पाठ्यक्रमों की पुस्तकें हिन्दी में भी अनुवाद कराई जा रही हैं. नई शिक्षा नीति में अन्य भारतीय भाषाओं का भी ध्यान रखा गया है.

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि राष्ट्र और संस्कृति के लिए कार्य करने वालों का जीवन सार्थक होता है. कड़ैल संघर्षशील, परिश्रमी और योग्य अधिकारी हैं, जो हमेशा अपने राष्ट्र और संस्कृति के लिये समर्पित रहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी को सम्मान दिलाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा. हिन्दी को मान सम्मान दिलाने की कोशिश होगी तो राष्ट्र का सम्मान बढ़ेगा. स्वाभिमान, चरित्र, पुरूषार्थ और देशभक्ति हिन्दी से ही संभव है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के कार्यों में हिन्दी का ही उपयोग किया जा रहा है.

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