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वीडी शर्मा के आरोपों पर दिग्विजय का पलटवार, कहा- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी जाए जांच

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Published : Jul 17, 2020, 10:35 AM IST

गुना दलित दंपति के साथ पुलिसकर्मियों के द्वारा की गई मारपीट मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि, इस मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की जांच होनी चाहिए. तो वहीं पलटवार करते हुए पूर्व सीएम ने वीडी शर्मा को ही जांच का जिम्मा सौंपने की मांग कर दी है.

Digvijay Singh and VD Sharma
दिग्विजय सिंह और वीडी शर्मा

भोपाल। गुना में दलित किसान दंपति के साथ हुई अवमानीय घटना को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा गब्बू पारधी और मेरे संबंधों की जांच की मांग का स्वागत करता हूं, मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जांच वीडी शर्मा को ही सौंपने की मांग करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि, शासकीय भूमि पर कब्जा हटाने की कार्रवाई बीजेपी के 15 सालों के शासनकाल में क्यों नहीं की गई. इसकी जांच भी होनी चाहिए.

  • मैं भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा द्वारा गब्बू पारधी और मेरे संबंधों की जॉंच की मॉंग का स्वागत करता हूँ। मैं शिवराज जी से अनुरोध करता हूँ कि इसकी जॉंच बीडी शर्मा जी को ही सौंपी जाए। यह भी जॉंच करें कि शासकीय भीमि पर क़ब्ज़ा हटाने की कार्रवाई भाजपा के १५ सालों में क्यों नहीं की गयी?

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 17, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि, विष्णुदत्त शर्मा ने गुना मामले पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'इस घटना के बहाने कांग्रेस मध्यप्रदेश के सामाजिक वातावरण को बिगाड़ने का षडयंत्र कर रही है, क्योंकि समाज में फूट डालना और अशांति पैदा करना कांग्रेस की संस्कृति रही है. गुना में जो घटना हुई है, उसका किसी समाज विशेष से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वो अतिक्रमण करने वाले और अतिक्रमण हटाने गए प्रशासनिक अमले के बीच का विवाद है. इस घटना के बहाने कांग्रेस अपने शासनकाल के पापों को छिपाना चाहती है और प्रदेश के वातावरण में जातिवाद का जहर घोलना चाहती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के इस षडयंत्र को सफल नहीं होने देगी और प्रदेश की जनता को बताएगी कि, कांग्रेस किस तरह माहौल खराब करके प्रदेश के विकास को रोकना चाहती है'.

गुना के कैंट थाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में पुलिस की बर्बरता पर हो रही सियासत पर वीडी शर्मा ने कहा है कि, गुना में एक उत्कृष्ट महाविद्यालय के निर्माण के लिए लगभग साढ़े चार हेक्टेयर जमीन उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी और 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है. इस जमीन पर गब्बू पारदी नामक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसका लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है. तीन थानों में उस पर कई मामले दर्ज हैं. बुधवार को जब प्रशासनिक अमला इस जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तो गब्बू पारदी ने उन लोगों को भड़का दिया, जो उसके संरक्षण में इस जमीन पर खेती कर रहे थे. गब्बू पारदी ने ही एक महिला को कीटनाशक पीने के लिए उकसाया और जब महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो गब्बू के इशारे पर ही कुछ लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया.

वीडी शर्मा ने कहा कि, प्रदेश सरकार इस घटना की जांच तो करा रही है, लेकिन इस मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. इस प्रश्न का जवाब खोजा जाना चाहिए कि आखिर, किसकी शह पर गब्बू पारदी ने इस जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत जुटाई. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, उत्कृष्ट कॉलेज की भूमि से बेदखली की कार्रवाई नवंबर 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव के चलते रोक दिया गया था. कांग्रेस सरकार में यह दबाव किसने डाला होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जनता के सामने उस चेहरे को बेनकाब होना चाहिए.

भोपाल। गुना में दलित किसान दंपति के साथ हुई अवमानीय घटना को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा गब्बू पारधी और मेरे संबंधों की जांच की मांग का स्वागत करता हूं, मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जांच वीडी शर्मा को ही सौंपने की मांग करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि, शासकीय भूमि पर कब्जा हटाने की कार्रवाई बीजेपी के 15 सालों के शासनकाल में क्यों नहीं की गई. इसकी जांच भी होनी चाहिए.

  • मैं भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा द्वारा गब्बू पारधी और मेरे संबंधों की जॉंच की मॉंग का स्वागत करता हूँ। मैं शिवराज जी से अनुरोध करता हूँ कि इसकी जॉंच बीडी शर्मा जी को ही सौंपी जाए। यह भी जॉंच करें कि शासकीय भीमि पर क़ब्ज़ा हटाने की कार्रवाई भाजपा के १५ सालों में क्यों नहीं की गयी?

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 17, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि, विष्णुदत्त शर्मा ने गुना मामले पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'इस घटना के बहाने कांग्रेस मध्यप्रदेश के सामाजिक वातावरण को बिगाड़ने का षडयंत्र कर रही है, क्योंकि समाज में फूट डालना और अशांति पैदा करना कांग्रेस की संस्कृति रही है. गुना में जो घटना हुई है, उसका किसी समाज विशेष से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वो अतिक्रमण करने वाले और अतिक्रमण हटाने गए प्रशासनिक अमले के बीच का विवाद है. इस घटना के बहाने कांग्रेस अपने शासनकाल के पापों को छिपाना चाहती है और प्रदेश के वातावरण में जातिवाद का जहर घोलना चाहती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के इस षडयंत्र को सफल नहीं होने देगी और प्रदेश की जनता को बताएगी कि, कांग्रेस किस तरह माहौल खराब करके प्रदेश के विकास को रोकना चाहती है'.

गुना के कैंट थाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में पुलिस की बर्बरता पर हो रही सियासत पर वीडी शर्मा ने कहा है कि, गुना में एक उत्कृष्ट महाविद्यालय के निर्माण के लिए लगभग साढ़े चार हेक्टेयर जमीन उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी और 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है. इस जमीन पर गब्बू पारदी नामक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसका लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है. तीन थानों में उस पर कई मामले दर्ज हैं. बुधवार को जब प्रशासनिक अमला इस जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तो गब्बू पारदी ने उन लोगों को भड़का दिया, जो उसके संरक्षण में इस जमीन पर खेती कर रहे थे. गब्बू पारदी ने ही एक महिला को कीटनाशक पीने के लिए उकसाया और जब महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो गब्बू के इशारे पर ही कुछ लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया.

वीडी शर्मा ने कहा कि, प्रदेश सरकार इस घटना की जांच तो करा रही है, लेकिन इस मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. इस प्रश्न का जवाब खोजा जाना चाहिए कि आखिर, किसकी शह पर गब्बू पारदी ने इस जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत जुटाई. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, उत्कृष्ट कॉलेज की भूमि से बेदखली की कार्रवाई नवंबर 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव के चलते रोक दिया गया था. कांग्रेस सरकार में यह दबाव किसने डाला होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जनता के सामने उस चेहरे को बेनकाब होना चाहिए.

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