भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिखकर CBSE की परीक्षाओं को छात्रों के संबंधित स्कूलों की बजाय उनके निवास के निकटतम स्कूल में अथवा ऑनलाइन कराने का अनुरोध किया है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि CBSE ने जो परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया है. उसी समय पर कोरोना महामारी के चरम पर होने की आशंका जताई जा रही है.
पूरे देश में ज्यादातर आवासीय या डे-बोर्डिंग स्कूल हैं. जिनके छात्र देश के अलग-अलग हिस्सों में हैं और लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को वापस चले गए हैं. परीक्षाओं के लिए उन्हें फिर वापस आना होगा, ऐसी स्थिति में जहां उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा रहेगा. वहीं उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
CBSE ने जारी किया परीक्षा का टाइम टेबल
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि CBSE बोर्ड ने जुलाई में बोर्ड एग्जाम के लिए टाइम टेबल जारी किया है. मैं सरकार के फैसले की सराहना करता हूं कि सरकार बोर्ड एग्जाम समय पर कराने की कोशिश कर रही है. ताकि छात्र समय पर कॉलेज में एडमिशन ले सकें, लेकिन मेरा अनुरोध है कि सरकार चाहे तो ऑनलाइन एग्जाम करा सकती है या फिर दूसरे इंटरनेशनल बोर्ड की तरह जनरल प्रमोशन का फैसला कर सकती है. चूंकि CBSE ने जो परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है. इसलिए अब हमें आगे की परिस्थितियों पर सोचना चाहिए. उन्होंने कहा है कि परीक्षा कार्यक्रम जारी होने से अभिभावक, छात्र और विशेष तौर पर आवासीय विद्यालय के छात्रों और उनके परिचित चिंतित और तनाव में हैं. उनको लग रहा है कि परीक्षा देने के लिए सफर करने की स्थिति में वो कोरोना की चपेट में आ सकते हैं.
परीक्षा के लिए छात्रों को करना होगा सफर
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि देश में कोविड-19 के प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में कोरोना वायरस चरम पर रहेगा और उसी समय CBSE ने परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया है. मध्यप्रदेश में ही सैकड़ों आवासीय और डे-बोर्डिंग स्कूल हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र मार्च में लॉकडाउन लगने और परीक्षा स्थगित होने के कारण अपने घरों को वापस पहुंच गए थे. कई छात्र दूसरे राज्यों के हैं, लेकिन CBSE ने जो परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा की है, उसके तहत परीक्षार्थी को वहीं परीक्षा देनी होगी, जहां उनका एडमिशन हुआ है. ऐसी स्थिति में देशभर में छात्रों को परीक्षा के लिए सफर करना होगा, ये स्वास्थ्य के लिहाज से भी गंभीर खतरा बन सकता है. क्योंकि परीक्षा के समय पर ही कोरोना के प्रभाव की चरम पर होने की संभावना जताई जा रही है.
नजदीक परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षा ली जाए
दिग्विजय सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री से अनुरोध किया है कि इन परिस्थितियों में बच्चों के घर के नजदीक परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षा लेने का कष्ट करें. इससे इन्हें यात्रा नहीं करनी होगी, कोरोना का कम खतरा रहेगा और सफर और आर्थिक परेशानियों से भी कम जूझना पड़ेगा.