भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीहोर जिले में बुधनी और नसरुल्लागंज में एनजीटी के प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहे अवैध रेत खनन को रोकने और रेत माफियाओं पर कार्रवाई के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल को पत्र लिखा है. दिग्विजय सिंह ने एनजीटी के चेयरमैन को बताया है कि ट्रिब्यूनल द्वारा 1 जुलाई 2020 से नदियों में रेत खनन किए जाने पर रोक लगाए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी में राजनीतिक दबाव के चलते दिन-रात अवैध रेत खनन व परिवहन हो रहा है. ये एनजीटी के आदेशों का खुला उल्लंघन है.
![Digvijay Singh wrote a letter to the NGT's Chairman regarding illegal mining](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8038048_896_8038048_1594816685280.png)
अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि बुदनी क्षेत्र का सजग मीडिया रोज रेत खनन की खबरें प्रकाशित कर रहा है. बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन, पुलिस और खनिज विभाग रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें संरक्षण दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि रेत के इस खेल में प्रतिदिन लाखों रूपए की रॉयल्टी का शासन को चूना लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुदनी के छिदगांव, बड़गांव, आंवा, डिमावर, आवली घाट, बाबरी, जहाजपुर, चोरसाखेड़ी, नीलखंड, छीपानेर, रानीपुरा सहित अन्य घाटों से दिन रात जेसीबी और पोकलेन मशीनों से प्रतिबंधित अवधि में रेत निकाली जा रही है. स्थानीय अधिकारियों के संरक्षण में नसरुल्लागंज क्षेत्र के 30-40 गांव में अवैध रूप से रेत स्टॉक कर बेची जा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एनजीटी के चेयरमैन से अनुरोध किया है कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र होने से जिम्मेदार अधिकारी राजनैतिक दबाव और निजी स्वार्थ के लिए रेत माफियाओं से मिलकर रेत की कालाबाजारी करने जैसे संगीन अपराध कर रहे हैं. अतः इसे प्रभावी ढंग से रोकने के लिए इस मामले को संज्ञान में लेकर माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.