भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में हुए 28 सीटों के उपचुनाव को लेकर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कमलनाथ ने 28 सीटों की समीक्षा की है और इसमें ये बात सामने आ रही है कि कोई ऐसी सीट नहीं, जहां कांग्रेस पीछे हो. वहीं उन्होंने इस बात का दुख जताया है कि चुनाव आयोग को संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची सौंपी थी, लेकिन चुनाव आयोग निष्पक्ष मतदान कराने में असफल रहा है. उन्होंने दावा किया है कि आप आश्चर्यचकित मत होइएगा, अगर कांग्रेस 28 की 28 सीटें जीत जाए.
चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर जताया दुख
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें दुख इस बात का है कि चुनाव आयोग को हमने संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची दी थी. विशेषकर सुमावली और मेहगांव क्षेत्र की जो संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची दी थी और नामजद बताया था कि कौन-कौन पुलिस अधिकारी है, जो भाजपा के उम्मीदवारों का सहयोग करेंगे, लेकिन सुमावली में दिनभर गोली चलती रही, महिलाओं, गरीबों को वोट नहीं डालने दिया. मतदाताओं ने इसकी शिकायत भी की, लेकिन वोट डालने का मौका नहीं मिला. उन्होंने सुमावली थाने का भी घेराव किया.
दिग्विजय सिंह का दावा
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरा ये आरोप है कि जिला प्रशासन, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक इस मामले में पूरी तरह असफल रहे हैं. मुझे इस बात का भी दुख है कि केंद्रीय चुनाव आयोग के जो पर्यवेक्षक आए थे, जो पुलिस और आईएएस भी थे, वो सभी नियंत्रण नहीं रख पाए हैं. मेरी मांग है कि केंद्रीय चुनाव आयोग को इन सारी घटनाओं के लिए लोगों की जिम्मेदारी तय करना चाहिए. जो मतदान के समय गोलियां चलीं और मारा-पीटा गया, मारने की धमकी दी गई, गोलियां चलाई गईं, उन आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. बल्कि इन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.