भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के किसानों के बीच पहुंचने पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तंज कसा है, सारंग ने कहा कि दिग्विजय सिंह के संस्कार ऐसे ही हैं, इसलिए दिग्विजय सिंह को एक बार सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई करनी चाहिए, ताकि उन्हें पता चले कि कैसी होती है शिक्षा. दिग्विजय सिंह की राजनीति विध्वंस और विद्वेष करने वाली है. अपनी राजनीतिक हैसियत ढूंढ़ने के लिए दिग्विजय सिंह ऐसे बयान देते रहते हैं. सारंग महा वैक्सीनेशन अभियान के तहत नवीन स्कूल में बने सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने ये बातें कही.
सरस्वती शिशु मंदिर फैलाते हैं नफरत - दिग्विजय सिंह
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने रविवार को भोपाल के नीलम पार्क में आयोजित संयुक्त विपक्ष के धरने में कहा था कि विद्या भारती प्रतिष्ठान (Vidya Bharati Foundation) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर (Saraswati Shishu Mandir) नफरत फैलाने का जरिया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये वो लोग हैं, जिनसे हम लड़ाई लड़ रहे हैं, जो बचपन से सरस्वती शिशु मंदिर से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत का बीज बोते हैं, वही नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे चलकर देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ता है.
अनुच्छेद- 370 के पक्ष में थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी
इतना ही नहीं सावरकर और अनुच्छेद 370 पर दिग्विजय ने कहा कि अंग्रेजों ने सावरकर के जरिए लोगों के मन में नफरत पैदा करने का काम किया, उसके पहले देश में सांप्रदायिक सद्भाव रहता था. आजादी की लड़ाई में न हिंदू महासभा ने और न ही संघ ने और न ही मुस्लिम लीग ने भाग लिया. लोग यह सोचते हैं कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी 370 के पक्षधर नहीं थे, लेकिन जब कश्मीर में अनुच्छेद 370 लगाने का प्रस्ताव पास हुआ था, उस दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल थे.
'हिंदू धर्म का उपयोग कर रहा RSS'
संघ पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस का हिंदुत्व सनातन को प्रदर्शित नहीं करता है. यह लोग धर्म का उपयोग करते हैं. आरएसएस की विचारधारा वह है, जिसने गांधी की हत्या की थी. बीजेपी वाले कहते हैं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ, पर वह यह भूल जाते हैं कि यदि संविधान नहीं बना होता तो आज नरेंद्र मोदी भी पीएम नहीं बन पाते. जो लोग हर चीज के लिए पंडित नेहरू को दोषी ठहराते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ हमे लड़ना है.
सरस्वती शिशु मंदिर में फिर से पढ़ाई करें दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह के बयान पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह यदि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ लेते तो उनके संस्कार अच्छे हो जाते, वह इस तरह की अनर्गल बातें कर पाकिस्तान परस्ती की बात नहीं करते. दिग्विजय सिंह देश को तोड़ने और विध्वंस की बातें नहीं करते, यदि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़े होते तो दिग्विजय सिंह आतंकवाद को संरक्षण देने की बात नहीं करते, दिग्विजय सिंह से अनुरोध करता हूं कि वह सरस्वती शिशु मंदिर में जाएं और फिर से पढ़ाई करें.