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भोपाल: अभिनयन में हुआ अंकिया लोकनाट्य शैली में ‘धृतराष्ट्र दिग्विजय’ का मंचन - कला एवं संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में रंग प्रयोगों के प्रदर्शन पर केंद्रित साप्ताहिक श्रृंखला 'अभिनयन' में आज अतुल भुयां (असम) के निर्देशन में अंकिया शैली में लोकनाट्य 'धृतराष्ट्र दिग्विजय' का प्रसारण हुआ.

Bhopal
अभिनयन में हुआ अंकिया लोकनाट्य शैली में ‘धृतराष्ट्र दिग्विजय’ का प्रसारण
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Published : Aug 14, 2020, 10:13 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में रंग प्रयोगों के प्रदर्शन पर केंद्रित कला एवं संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश की साप्ताहिक श्रृंखला 'अभिनयन' में आज अतुल भुयां (असम) के निर्देशन में अंकिया शैली के लोकनाट्य 'धृतराष्ट्र दिग्विजय' का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल पर हुआ. इस दौरान कलाकारों ने रंगमंच पर इसकी प्रस्तुति दी और दर्शकों के लिए इसका लाइव टेलीकास्ट यूट्यब चैनल पर किया गया.

अंकिया असम की प्राचीन पारंपरिक लोकनाट्य शैली है, कहानी के केंद्र में धृतराष्ट्र हैं, जो पूरी तन्मयता के साथ भगवान विष्णु की उपासना में लीन हैं. धृतराष्ट्र की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान जब उनसे वर मांगने के लिए कहते हैं तो धृतराष्ट्र चार माह के लिए अपनी आंखों की दृष्टि मांगते हैं. चार माह के लिए अपनी दृष्टि पा लेने के बाद धृतराष्ट्र विश्व विजय करने निकलते हैं. धृतराष्ट्र द्वारा विश्व विजय के दौरान उनका साथ विदुर देते हैं. इस दौरान धृतराष्ट्र कई बड़े-बड़े राज्यों को जीतते हैं और कई राक्षसों का वध अपनी सूझ-बूझ से करते हैं.

अतुल भुयां कई वर्षों से रंग कर्म के क्षेत्र से जुड़े हैं. अतुल ने कई प्रस्तुतियों का निर्देशन करने के साथ ही साथ अभिनय भी किया है.

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में रंग प्रयोगों के प्रदर्शन पर केंद्रित कला एवं संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश की साप्ताहिक श्रृंखला 'अभिनयन' में आज अतुल भुयां (असम) के निर्देशन में अंकिया शैली के लोकनाट्य 'धृतराष्ट्र दिग्विजय' का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल पर हुआ. इस दौरान कलाकारों ने रंगमंच पर इसकी प्रस्तुति दी और दर्शकों के लिए इसका लाइव टेलीकास्ट यूट्यब चैनल पर किया गया.

अंकिया असम की प्राचीन पारंपरिक लोकनाट्य शैली है, कहानी के केंद्र में धृतराष्ट्र हैं, जो पूरी तन्मयता के साथ भगवान विष्णु की उपासना में लीन हैं. धृतराष्ट्र की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान जब उनसे वर मांगने के लिए कहते हैं तो धृतराष्ट्र चार माह के लिए अपनी आंखों की दृष्टि मांगते हैं. चार माह के लिए अपनी दृष्टि पा लेने के बाद धृतराष्ट्र विश्व विजय करने निकलते हैं. धृतराष्ट्र द्वारा विश्व विजय के दौरान उनका साथ विदुर देते हैं. इस दौरान धृतराष्ट्र कई बड़े-बड़े राज्यों को जीतते हैं और कई राक्षसों का वध अपनी सूझ-बूझ से करते हैं.

अतुल भुयां कई वर्षों से रंग कर्म के क्षेत्र से जुड़े हैं. अतुल ने कई प्रस्तुतियों का निर्देशन करने के साथ ही साथ अभिनय भी किया है.

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