भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बाद डेंगू अपना असर दिखाने लगा है. प्रदेश में 2000 से अधिक मामले डेंगू के अभी तक आ चुके हैं. जबकि अक्टूबर में 1200 मरीज ही सामने आए थे, वहीं नवंबर में ये आंकड़ा 2000 से अधिक पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों को छुपाने में लगा हुआ है. जबकि मध्यप्रदेश में डेंगू का कहर लगातार जारी है. भोपाल बैरागढ के संत नगर में डेंगू से एक परिवार में दूसरे भाई की भी मौत हो गई, जबकि 4 दिन पहले ही एक भाई की डेंगू से जान गई थी ( two brothers died of dengue in bhopal). इधर स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि लगातार सर्वे कर लार्वा को नष्ट किया जा रहा है.
एक ही परिवार के दो भाईयों ने तोड़ा दम: भोपाल के बैरागढ़ में डेंगू पांव पसारता जा रहा है. सोमवार देर रात एक युवा की डेंगू से मौत हो गई. जबकि उसके सगे भाई ने भी डेंगू के कारण चार दिन पहले ही दम तोड़ा था. बैरागढ़ में अब तक डेंगू से चार मौते हो चुकी हैं. डेंगू से वन ट्री हिल्स क्षेत्र निवासी राजपूत परिवार के दो भाइयों की मौत हो चुकी है. करीब 18 वर्षीय युवक तरुण राजपूत ने भी डेंगू के कारण सोमवार देर रात को दम तोड़ दिया. जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को आई, जबकि चार दिन पूर्व ही उसके सगे भाई राजीव राजपूत की डेंगू के कारण मौत हो गई थी. तरुण को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने सोमवार रोत दम तोड़ दिया. लगातार हो रही मौतों के कारण हड़कंप मचा हुआ है.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कही सर्वे की बात: ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी (mp health minister talks with etv bharat) ने कहा कि लगातार सर्वे कर लार्वा को नष्ट किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जहां-जहां भी पानी भराव की स्थिति होती है, वहां से पानी हटा देना चाहिए, क्योंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पैदा होता है. ऐसे में विभाग भी लगातार सर्वे कर रहा है. लिहाजा जहां भी पानी भराव की स्थिति हो रही है, उन पर चालानी कार्रवाई भी की जा रही है.
एमपी में 2हजार से ज्यादा आ चुके हैं मामले: मध्यप्रदेश में अभी तक 2000 से ज्यादा डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं (2 thousand dengue cases in mp). जिसमें भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में बड़ी संख्या में मरीज मिले हैं. भोपाल में 650 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. जबकि इंदौर में भी लगभग इतने ही मामले हैं. वही गवालियर में भी करीब 500 से अधिक मामले सामने आए हैं. इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति है, बावजूद इसके प्रदेश का स्वास्थ और मलेरिया विभाग जानकारी छिपाने में लगा हुआ है.