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कोरोना संकट के बीच फिर उठी सैकड़ों मलेरिया MPW को बहाल करने की मांग - कांग्रेस के प्रदेश सचिव केके सिंह कालूखेड़ा

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि 773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है, ये सभी राज्य के दूरदराज इलाकों में सेवाएं दे रहे थे, लेकिन शिवराज सरकार इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थी.

kunal Chaudhary
कुणाल चौधरी
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Published : Apr 18, 2020, 1:08 PM IST

भोपाल। कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश के संविदा मलेरिया MPW को बहाल करने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि 773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है, ये सभी राज्य के दूरदराज इलाकों में सेवाएं दे रहे थे, लेकिन शिवराज सरकार ने बजट की कमी के चलते 30 जून 2017 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थी. आज ये सभी मलेरिया MPW निःस्वार्थ सेवा देना चाहते हैं.

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22 सितंबर को की गई बहाली की मांग

कांग्रेस विधायक ने ट्वीट में लिखा- '773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है, जो राज्य में पहुंच विहीन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे, जिन्हें शिवराज सिंह ने 30 जून 2017 को बजट का अभाव बताकर निकाल दिया था. आज 773 मलेरिया MPW निःस्वार्थ भाव से #COVID19 में सेवा देना चाहते हैं.

  • 773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है जो राज्य में पहुंच विहीन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे। जिन्हें @ChouhanShivraj जी ने 30 जून 2017 को बजट का अभाव बताकर निकाल दिए थे। आज 773 मलेरिया MPW निस्वार्थ भाव से #COVID19 में सेवा देना चाहते हैं।

    — Kunal Choudhary (@KunalChoudhary_) April 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

22 सितंबर 2019 को कांग्रेस सरकार से भी मलेरिया MPW को बहाल करने की मांग मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से की गई थी, ये मांग कांग्रेस के प्रदेश सचिव केके सिंह कालूखेड़ा ने की थी. स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक मलेरिया MPW की भर्ती साल 2010 में की गई थी. इसमें प्रदेश के 28 जिलों से 773 मलेरिया MPW को चुना गया था.

जून 2014 में इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं थी और इसी साल जुलाई में बहाल भी कर दी गई थीं. 30 जून 2017 को इन्हें फिर से निष्काषित कर दिया गया था और इन सभी मलेरिया MPW को परिवार के पालन पोषण में परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि शिवराज सरकार ने बजट की कमी के चलते 30 जून 2017 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं.

भोपाल। कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश के संविदा मलेरिया MPW को बहाल करने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि 773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है, ये सभी राज्य के दूरदराज इलाकों में सेवाएं दे रहे थे, लेकिन शिवराज सरकार ने बजट की कमी के चलते 30 जून 2017 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थी. आज ये सभी मलेरिया MPW निःस्वार्थ सेवा देना चाहते हैं.

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22 सितंबर को की गई बहाली की मांग

कांग्रेस विधायक ने ट्वीट में लिखा- '773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है, जो राज्य में पहुंच विहीन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे, जिन्हें शिवराज सिंह ने 30 जून 2017 को बजट का अभाव बताकर निकाल दिया था. आज 773 मलेरिया MPW निःस्वार्थ भाव से #COVID19 में सेवा देना चाहते हैं.

  • 773 निष्कासित मलेरिया MPW को बहाल करने की जरूरत है जो राज्य में पहुंच विहीन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे। जिन्हें @ChouhanShivraj जी ने 30 जून 2017 को बजट का अभाव बताकर निकाल दिए थे। आज 773 मलेरिया MPW निस्वार्थ भाव से #COVID19 में सेवा देना चाहते हैं।

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22 सितंबर 2019 को कांग्रेस सरकार से भी मलेरिया MPW को बहाल करने की मांग मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से की गई थी, ये मांग कांग्रेस के प्रदेश सचिव केके सिंह कालूखेड़ा ने की थी. स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक मलेरिया MPW की भर्ती साल 2010 में की गई थी. इसमें प्रदेश के 28 जिलों से 773 मलेरिया MPW को चुना गया था.

जून 2014 में इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं थी और इसी साल जुलाई में बहाल भी कर दी गई थीं. 30 जून 2017 को इन्हें फिर से निष्काषित कर दिया गया था और इन सभी मलेरिया MPW को परिवार के पालन पोषण में परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि शिवराज सरकार ने बजट की कमी के चलते 30 जून 2017 को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं.

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