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अतिथि शिक्षकों पर दर्ज मामला वापस लेने की मांग, कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की दी चेतावनी

अतिथि शिक्षकों के खिलाफ दर्ज मामले को कर्मचारी संगठनों ने वापस लेने की मांग की है. संगठनों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही केस वापस नहीं लिया जाता तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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Published : Jul 1, 2019, 8:12 AM IST

भोपाल। अतिथि शिक्षकों के खिलाफ टीटी नगर थाने में मामला दर्ज किए जाने के बाद कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है. कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि अतिथि शिक्षक 25 वर्षों से लगातार अध्यापन के कार्य से जुड़े हुए हैं. वे जायज मांगों के साथ राजधानी का रुख करते हैं, लेकिन इस तरह से थाने में मामला दर्ज कराना नीतिगत नहीं है.

अतिथि शिक्षकों पर दर्ज मामला दर्ज लेने की मांग

मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने चेतावनी दी है कि सरकार को जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों पर दर्ज किए गए मामले को वापस लेना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जा सकता है. रमेश राठौर का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन लोगों से वादा किया था कि इन्हें नियमितीकरण का तोहफा दिया जाएगा, लेकिन सरकार बने हुए इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया है.

इसके बाद अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के बंगले का रुख किया था. जहां उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों पर मामला दर्ज कर लेना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवीन शिक्षण सत्र में भर्ती प्रक्रिया और नियमों से नाराज अतिथि शिक्षकों ने यह प्रदर्शन किया था. जिसमें किसी भी प्रकार का कोई उल्लंघन नहीं किया था. इसके बावजूद एफआईआर की गयी.

भोपाल। अतिथि शिक्षकों के खिलाफ टीटी नगर थाने में मामला दर्ज किए जाने के बाद कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है. कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि अतिथि शिक्षक 25 वर्षों से लगातार अध्यापन के कार्य से जुड़े हुए हैं. वे जायज मांगों के साथ राजधानी का रुख करते हैं, लेकिन इस तरह से थाने में मामला दर्ज कराना नीतिगत नहीं है.

अतिथि शिक्षकों पर दर्ज मामला दर्ज लेने की मांग

मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने चेतावनी दी है कि सरकार को जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों पर दर्ज किए गए मामले को वापस लेना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जा सकता है. रमेश राठौर का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन लोगों से वादा किया था कि इन्हें नियमितीकरण का तोहफा दिया जाएगा, लेकिन सरकार बने हुए इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया है.

इसके बाद अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के बंगले का रुख किया था. जहां उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों पर मामला दर्ज कर लेना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवीन शिक्षण सत्र में भर्ती प्रक्रिया और नियमों से नाराज अतिथि शिक्षकों ने यह प्रदर्शन किया था. जिसमें किसी भी प्रकार का कोई उल्लंघन नहीं किया था. इसके बावजूद एफआईआर की गयी.

Intro:अतिथि शिक्षकों पर दर्ज मामला वापस लेने की मांग , कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की दी चेतावनी


भोपाल | प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के खिलाफ टीटी नगर थाने में मामला दर्ज किए जाने के बाद कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि अतिथि शिक्षक 25 वर्षों से लगातार अध्यापन के कार्य से जुड़े हुए हैं और वे अपनी जायज मांगों को लेकर ही लगातार राजधानी का रुख करते हैं लेकिन इस तरह से थाने में मामला दर्ज कराना नीतिगत नहीं है कर्मचारियों का हक है कि वे प्रदर्शन करें और अपनी बात शासन प्रशासन तक पहुंचाएं . कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि सरकार को जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों पर दर्ज किए गए मामले को वापस ले लेना चाहिए अन्यथा प्रदेश में इस घटना के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जा सकता है .


Body:मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि अतिथि शिक्षकों अपनी जायज मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन लोगों से वादा किया था कि इन्हें नियमितीकरण का तोहफा दिया जाएगा लेकिन सरकार बने हुए इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया है यही वजह है कि अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए उन्होंने शिक्षा मंत्री के बंगले का रुख किया था इस दौरान उन्होंने वहां पर ज्ञापन सौंपा था लेकिन पुलिस के द्वारा अतिथि शिक्षकों पर मामला दर्ज कर लेना ठीक नहीं है .


Conclusion:उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नवीन शिक्षण सत्र में भर्ती प्रक्रिया और नियमों से नाराज अतिथि शिक्षकों ने यह प्रदर्शन किया था और कर्मचारियों ने किसी भी प्रकार का कोई उल्लंघन नहीं किया था यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था इसे देखते हुए हम मांग करते हैं कि सरकार को तुरंत अतिथि शिक्षकों पर दर्ज किया गया मामला वापस ले लेना चाहिए अन्यथा सभी कर्मचारी संगठन मिलकर जल्द इस मामले को लेकर बैठक करेंगे और सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा . जिसकी सभी जवाबदारी सरकार की होगी .
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