भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ने के बाद प्रदेश सरकार ने कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. सरकार ने त्योहारों पर धार्मिक स्थलों पर भीड़ बढ़ जाने के मद्देनजर वहां जाने को लेकर रोक लगाई है, लेकिन राजधानी में शुक्रवार को सरकार के इन नियम का विरोध शुरु हो गया है.
- धार्मिक स्थलों पर ही रोक क्यों?
धार्मिक स्थलों पर पाबंदियों को लेकर राजधानी के निवासी काजी सैयद मुश्ताक अली नदबी का कहना है कि बाजार खुल रहे हैं, कंपनियों और सरकारी कार्यालयों में भी लोगों का आना-जाना जारी है, लेकिन सरकार ने मंदिर, मस्जिद पर लोगों के जाने पर रोक लगाई है. उन्होंने कहा कि सरकार का इस तरह का फैसला हैरान करने वाला है और इससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं.
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- पत्र लिखकर रोक हटाने की मांग
वहीं, सरकार की इन पाबंदियों को लेकर मुस्लिम समुदाय ने शासन-प्रशासन को एक पत्र लिखा है, जिसमें धार्मिक स्थलों पर लगी रोक को हटाने की बात लिखी गई है. पत्र लिखने वालों में काजी सैयद मुश्ताक अली नदबी, मुफ्ती अबुल कलाम खान कासमी, नायब शहर काजी सैयद बाबर अली, नायब मुफ्ती जसीम दाद, मुफ्ती रईस अहमद खान कासमी, मस्जिद कमेटी के प्रभारी सचिव यासिर अराफात का नाम शामिल है.
- गाइडलाइन का होगा पालन
पत्र लिखने वालों ने कहा कि रोक के आदेश को संशोधित कर लोगों को पूजा और इबादत करने की इजाजत दी जाए. उन्होंने कहा कि लोग कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर, मास्क लगाकर इबादत करने को तैयार हैं.