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सातवें वेतनमान के एरियर्स की मांग पूरी, गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के टीचर्स की हड़ताल वापस - गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिकल टीचर्स

सातवें वेतनमान के एरियर्स की मांग को लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के टीचर की सांकेतिक हड़ताल खत्म हो गई हैं. प्रबंधन से लिखित में मिले आश्वासन के बाद सभी डॉक्टर्स अपने काम पर लौट आए हैं. गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अप्रैल माह में ही एरियर की राशि का भुगतान करने का लिखित आश्वासन दिया है. (GMC teachers strike cancel) (Arrears of 7th pay scale fulfilled)

GMC teachers strike cancel
GMC के टीचर्स की हड़ताल वापस
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Published : Apr 4, 2022, 3:22 PM IST

भोपाल। पिछले 7 दिनों से सांकेतिक हड़ताल कर रहे गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिकल टीचर्स ने हड़ताल खत्म कर दी है. प्रबंधन के साथ हुई चर्चा के बाद इस हड़ताल को खत्म करने का निर्णय लिया गया. गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन और मेडिकल टीचर्स के बीच 1 घंटे वार्ता चली. मेडिकल टीचर एसोसिएशन के सचिव राकेश मालवीय ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन ने मेडिकल टीचर्स को लिखित में आश्वासन दिया है कि अप्रैल माह में ही उन्हें एरियस की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. जैसे ही अप्रैल में बजट आता है, बजट के साथ ही इनकी राशि का भी भुगतान किया जाएगा. इसके बाद यह सभी डॉक्टर अपने काम पर वापस लौट आए हैं.

प्रभावित हो रहा था कामकाज : आपको बता दें कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान हो गया था, लेकिन भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज और विदिशा के मेडिकल कॉलेज को इससे वंचित रखा गया था. ऐसे में भोपाल के साढ़े 300 से अधिक मेडिकल टीचर के साथ ही विदिशा के टीचर भी इस सांकेतिक हड़ताल पर चले गए थे. इसके चलते इन्होंने पहले दिन काली पट्टी बांधकर विरोध किया था. उसके बाद एक 1 घंटे तक ओपीडी में काम बंद किया था. इस कारण कक्षाएं भी प्रभावित हो रही थीं और कई ऑपरेशन भी टाले गए थे. मेडिकल टीचर्स का आरोप था कि ट्रेजरी के अधिकारी एरियर की राशि के भुगतान के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.

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अब प्रमोशन पॉलिसी की मांग : इधर, प्रमोशन पॉलिसी लागू नहीं किए जाने के विरोध में प्रदेश के साढ़े तीन हजार मेडिकल टीचर दो माह बाद एक बड़ा आंदोलन करने वाले हैं. इसको लेकर एक बड़ी बैठक सागर में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेशभर से मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर एकत्रित हुए और उन्होंने सरकार को दो माह का समय दिया है. दरअसल 2019 में मुख्य सचिव के साथ हुई इनकी एक बैठक में निर्णय लिया गया था कि इनको प्रमोशन पॉलिसी डीएसीपी और सातवें वेतनमान में एनपीए के तहत कर कर दिए जाने की बात हुई थी. लेकिन 3 साल गुजर जाने के बाद भी यह मांग जस की तस बनी हुई है, ऐसे में इन सभी ने सागर में एक बड़ी बैठक की, इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि 2 माह बाद एक बड़ा आंदोलन तैयार किया जाएगा. उन्होंने फिलहाल सरकार को 2 माह की समय सीमा दी है.

भोपाल। पिछले 7 दिनों से सांकेतिक हड़ताल कर रहे गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिकल टीचर्स ने हड़ताल खत्म कर दी है. प्रबंधन के साथ हुई चर्चा के बाद इस हड़ताल को खत्म करने का निर्णय लिया गया. गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन और मेडिकल टीचर्स के बीच 1 घंटे वार्ता चली. मेडिकल टीचर एसोसिएशन के सचिव राकेश मालवीय ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन ने मेडिकल टीचर्स को लिखित में आश्वासन दिया है कि अप्रैल माह में ही उन्हें एरियस की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. जैसे ही अप्रैल में बजट आता है, बजट के साथ ही इनकी राशि का भी भुगतान किया जाएगा. इसके बाद यह सभी डॉक्टर अपने काम पर वापस लौट आए हैं.

प्रभावित हो रहा था कामकाज : आपको बता दें कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान हो गया था, लेकिन भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज और विदिशा के मेडिकल कॉलेज को इससे वंचित रखा गया था. ऐसे में भोपाल के साढ़े 300 से अधिक मेडिकल टीचर के साथ ही विदिशा के टीचर भी इस सांकेतिक हड़ताल पर चले गए थे. इसके चलते इन्होंने पहले दिन काली पट्टी बांधकर विरोध किया था. उसके बाद एक 1 घंटे तक ओपीडी में काम बंद किया था. इस कारण कक्षाएं भी प्रभावित हो रही थीं और कई ऑपरेशन भी टाले गए थे. मेडिकल टीचर्स का आरोप था कि ट्रेजरी के अधिकारी एरियर की राशि के भुगतान के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.

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अब प्रमोशन पॉलिसी की मांग : इधर, प्रमोशन पॉलिसी लागू नहीं किए जाने के विरोध में प्रदेश के साढ़े तीन हजार मेडिकल टीचर दो माह बाद एक बड़ा आंदोलन करने वाले हैं. इसको लेकर एक बड़ी बैठक सागर में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेशभर से मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर एकत्रित हुए और उन्होंने सरकार को दो माह का समय दिया है. दरअसल 2019 में मुख्य सचिव के साथ हुई इनकी एक बैठक में निर्णय लिया गया था कि इनको प्रमोशन पॉलिसी डीएसीपी और सातवें वेतनमान में एनपीए के तहत कर कर दिए जाने की बात हुई थी. लेकिन 3 साल गुजर जाने के बाद भी यह मांग जस की तस बनी हुई है, ऐसे में इन सभी ने सागर में एक बड़ी बैठक की, इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि 2 माह बाद एक बड़ा आंदोलन तैयार किया जाएगा. उन्होंने फिलहाल सरकार को 2 माह की समय सीमा दी है.

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