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लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की सदस्यता से दीपक बाबरिया नाराज, मुख्यमंत्री कमलनाथ से पुनर्विचार की मांग

लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की सदस्य के रूप में नियुक्ति के खिलाफ मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया ने नाराजगी जताई है. आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि दीपक बाबरिया अगर विरोध में हैं, तो लिखित में या सार्वजनिक रूप से अपना विरोध जताएं.

चंद्रशेखर रैकवार की सदस्यता से दीपक बाबरिया नाराज
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Published : Jul 30, 2019, 10:36 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की सदस्य के रूप में नियुक्ति के खिलाफ सामाजिक संगठनों और आरटीआई एक्टिविस्ट ने मोर्चा खोल दिया है. अब खबर मिल रही है कि मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया भी इस नियुक्ति के खिलाफ हैं. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से पुनर्विचार की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ इस नियुक्ति का शुरू से ही विरोध कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि दीपक बाबरिया अगर विरोध में हैं, तो लिखित में या सार्वजनिक रूप से अपना विरोध जताएं. इस तरह की रस्म अदायगी ना करें. वैसे इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले हैं.

चंद्रशेखर रैकवार की सदस्यता से दीपक बाबरिया नाराज

इस नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं और नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताकर चंद्रशेखर रैकवार की नियुक्ति रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सरकार के ऐसा नहीं करने पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही जा रहा है. क्योंकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि लोक सेवा आयोग की नियुक्ति में चयन समिति बनाना जरूरी है. इस नियुक्ति में चयन समिति तो बनाई गई, लेकिन उम्मीदवारों का पैनल नहीं बनाया गया. चयन समिति ने सिर्फ एक नाम की सिफारिश की और उस नाम पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी. इसलिए इसे चयन ना कहकर मनोनयन कहा जा रहा है. लेकिन अभी तक दीपक बावरिया के विरोध के बारे में ना तो कोई बयान आया है और ना ही उनकी कोई चिट्ठी देखने मिली है.

नियुक्ति का विरोध कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए सदस्य पद पर लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की नियुक्ति की है. चंद्रशेखर रैकवार के बारे में कई गंभीर शिकायतें आई हैं, उनका व्यक्तित्व विवादास्पद रहा है. ऐसे मामले में सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए उनकी नियुक्ति की है.

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की सदस्य के रूप में नियुक्ति के खिलाफ सामाजिक संगठनों और आरटीआई एक्टिविस्ट ने मोर्चा खोल दिया है. अब खबर मिल रही है कि मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया भी इस नियुक्ति के खिलाफ हैं. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से पुनर्विचार की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ इस नियुक्ति का शुरू से ही विरोध कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि दीपक बाबरिया अगर विरोध में हैं, तो लिखित में या सार्वजनिक रूप से अपना विरोध जताएं. इस तरह की रस्म अदायगी ना करें. वैसे इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले हैं.

चंद्रशेखर रैकवार की सदस्यता से दीपक बाबरिया नाराज

इस नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं और नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताकर चंद्रशेखर रैकवार की नियुक्ति रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सरकार के ऐसा नहीं करने पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही जा रहा है. क्योंकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि लोक सेवा आयोग की नियुक्ति में चयन समिति बनाना जरूरी है. इस नियुक्ति में चयन समिति तो बनाई गई, लेकिन उम्मीदवारों का पैनल नहीं बनाया गया. चयन समिति ने सिर्फ एक नाम की सिफारिश की और उस नाम पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी. इसलिए इसे चयन ना कहकर मनोनयन कहा जा रहा है. लेकिन अभी तक दीपक बावरिया के विरोध के बारे में ना तो कोई बयान आया है और ना ही उनकी कोई चिट्ठी देखने मिली है.

नियुक्ति का विरोध कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए सदस्य पद पर लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की नियुक्ति की है. चंद्रशेखर रैकवार के बारे में कई गंभीर शिकायतें आई हैं, उनका व्यक्तित्व विवादास्पद रहा है. ऐसे मामले में सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए उनकी नियुक्ति की है.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रायकवार की सदस्य के रूप में नियुक्ति के खिलाफ सामाजिक संगठनों और आरटीआई एक्टिविस्ट मोर्चा खोल चुके हैं। अब खबर मिल रही है कि मध्य प्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया भी इस नियुक्ति के खिलाफ हैं। चर्चा है कि उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से पुनर्विचार की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ इस नियुक्ति का शुरू से ही विरोध कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि दीपक बाबरिया अगर विरोध में हैं, तो लिखित में या सार्वजनिक रूप से अपना विरोध जताएं। इस तरह की रस्म अदायगी ना करें। वैसे इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले हैं।


Body:दरअसल इस नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं और नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताकर चंद्रशेखर रैकवार की नियुक्ति रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सरकार के ऐसा नहीं करने पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कह रहे हैं। क्योंकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि लोक सेवा आयोग की नियुक्ति में चयन समिति बनाना जरूरी है। इस नियुक्ति में चयन समिति तो बनाई गई, लेकिन उम्मीदवारों का पैनल नहीं बनाया गया।चयन समिति ने सिर्फ एक नाम की सिफारिश की और उस नाम पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी। इसलिए इसे चयन ना कहकर मनोनयन कहा जा रहा है। इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया के विरोध की भी खबरें आ रही हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर पुनर्विचार के लिए कहा है। लेकिन अभी तक दीपक बावरिया के विरोध के बारे में ना तो कोई बयान आया है और ना ही उनकी कोई चिट्ठी देखने मिली है।


Conclusion:नियुक्ति का विरोध कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए सदस्य पद पर लोक सेवा आयोग में चंद्रशेखर रैकवार की नियुक्ति की है। चंद्रशेखर रायकवार के बारे में कई गंभीर शिकायतें आई हैं, उनका व्यक्तित्व विवादास्पद रहा है। ऐसे मामले में सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए उनकी नियुक्ति की है। सरकार के इस कदम के विरोध में हम हाई कोर्ट जा रहे हैं। वही हमारा कहना है कि अगर दीपक बावरिया वाकई इस नियुक्ति के विरोध में हैं। तो वह लिखित में सरकार को विरोध दर्ज कराएं,तब हमें विश्वास होग। वरना हम मानेंगे कि केवल राजनीतिक रस्म अदायगी के तौर पर विरोध किया गया है, जो कोई मतलब नहीं रखता है।जनता के साथ कमलनाथ सरकार ने खिलवाड़ किया है और कानून की अवहेलना की है।
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