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Cyclone Biparjoy Effect: चक्रवात बिपरजॉय की एमपी में उल्टी गिनती शुरू, ग्वालियर के रास्ते से लेगा एंट्री - एमपी मौसम अपडेट

अरब सागर से उठा चक्रवात बिपरजॉय गुजरात, राजस्थान के बाद एमपी में भी असर दिखा सकता है. बिपरजॉय का एमपी में कितना और कैसा असर होगा जानिए मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे से...

Cyclone Biparjoy Effect
चक्रवात बिपरजॉय
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Published : Jun 14, 2023, 3:59 PM IST

भोपाल। अरब सागर से उठने वाले तूफान एमपी में कितना असर दिखाते हैं. पिछले चक्रवाती तूफानों का इतिहास देखें तो खास तौर पर गुजरात और महाराष्ट्र की ओर से उठे तूफानों ने एमपी को कैसे और कितना हिट किया है. गुजरात राजस्थान के बाद क्या एमपी में भी बिपरजॉय तूफानी बारिश लाएगा. एमपी में ग्वालियर से क्यों होगी बिपर जॉय की एंट्री. अरब सागर से उठे तूफान ही क्यों एमपी को हिट करते हैं. इसी तरह का तूफान 1998 में देख चुके वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे से समझिए अगले 24 घंटे में एमपी में असर दिखाने के लिए तैयार बिपरजॉय का एमपी में तुफानी तेवर क्या होगा.

Cyclone Biparjoy Effect
वेदर अपडेट

24 घंटे बाद MP में बिपर जॉय, कैसा होगा तुफानी तेवर: वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे का कहना है कि बिपरजॉय गुजरात के कच्छ इलाके से राजस्थान की तरफ बढ़ेगा. राजस्थान के रास्ते ही इसके एमपी में एंट्री की संभावना है. डीपी दुबे के मुताबिक एमपी में बिपरजॉय ग्वालियर का रास्ता पकड़कर एंट्री लेगा. सबसे बड़ा सवाल कि समुद्री इलाकों से मध्यप्रदेश में आने के बाद क्या बिपरजॉय के तेवर कुछ ठंडे पड़ेंगे. मौसम वैज्ञानिक दुबे कहते हैं फर्क आ जाता है. वहां समुद्र में उठने वाला हाईटाइड सबसे बड़ा खतरा होता है. तेज हवाएं तबाही लाती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश तक आते-आते इसके तेवर अलग हो जाएंगे. डीपी दुबे के मुताबिक तेज हवाएं चलेंगी, बारिश होगी, लेकिन जो तस्वीर गुजरात में दिखाई दे रही है, वैसी तस्वीर एमपी में बनने की संभावना कम है. उनके मुताबिक असल में इसकी एनर्जी का सोर्स वॉटर वेपर और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में पहुंचने के बाद इसकी एनर्जी का लॉस हो जाता है.

अरब सागर साइक्लोन और एमपी इफेक्ट: मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे के मुताबिक अरब सागर से उठने वाले तूफान ही एमपी पर असर डालते हैं. उन्होंने बताया कि जब भी साइक्लोन अरब सागर में बनता है, वो बहुत बड़ा होता है. अगर ये अरब सागर से उठा ये तूफान साउदी अरब की तरफ रुख करता है, तो कमजोर हो जाता है और उसकी वजह से फिर मानसून में देरी हो जाती है. अगर महाराष्ट्र और गुजरात की तरफ बढ़ता है. तो वो एमपी भी हिट करता है. ज्यादातर असर दक्षिण पश्चिमी मध्यप्रदेश में देखनेको मिलता है.

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यहां पढ़ें...

एमपी में जिन तूफानों का असर रहा: 2000 के बाद से तूफानों को नाम दिया जाने लगा. 2020 में अम्फान तूफान आया था, चूंकि ये भी महाराष्ट्र के रास्ते से आया था तो इससे एमपी में बारिश के साथ तेज हवाएं आई थी. 2021 मे ताउते तूफान भी गुजरात-महाराष्ट्र-गोआ से होता हुआ एमपी आया था. इसी तरह से 2022 में निसर्ग तूफान ने भी महाराष्ट्र में तेज हवाओं हाइटाईड और तूफान के बाद एमपी में एंट्री ली थी, लेकिन एमपी में भारी बारिश का ज्यादा असर नहीं देखा गया.

भोपाल। अरब सागर से उठने वाले तूफान एमपी में कितना असर दिखाते हैं. पिछले चक्रवाती तूफानों का इतिहास देखें तो खास तौर पर गुजरात और महाराष्ट्र की ओर से उठे तूफानों ने एमपी को कैसे और कितना हिट किया है. गुजरात राजस्थान के बाद क्या एमपी में भी बिपरजॉय तूफानी बारिश लाएगा. एमपी में ग्वालियर से क्यों होगी बिपर जॉय की एंट्री. अरब सागर से उठे तूफान ही क्यों एमपी को हिट करते हैं. इसी तरह का तूफान 1998 में देख चुके वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे से समझिए अगले 24 घंटे में एमपी में असर दिखाने के लिए तैयार बिपरजॉय का एमपी में तुफानी तेवर क्या होगा.

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24 घंटे बाद MP में बिपर जॉय, कैसा होगा तुफानी तेवर: वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे का कहना है कि बिपरजॉय गुजरात के कच्छ इलाके से राजस्थान की तरफ बढ़ेगा. राजस्थान के रास्ते ही इसके एमपी में एंट्री की संभावना है. डीपी दुबे के मुताबिक एमपी में बिपरजॉय ग्वालियर का रास्ता पकड़कर एंट्री लेगा. सबसे बड़ा सवाल कि समुद्री इलाकों से मध्यप्रदेश में आने के बाद क्या बिपरजॉय के तेवर कुछ ठंडे पड़ेंगे. मौसम वैज्ञानिक दुबे कहते हैं फर्क आ जाता है. वहां समुद्र में उठने वाला हाईटाइड सबसे बड़ा खतरा होता है. तेज हवाएं तबाही लाती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश तक आते-आते इसके तेवर अलग हो जाएंगे. डीपी दुबे के मुताबिक तेज हवाएं चलेंगी, बारिश होगी, लेकिन जो तस्वीर गुजरात में दिखाई दे रही है, वैसी तस्वीर एमपी में बनने की संभावना कम है. उनके मुताबिक असल में इसकी एनर्जी का सोर्स वॉटर वेपर और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में पहुंचने के बाद इसकी एनर्जी का लॉस हो जाता है.

अरब सागर साइक्लोन और एमपी इफेक्ट: मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे के मुताबिक अरब सागर से उठने वाले तूफान ही एमपी पर असर डालते हैं. उन्होंने बताया कि जब भी साइक्लोन अरब सागर में बनता है, वो बहुत बड़ा होता है. अगर ये अरब सागर से उठा ये तूफान साउदी अरब की तरफ रुख करता है, तो कमजोर हो जाता है और उसकी वजह से फिर मानसून में देरी हो जाती है. अगर महाराष्ट्र और गुजरात की तरफ बढ़ता है. तो वो एमपी भी हिट करता है. ज्यादातर असर दक्षिण पश्चिमी मध्यप्रदेश में देखनेको मिलता है.

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एमपी में जिन तूफानों का असर रहा: 2000 के बाद से तूफानों को नाम दिया जाने लगा. 2020 में अम्फान तूफान आया था, चूंकि ये भी महाराष्ट्र के रास्ते से आया था तो इससे एमपी में बारिश के साथ तेज हवाएं आई थी. 2021 मे ताउते तूफान भी गुजरात-महाराष्ट्र-गोआ से होता हुआ एमपी आया था. इसी तरह से 2022 में निसर्ग तूफान ने भी महाराष्ट्र में तेज हवाओं हाइटाईड और तूफान के बाद एमपी में एंट्री ली थी, लेकिन एमपी में भारी बारिश का ज्यादा असर नहीं देखा गया.

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