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साइबर क्राइम के डीजी ने बैंक प्रबंधकों को हिदायत देते हुए जारी की एडवाइजरी - खाताधारक

साइबर क्राइम के बढ़ते मामले इस बात की ओर एक इशारा करते है कि कहीं न कहीं हमारे सिस्टम में कमी है. यह कहना है कि साइबर सेल के डीजी राजेश गुप्ता का. उन्होंने बैंक प्रबंधकों के साथ बैठक कर हिदायत दी.

भोपाल
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Published : May 27, 2019, 2:38 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार साइबर क्राइम के बढ़ते मामले इस बात की ओर एक इशारा करते है कि कहीं न कहीं हमारे सिस्टम में कमी है. यह कहना है कि साइबर सेल के डीजी राजेश गुप्ता का. इसी गड़बड़ी को दूर करने को लेकर साइबर पुलिस मुख्यालय ने बैंक प्रबंधकों के साथ बैठक कर हिदायत दी.

साइबर क्राइम ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर जताई चिंता

राजेश गुप्ता ने पत्रकारों के सवालों के जबाव देते हुए कहा कि जिन खातेदारों के खातों में ज्यादा पैसे है उन्हीं के खातों को निशाना बनाया जा रहा है. इसके लिए हमने बैकों के साथ एक मीटिंग की है. हमने बैकों के प्रंबधकों को हियादत दी है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा चाक चौबंद करें. ताकि किसी भी प्रकार की जानकारी लिक नहीं हो पाए. आजतक डार्क नेट पर हमारी बहुत सी जानकारी उपलब्ध होती है. जिसमें खातेधारकों के बीमा की जानकारी हो जाती है. इसलिए कहीं न कहीं बैकों के सिस्टम में चूक हो रही है. जिससे जानकारी बाहर जा रही है इस प्रकार के लोगों के पास पहुंच रही है.

साइबर पुलिस के मुताबिक बैंकों के जरिए ही खातों और ग्राहकों की गोपनीय जानकारियां बाहर निकलती है. जिस का दुरुपयोग जाल साज बड़ी आसानी से करते हैं. हाल ही में साइबर पुलिस में दिल्ली से एक ऐसे ही नाइजीरियन दंपत्ति को गिरफ्तार किया है जो खातों की जानकारियां जुटाकर लोगों से लाखों की ठगी करने का काम करते थे. पुलिस ने इनके पास से कई डेबिट क्रेडिट कार्ड सिम लैपटॉप और विदेशी मुद्रा भी बरामद की है इसके अलावा साइबर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें आम जनता से अपील की गई है कि वह फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करें. अपने ईमेल डेबिट क्रेडिट कार्ड और अन्य जानकारियां किसी से भी शेयर ना करें. साइबर पुलिस को उम्मीद है कि एडवाइजरी जारी करने और बैंकों को हिदायत देने के बाद कहीं ना कहीं साइबर क्राइम के मामलों में कमी आएगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार साइबर क्राइम के बढ़ते मामले इस बात की ओर एक इशारा करते है कि कहीं न कहीं हमारे सिस्टम में कमी है. यह कहना है कि साइबर सेल के डीजी राजेश गुप्ता का. इसी गड़बड़ी को दूर करने को लेकर साइबर पुलिस मुख्यालय ने बैंक प्रबंधकों के साथ बैठक कर हिदायत दी.

साइबर क्राइम ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर जताई चिंता

राजेश गुप्ता ने पत्रकारों के सवालों के जबाव देते हुए कहा कि जिन खातेदारों के खातों में ज्यादा पैसे है उन्हीं के खातों को निशाना बनाया जा रहा है. इसके लिए हमने बैकों के साथ एक मीटिंग की है. हमने बैकों के प्रंबधकों को हियादत दी है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा चाक चौबंद करें. ताकि किसी भी प्रकार की जानकारी लिक नहीं हो पाए. आजतक डार्क नेट पर हमारी बहुत सी जानकारी उपलब्ध होती है. जिसमें खातेधारकों के बीमा की जानकारी हो जाती है. इसलिए कहीं न कहीं बैकों के सिस्टम में चूक हो रही है. जिससे जानकारी बाहर जा रही है इस प्रकार के लोगों के पास पहुंच रही है.

साइबर पुलिस के मुताबिक बैंकों के जरिए ही खातों और ग्राहकों की गोपनीय जानकारियां बाहर निकलती है. जिस का दुरुपयोग जाल साज बड़ी आसानी से करते हैं. हाल ही में साइबर पुलिस में दिल्ली से एक ऐसे ही नाइजीरियन दंपत्ति को गिरफ्तार किया है जो खातों की जानकारियां जुटाकर लोगों से लाखों की ठगी करने का काम करते थे. पुलिस ने इनके पास से कई डेबिट क्रेडिट कार्ड सिम लैपटॉप और विदेशी मुद्रा भी बरामद की है इसके अलावा साइबर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें आम जनता से अपील की गई है कि वह फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करें. अपने ईमेल डेबिट क्रेडिट कार्ड और अन्य जानकारियां किसी से भी शेयर ना करें. साइबर पुलिस को उम्मीद है कि एडवाइजरी जारी करने और बैंकों को हिदायत देने के बाद कहीं ना कहीं साइबर क्राइम के मामलों में कमी आएगी.

Intro:भोपाल- मध्यप्रदेश में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं इन मामलों को देखते हुए साइबर पुलिस मुख्यालय ने बैंक प्रबंधन ओं के साथ बैठक कर उन्हें भी अपना सिस्टम चाक-चौबंद करने के हिदायत दी है साथ ही साइबर पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी कर आम जनता से अपील की है कि वह सोशल साइट्स पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करें और ना ही अपनी पर्सनल जानकारी उनसे शेयर करें साइबर पुलिस को आशंका है कि कहीं ना कहीं बैंकों से ही खातों की जानकारियां लिक होती है और इसी का फायदा उठाकर जाल साज लाखों-करोड़ों की ठगी करते हैं।


Body:लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम की इन्वेस्टिगेशन में साइबर पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं साइबर पुलिस के अधिकारियों की मानें तो बैंकों के जरिए ही खातों और ग्राहकों की गोपनीय जानकारियां बाहर निकलती है जिस का दुरुपयोग जाल साज बड़ी आसानी से करते हैं मध्य प्रदेश साइबर पुलिस के डीजी राजेश गुप्ता ने बताया कि साइबरक्राइम को लेकर पुलिस ने बैंक प्रबंधन ओं के साथ एक बैठक भी की है और बैठक में उन्हें निर्देश दिए हैं कि उनके सिस्टम में कहीं ना कहीं कोई चूक है जिसके जरिए जानकारी लीक होती है लिहाजा वह अपने सिस्टम को चाक-चौबंद करें उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर गड़बड़ी या उन्हीं बैंक खातों से होती है जिनमें ज्यादा से ज्यादा कैश होता है।


Conclusion:हाल ही में साइबर पुलिस में दिल्ली से एक ऐसे ही नाइजीरियन दंपत्ति को गिरफ्तार किया है जो खातों की जानकारियां जुटाकर लोगों से लाखों की ठगी करने का काम करते थे पुलिस ने इनके पास से कई डेबिट क्रेडिट कार्ड सिम लैपटॉप और विदेशी मुद्रा भी बरामद की है इसके अलावा साइबर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें आम जनता से अपील की गई है कि वह फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करें अपने ईमेल डेबिट क्रेडिट कार्ड और अन्य जानकारियां किसी से भी शेयर ना करें साइबर पुलिस को उम्मीद है कि एडवाइजरी जारी करने और बैंकों को हिदायत देने के बाद कहीं ना कहीं साइबर क्राइम के मामलों में कमी आएगी।

बाइट- राजेश गुप्ता, डीजी, साइबर सेल, मध्यप्रदेश।
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