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साइबर फ्रॉड का फैलता जाल: अब देहात में पसारे पैर

साइबर क्राइम अब गांव देहात में भी अपना जाल फैला रहा है. हाल ही में भोपाल साइबर क्राइम पुलिस के हाथ कुछ ठग लगे हैं. इनमें से कई अनपढ़ भी थे. जानकारों की मानें, तो देहात में साइबर फ्रॉड का फैलता जाल चिंता की बात है.

cyber fraud in countryside
देहात में फैलता जाल
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Published : Mar 19, 2021, 6:36 PM IST

भोपाल । साइबर फ्रॉड अब शहरी अपराध नहीं रहा. ये गांव देहात में भी अपना जाल फैला रहा है. भोपाल पुलिस ने दो सालों में लगभग 40 साइबर अपराध दर्ज किए हैं. इन मामलों में पुलिस के हाथ कई आरोपी लगे हैं. इनमें से 12 आरोपी अनपढ़ या कम पढ़े लिखे हैं. इन बदमाशों ने लोगों को लाखों का चूना लगाया है.

टावर लगाने के नाम पर ठगी

इस समय टावर लगवाने के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है. टावर लगाने के लिए आपके पास ठग का फोन आता है. लालच दिया जाता है कि तुम्हारे घर पर टावर लगाया जाएगा. तुम्हारे घर में बिजली फ्री दी जाएगी. साथ ही हर महीने ₹50 हज़ार किराया भी मिलेगा. आम आदमी लालच में आ जाता है. फिर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए इंस्टॉलेशन चार्ज और कस्टम ड्यूटी के नाम पर 50 हजार से ज्यादा रुपए ऐंठ लेता है. फिर उसका फोन हमेशा के लिए बंद हो जाता है.

ब्यूटी पार्लर या कॉन्टेस्ट के नाम पर ठगी

ब्यूटी पार्लर या ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने के नाम पर महिलाओं को ठगी का शिकार बनाने के लिए कई मामले सामने आए हैं. ब्यूटी कॉन्टेक्स्ट में पार्टिसिपेट करनने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए लिंक भेजा जाता है. लिंक पर क्लिक करते ही डिटेल ठग तक पहुंच जाती है. फिर कुछ ही मिनटों में खाते से हजारों रुपए साफ हो जाते हैं.

ऐप डाउनलोड करवाकर ठगी

कई बात कोई खास ऐप डाउनलोड करने पर गिफ्ट या फिर छूट देने का लालच दिया जाता है. ऐड डाउनलोड करते ही लॉगिन करने पर पूरी कमांड साइबर ठग के पास चली जाती है. आपको ठगी का तभी पता चलता है जब अब खाते से पैसे गायब होने का मैसेज मोबाइल पर मिलता है.

कोविड-19 वैक्सीन के नाम पर भी ठगी

कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर भी लोगों के साथ ठगी की जा रही है. सबसे ज्यादा वे लोग इन ठगों के शिकार हो रहे हैं जो कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके हैं. दूसरी वैक्सिंग की डोज लगवाने को लेकर कई लोगों से ठगी की जा चुकी है.

निमाड़ी और टीकमगढ़ बनता जा रहा है जामताड़ा

मध्यप्रदेश में निमाड़ी जिला और टीकमगढ़ अब जामताड़ा की तर्ज पर साइबर ठगी का अड्डा बनता जा रहा है. हाल ही में यहां से पुलिस ने चारआरोपियों को गिरफ्तार किया था. ये सभी कम पढ़े लिखे थे.

भोपाल संभाग में 30 पुलिसकर्मी संभाल रहे हैं कमान

भोपाल संभाग में साइबर फ्रॉड को संभालने के लिए सिर्फ 30 पुलिसकर्मी हैं . 30 पुलिसकर्मियों को मिलाकर डेस्क और फील्ड में काम करने वाली नौ टीमें बनाई गई हैं. इनमें तीन तीन पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है. इनमें दो इस्पेक्टर और सहायक सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं.

2021 में अभी तक 14 FIR

2021 में अभी तक 14 FIR दर्ज की गई हैं. अभी तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एडीजी ए साई मनोहर ने आदेश दिए हैं कि साइबर फ्रॉड होने पर पीड़ित को साइबर ब्रांच आने की आवश्यकता नहीं है. अपने संबंधित थाने में ही FIR दर्ज करवाई जा सकती है.

साइबर एक्सपर्ट की राय

साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी का कहना है कि आसानी से साइबर ठगी की गतिविधियां अनपढ़ आदमी भी सीख जाता है. गूगल और अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्म में वीडियो देखकर आसानी से व्यक्ति ठगी का धंधा सीख जाता है.

लॉकडाउन में ठगों ने उठाया जमकर फायदा, साल 2020 में साइबर अपराध का चार गुना बढ़ा ग्राफ

लोगों को जागरूक रहने की जरूरत

एएसपी साइबर अंकित जायसवाल ने कहा कि हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं . हमारी टीम को मजबूत करने के लिए लगातार हम उन्हें ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. जायसवाल का कहना है कि इसमें आरोपी को पहचान कर पकड़ना बड़ी चुनौती हो ती है.

भोपाल । साइबर फ्रॉड अब शहरी अपराध नहीं रहा. ये गांव देहात में भी अपना जाल फैला रहा है. भोपाल पुलिस ने दो सालों में लगभग 40 साइबर अपराध दर्ज किए हैं. इन मामलों में पुलिस के हाथ कई आरोपी लगे हैं. इनमें से 12 आरोपी अनपढ़ या कम पढ़े लिखे हैं. इन बदमाशों ने लोगों को लाखों का चूना लगाया है.

टावर लगाने के नाम पर ठगी

इस समय टावर लगवाने के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है. टावर लगाने के लिए आपके पास ठग का फोन आता है. लालच दिया जाता है कि तुम्हारे घर पर टावर लगाया जाएगा. तुम्हारे घर में बिजली फ्री दी जाएगी. साथ ही हर महीने ₹50 हज़ार किराया भी मिलेगा. आम आदमी लालच में आ जाता है. फिर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए इंस्टॉलेशन चार्ज और कस्टम ड्यूटी के नाम पर 50 हजार से ज्यादा रुपए ऐंठ लेता है. फिर उसका फोन हमेशा के लिए बंद हो जाता है.

ब्यूटी पार्लर या कॉन्टेस्ट के नाम पर ठगी

ब्यूटी पार्लर या ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने के नाम पर महिलाओं को ठगी का शिकार बनाने के लिए कई मामले सामने आए हैं. ब्यूटी कॉन्टेक्स्ट में पार्टिसिपेट करनने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए लिंक भेजा जाता है. लिंक पर क्लिक करते ही डिटेल ठग तक पहुंच जाती है. फिर कुछ ही मिनटों में खाते से हजारों रुपए साफ हो जाते हैं.

ऐप डाउनलोड करवाकर ठगी

कई बात कोई खास ऐप डाउनलोड करने पर गिफ्ट या फिर छूट देने का लालच दिया जाता है. ऐड डाउनलोड करते ही लॉगिन करने पर पूरी कमांड साइबर ठग के पास चली जाती है. आपको ठगी का तभी पता चलता है जब अब खाते से पैसे गायब होने का मैसेज मोबाइल पर मिलता है.

कोविड-19 वैक्सीन के नाम पर भी ठगी

कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर भी लोगों के साथ ठगी की जा रही है. सबसे ज्यादा वे लोग इन ठगों के शिकार हो रहे हैं जो कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके हैं. दूसरी वैक्सिंग की डोज लगवाने को लेकर कई लोगों से ठगी की जा चुकी है.

निमाड़ी और टीकमगढ़ बनता जा रहा है जामताड़ा

मध्यप्रदेश में निमाड़ी जिला और टीकमगढ़ अब जामताड़ा की तर्ज पर साइबर ठगी का अड्डा बनता जा रहा है. हाल ही में यहां से पुलिस ने चारआरोपियों को गिरफ्तार किया था. ये सभी कम पढ़े लिखे थे.

भोपाल संभाग में 30 पुलिसकर्मी संभाल रहे हैं कमान

भोपाल संभाग में साइबर फ्रॉड को संभालने के लिए सिर्फ 30 पुलिसकर्मी हैं . 30 पुलिसकर्मियों को मिलाकर डेस्क और फील्ड में काम करने वाली नौ टीमें बनाई गई हैं. इनमें तीन तीन पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है. इनमें दो इस्पेक्टर और सहायक सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं.

2021 में अभी तक 14 FIR

2021 में अभी तक 14 FIR दर्ज की गई हैं. अभी तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एडीजी ए साई मनोहर ने आदेश दिए हैं कि साइबर फ्रॉड होने पर पीड़ित को साइबर ब्रांच आने की आवश्यकता नहीं है. अपने संबंधित थाने में ही FIR दर्ज करवाई जा सकती है.

साइबर एक्सपर्ट की राय

साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी का कहना है कि आसानी से साइबर ठगी की गतिविधियां अनपढ़ आदमी भी सीख जाता है. गूगल और अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्म में वीडियो देखकर आसानी से व्यक्ति ठगी का धंधा सीख जाता है.

लॉकडाउन में ठगों ने उठाया जमकर फायदा, साल 2020 में साइबर अपराध का चार गुना बढ़ा ग्राफ

लोगों को जागरूक रहने की जरूरत

एएसपी साइबर अंकित जायसवाल ने कहा कि हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं . हमारी टीम को मजबूत करने के लिए लगातार हम उन्हें ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. जायसवाल का कहना है कि इसमें आरोपी को पहचान कर पकड़ना बड़ी चुनौती हो ती है.

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