भोपाल। कई बार कैब बुक करने के बावजूद भी आखिरी समय में बुकिंग निरस्त कर देना आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है. जनता की सुविधा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 27 नवंबर 2020 को मोटर व्हीकल एग्रीगेट गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति मोबाइल ऐप से कैब बुक करता है और आखरी समय में ड्राइवर राइड कैंसिल कर देता है, तो ड्राइवर को 10 प्रतिशत पेनाल्टी देनी होगी. वहीं आखिरी समय में राइड कैंसिल करने पर कस्टमर को भी इसका 10 प्रतिशत अगली राइड में देना होगा. ये गाइडलाइन जनता की सुविधा के लिए लागू की गई थी, लेकिन कस्टमर को इसका कोई खास फायदा नहीं मिल पाया.
कैब राइड कैंसिलेशन में कंपनी को मिलता है फायदा
कैब ड्राइवरों का कहना है कि अक्सर कस्टमर राइड तभी कैंसिल करते है, जब कस्टमर द्वारा जिस लोकेशन से राइड बुक की जाती है, उस लोकेशन से एक किलोमीटर दूर कैब मिले. ऐसी स्थिति में कस्टमर राइड कैंसिल कर देता है, लेकिन कैब ड्राइवरों का प्रयास होता है कि राइड कस्टमर द्वारा ही कैंसिल की जाए, जिससे अमाउंट कस्टमर के अकाउंट से कटे. ऐसे में ज्यादातर राइड कस्टमर द्वारा ही कैंसिल की जाती है. इसमें 50 रुपये का घाटा कस्टमर को होता है, जिसमें से 25 रुपये कंपनी को मिलता है. अगर कस्टमर राइड कैंसिल नहीं करते है, तो मजबूरन ड्राइवर को बुकिंग कैंसिल करनी पड़ती है, जिसमें 50 रुपये का घाटा ड्राइवर को होता है. ड्राइवरों का कहना है कि बुकिंग चाहे कस्टमर कैंसिल करें या फिर ड्राइवर कैसिंल करें. दोनों ही सूरतों में फायदा कंपनी का होता है, क्योंकि कैंसलेशन प्राइस में कंपनी का 25 रुपए फिक्स रहता है.
उन्होंने बताया कि राइड कैंसिल को लेकर अब तक कोई गंभीर शिकायत आरटीओ में नहीं आई है. हालांकि जब भी इस तरह की शिकायतें आएंगी, उनका निराकरण आरटीओ द्वारा किया जयगा.