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कमिश्नर प्रणाली के लिए आज फाइनल प्रजेंटेशन! हिरासत में मौत पर कलेक्टर करेंगे जांच, पुलिस को मिलेंगे 14 अधिकार

मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने जा रही है. भोपाल और इंदौर के कमिश्नर सिस्टम का गृह विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है (madhya pradesh police commissioner system draft). मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने शनिवार को इसका प्रजेंटेशन (draft presentation to shivraj chouhan) किया जाएगा.

Custodial Deaths in MP
हिरासत में मौत और एमपी में कमिश्नर प्रणाली
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Published : Dec 3, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 7:27 AM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने जा रही है. पुलिस कमिश्नर प्रणाली सबसे पहले इंदौर और भोपाल में लागू होगी. पुलिस कमिश्नर प्रणाली (madhya pradesh police commissioner system draft) लागू होने के बाद यदि हिरासत में किसी की मौत हुई तो उनकी जांच के अधिकार कलेक्टर के पास रहेंगे. प्रदेश के भोपाल और इंदौर में लागू होने जा रहे कमिश्नर सिस्टम में कलेक्टर के पास पहले के तरह कई अधिकार रहेंगे. भोपाल और इंदौर के कमिश्नर सिस्टम का गृह विभाग (MP Home department) ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने शनिवार को इसका प्रजेंटेशन किया जाएगा. इसके बाद इसे अंतिम रूप देकर इसकी अधिसूचना (Police Commissioner System Notification) जारी की जाएगी.

मध्यप्रदेश में कमिश्नर प्रणाली का सेटअप उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ की तरह होगा. इसमें जिला प्रशासन के 14 अधिकारों को पुलिस को सौंपा जा सकता है.

ये अधिकार सौंपे जाएंगे पुलिस को

पिछले करीब 10 दिनों से चल रही मषक्कत के बाद तय किया गया है कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली में जिला प्रशासन के करीब 14 अधिकारों को पुलिस को सौंपा जाएगा, इसके तहत

गुंडा नियंत्रण अधिनियम (Gunda Control Act) के तहत पुलिस को जिला बदर के अधिकार दिए जाएंगे. अभी पुलिस ऐसे अपराधियों की सूची तैयार कर कलेक्टर को भेजती है. इसके बाद कलेक्टर इस पर अंतिम निर्णय लेती है.

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धारा-107, 116, 144, 133 पुलिस एक्ट (Police Act) के अधिकार पुलिस को सौंपे जाएंगे. यह सभी प्रतिबंधात्मक धाराएं हैं. इसमें पब्लिक में उपद्रव करने, उपद्रव की स्थिति में भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए पुलिस इन धाराओं में कार्रवाई करती है. इसका उल्लंघन करने पर पुलिस इन धाराओं में व्यक्ति को गिरफ्तार कर एसडीएम (SDM) के सामने पेश करेगी.

विस्फोटक अधिनियम इसमें पटाखों, बंदूक की दुकानों आदि की जांच जिला प्रशासन के अधिकारी करते हैं , यह अधिकार अब पुलिस के पास आ जाएंगे. बंदूक लाइसेंस (gun license) की अनुमति पुलिस देगी.

पशुओं के प्रति क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई के अधिकार पुलिस को मिलेंगे. मोटरयान विनियमन अधिनियम के अधिकार पुलिस को मिलेंगे.

राज्य सुरक्षा अधिनियम (State Security Act) की कार्रवाई के अधिकार पुलिस को मिलेंगे. किसी अपराधी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National security act NSA की कार्रवाई पुलिस कर सकेगी.

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अग्निशमन सेवा अधिनियम, अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम के अधिकार पुलिस को मिलेंगे.

गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के अधिकार पुलिस को प्राप्त होंगे.

जहरीली शराब और दूसरे जहरीले रसायन पर रोक के अधिकार पुलिस को मिलेंगे. अभी तक ऐसे पदार्थों के विक्रय स्थल, भंडारण, सुरक्षा उपाय की जिम्मेदारी कलेक्टर के पास होती थी. यह अधिकार मिलने पर पुलिस इसको लेकर कार्रवाई कर सकेगी.

कारागार अधिनियम के अधिकार भी पुलिस को मिलेंगे. ऐसे में पुलिस किसी भी निजी स्थान को अस्थाई जेल बना सकेगा. अभी जिला प्रशासन के अधिकारी प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी के बाद अस्थाई जेल (temporary jail) घोषित कर वहां भेज देते हैं.

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के अधिकार पुलिस को मिल जाएंगे. अभी अनैतिक गतिविधि संचालित पाए जाने पर कलेक्टर को ऐसे स्थान को सील करने के अधिकार होते हैं.

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शासकीय गुप्त बात अधिनियम (Official Secrets Act) के अधिकार भी पुलिस को दिए जा सकते हैं. अभी किसी स्थान विशेष पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार जिला प्रशासन के पास होते हैं, जो अब पुलिस को मिलेंगे. हालांकि यदि पुलिस हिरासत में किसी की मौत हुई तो जांच के अधिकार कलेक्टर के पास ही रहेंगे.


ऐसा हो सकता है मध्यप्रदेश के कमिश्नर सिस्टम का सेटअप (Setup of MP's commissioner system)

मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली (police commissioner system in Indore and Bhopal) को लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ में लागू किए गए सिस्टम का अध्ययन किया गया है. इसके आधार पर ही मध्यप्रदेश का कमिश्नर प्रणाली का सेटअप तैयार किया जाएगा, जिसमें

कमिश्नर का 1 पद - आईजी या एडीजी रैंक

अपर पुलिस आयुक्त, दो पद - डीआईजी रैंक के अधिकारी

पुलिस उपायुक्त, तीन पद - एसपी स्तर के अधिकारी

अपर पुलिस उपायुक्त, 5 पद - एडीशनल एसपी रैंक के अधिकारी

सहायक पुलिस आयुक्त, 15 पद, डीएसपी रैंक के अधिकारी

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वाराणसी और लखनऊ का ये है सेटअप
मध्यप्रदेश में कमिश्नर प्रणाली के सेटअप को लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ के सिस्टम का अध्ययन किया गया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में लागू हुए कमिश्नर सिस्टम के असर और पुलिस अधिकारियों को दिए गए अधिकारों की जानकारी भी मांगी गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के सामने शनिवार को ड्राफ्ट के साथ रखा जाएगा. वाराणसी और लखनऊ में लागू किए गए कमिश्नर सिस्टम का सेटअप में जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से पदों की संख्या बढ़ाई गई है.

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वाराणसी में पुलिस आयुक्त पद पर आईजी या एडीजी स्तर के अधिकारी हैं.

अपर पुलिस आयुक्त के 2 पद, डीआईजी रैंक

पुलिस उपायुक्त 5 पद -एसपी रैंक

अपर पुलिस उपायुक्त 5 पद - एडीेेशनल एसपी रैंक

सहायक पुलिस आयुक्त 6 पद - डीएसपी रैंक

(Custodial Deaths in MP) (MP police commissioner system)

भोपाल: मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने जा रही है. पुलिस कमिश्नर प्रणाली सबसे पहले इंदौर और भोपाल में लागू होगी. पुलिस कमिश्नर प्रणाली (madhya pradesh police commissioner system draft) लागू होने के बाद यदि हिरासत में किसी की मौत हुई तो उनकी जांच के अधिकार कलेक्टर के पास रहेंगे. प्रदेश के भोपाल और इंदौर में लागू होने जा रहे कमिश्नर सिस्टम में कलेक्टर के पास पहले के तरह कई अधिकार रहेंगे. भोपाल और इंदौर के कमिश्नर सिस्टम का गृह विभाग (MP Home department) ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने शनिवार को इसका प्रजेंटेशन किया जाएगा. इसके बाद इसे अंतिम रूप देकर इसकी अधिसूचना (Police Commissioner System Notification) जारी की जाएगी.

मध्यप्रदेश में कमिश्नर प्रणाली का सेटअप उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ की तरह होगा. इसमें जिला प्रशासन के 14 अधिकारों को पुलिस को सौंपा जा सकता है.

ये अधिकार सौंपे जाएंगे पुलिस को

पिछले करीब 10 दिनों से चल रही मषक्कत के बाद तय किया गया है कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली में जिला प्रशासन के करीब 14 अधिकारों को पुलिस को सौंपा जाएगा, इसके तहत

गुंडा नियंत्रण अधिनियम (Gunda Control Act) के तहत पुलिस को जिला बदर के अधिकार दिए जाएंगे. अभी पुलिस ऐसे अपराधियों की सूची तैयार कर कलेक्टर को भेजती है. इसके बाद कलेक्टर इस पर अंतिम निर्णय लेती है.

Surya Grahan 2021 Rashifal : सूर्य ग्रहण और शनैश्चरी अमावस्या के योग से सभी लोग रहें सावधान, आसान से उपायों से मिलेगी तन-मन-धन को सुरक्षा

धारा-107, 116, 144, 133 पुलिस एक्ट (Police Act) के अधिकार पुलिस को सौंपे जाएंगे. यह सभी प्रतिबंधात्मक धाराएं हैं. इसमें पब्लिक में उपद्रव करने, उपद्रव की स्थिति में भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए पुलिस इन धाराओं में कार्रवाई करती है. इसका उल्लंघन करने पर पुलिस इन धाराओं में व्यक्ति को गिरफ्तार कर एसडीएम (SDM) के सामने पेश करेगी.

विस्फोटक अधिनियम इसमें पटाखों, बंदूक की दुकानों आदि की जांच जिला प्रशासन के अधिकारी करते हैं , यह अधिकार अब पुलिस के पास आ जाएंगे. बंदूक लाइसेंस (gun license) की अनुमति पुलिस देगी.

पशुओं के प्रति क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई के अधिकार पुलिस को मिलेंगे. मोटरयान विनियमन अधिनियम के अधिकार पुलिस को मिलेंगे.

राज्य सुरक्षा अधिनियम (State Security Act) की कार्रवाई के अधिकार पुलिस को मिलेंगे. किसी अपराधी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National security act NSA की कार्रवाई पुलिस कर सकेगी.

Surya Grahan 2021 : भूलकर भी न करें ये काम , ग्रहण सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाएं बरतें विशेष सावधानियां

अग्निशमन सेवा अधिनियम, अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम के अधिकार पुलिस को मिलेंगे.

गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के अधिकार पुलिस को प्राप्त होंगे.

जहरीली शराब और दूसरे जहरीले रसायन पर रोक के अधिकार पुलिस को मिलेंगे. अभी तक ऐसे पदार्थों के विक्रय स्थल, भंडारण, सुरक्षा उपाय की जिम्मेदारी कलेक्टर के पास होती थी. यह अधिकार मिलने पर पुलिस इसको लेकर कार्रवाई कर सकेगी.

कारागार अधिनियम के अधिकार भी पुलिस को मिलेंगे. ऐसे में पुलिस किसी भी निजी स्थान को अस्थाई जेल बना सकेगा. अभी जिला प्रशासन के अधिकारी प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी के बाद अस्थाई जेल (temporary jail) घोषित कर वहां भेज देते हैं.

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के अधिकार पुलिस को मिल जाएंगे. अभी अनैतिक गतिविधि संचालित पाए जाने पर कलेक्टर को ऐसे स्थान को सील करने के अधिकार होते हैं.

Surya Grahan 2021 : जानिये वर्ष के अंतिम सूर्य ग्रहण के समय और सूतक काल की संपूर्ण जानकारी

शासकीय गुप्त बात अधिनियम (Official Secrets Act) के अधिकार भी पुलिस को दिए जा सकते हैं. अभी किसी स्थान विशेष पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार जिला प्रशासन के पास होते हैं, जो अब पुलिस को मिलेंगे. हालांकि यदि पुलिस हिरासत में किसी की मौत हुई तो जांच के अधिकार कलेक्टर के पास ही रहेंगे.


ऐसा हो सकता है मध्यप्रदेश के कमिश्नर सिस्टम का सेटअप (Setup of MP's commissioner system)

मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली (police commissioner system in Indore and Bhopal) को लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ में लागू किए गए सिस्टम का अध्ययन किया गया है. इसके आधार पर ही मध्यप्रदेश का कमिश्नर प्रणाली का सेटअप तैयार किया जाएगा, जिसमें

कमिश्नर का 1 पद - आईजी या एडीजी रैंक

अपर पुलिस आयुक्त, दो पद - डीआईजी रैंक के अधिकारी

पुलिस उपायुक्त, तीन पद - एसपी स्तर के अधिकारी

अपर पुलिस उपायुक्त, 5 पद - एडीशनल एसपी रैंक के अधिकारी

सहायक पुलिस आयुक्त, 15 पद, डीएसपी रैंक के अधिकारी

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वाराणसी और लखनऊ का ये है सेटअप
मध्यप्रदेश में कमिश्नर प्रणाली के सेटअप को लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ के सिस्टम का अध्ययन किया गया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में लागू हुए कमिश्नर सिस्टम के असर और पुलिस अधिकारियों को दिए गए अधिकारों की जानकारी भी मांगी गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के सामने शनिवार को ड्राफ्ट के साथ रखा जाएगा. वाराणसी और लखनऊ में लागू किए गए कमिश्नर सिस्टम का सेटअप में जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से पदों की संख्या बढ़ाई गई है.

Road to Glory : बड़े अधिकारियों ने बताया इंदौर कैसे बना नंबर 1 swachh survekshan 2021 में

वाराणसी में पुलिस आयुक्त पद पर आईजी या एडीजी स्तर के अधिकारी हैं.

अपर पुलिस आयुक्त के 2 पद, डीआईजी रैंक

पुलिस उपायुक्त 5 पद -एसपी रैंक

अपर पुलिस उपायुक्त 5 पद - एडीेेशनल एसपी रैंक

सहायक पुलिस आयुक्त 6 पद - डीएसपी रैंक

(Custodial Deaths in MP) (MP police commissioner system)

Last Updated : Dec 4, 2021, 7:27 AM IST
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