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महिला दिवस पर दो दिवसीय अद्वितीय समारोह कार्यक्रम का आयोजन, संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने किया शुभारंभ

राजधानी के भारत भवन में दो दिवसीय अद्वितीय समारोह का संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने शुभारंभ किया.भारत भवन प्रांगण में ही चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.

अद्वितीय समारोह कार्यक्रम
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Published : Mar 9, 2019, 11:10 AM IST


भोपाल। राजधानी के भारत भवन में दो दिवसीय अद्वितीय समारोह का संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने शुभारंभ किया. महिला रचनात्मकता पर आधारित यह समारोह कला प्रदर्शनी और संगीत में प्रस्तुतियों से गुलजार रहेगा. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत भवन में कई कलाकारों के द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां पेश की जाएंगी.

mahila diwas, bhopal
अद्वितीय समारोह कार्यक्रम

भारत भवन प्रांगण में ही चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी का खास आकर्षण यह है कि जो प्रदर्शनी यहां पर लगाई गई है उस प्रदर्शनी के सभी चित्र मां और बेटी के द्वारा बनाए गए हैं. संस्कृति मंत्री ने पेंटिंग प्रदर्शनी का भी शुभारंभ करते हुए चित्रों का अवलोकन किया. मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने चित्र प्रदर्शनी में लगाए गए सभी चित्रों की प्रशंसा की और चित्रकारों को इसके लिए बधाई भी दी.
कार्यक्रम के पहले दिन तीन पीढ़ियों का वायलिन वादन आकर्षण का केंद्र रहा. इस वायलिन वादन में डॉ एन राजम संगीता शंकर,रागिनी शंकर और नंदिनी शंकर के समूह ने वायलिन वादन प्रस्तुत किया. इस समूह के वायलिन वादन की खास बात यह थी कि डॉ एन राजम उनकी पुत्री संगीता शंकर और उनकी नातिन रागिनी शंकर और नंदिनी शंकर ने एक साथ पहली बार किसी मंच पर प्रस्तुति दी. एक परिवार की तीन पीढ़ियां जब प्रस्तुति दें रही थी तो सभी बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद ले रहे थे.

अद्वितीय समारोह कार्यक्रम

इस दौरान संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने लोंगों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं ने अपनी क्षमता और प्रतिभा से हर परिस्थिति में अपना वजूद और अस्तित्व साबित किया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश की आजादी में भी महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है आजादी के बाद भी महिलाओं का इस देश में अभिनय योगदान भुलाया नहीं जा सकता है.


भोपाल। राजधानी के भारत भवन में दो दिवसीय अद्वितीय समारोह का संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने शुभारंभ किया. महिला रचनात्मकता पर आधारित यह समारोह कला प्रदर्शनी और संगीत में प्रस्तुतियों से गुलजार रहेगा. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत भवन में कई कलाकारों के द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां पेश की जाएंगी.

mahila diwas, bhopal
अद्वितीय समारोह कार्यक्रम

भारत भवन प्रांगण में ही चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी का खास आकर्षण यह है कि जो प्रदर्शनी यहां पर लगाई गई है उस प्रदर्शनी के सभी चित्र मां और बेटी के द्वारा बनाए गए हैं. संस्कृति मंत्री ने पेंटिंग प्रदर्शनी का भी शुभारंभ करते हुए चित्रों का अवलोकन किया. मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने चित्र प्रदर्शनी में लगाए गए सभी चित्रों की प्रशंसा की और चित्रकारों को इसके लिए बधाई भी दी.
कार्यक्रम के पहले दिन तीन पीढ़ियों का वायलिन वादन आकर्षण का केंद्र रहा. इस वायलिन वादन में डॉ एन राजम संगीता शंकर,रागिनी शंकर और नंदिनी शंकर के समूह ने वायलिन वादन प्रस्तुत किया. इस समूह के वायलिन वादन की खास बात यह थी कि डॉ एन राजम उनकी पुत्री संगीता शंकर और उनकी नातिन रागिनी शंकर और नंदिनी शंकर ने एक साथ पहली बार किसी मंच पर प्रस्तुति दी. एक परिवार की तीन पीढ़ियां जब प्रस्तुति दें रही थी तो सभी बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद ले रहे थे.

अद्वितीय समारोह कार्यक्रम

इस दौरान संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने लोंगों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं ने अपनी क्षमता और प्रतिभा से हर परिस्थिति में अपना वजूद और अस्तित्व साबित किया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश की आजादी में भी महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है आजादी के बाद भी महिलाओं का इस देश में अभिनय योगदान भुलाया नहीं जा सकता है.

Intro:महिला दिवस पर शुरू हुआ अद्वितीया समारोह संस्कृति मंत्री ने किया शुभारंभ


भोपाल राजधानी के भारत भवन में दो दिवसीय अद्वितीया समारोह का संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने शुभारंभ किया महिला रचनात्मकता पर आधारित यह समारोह कला प्रदर्शनी और संगीत में प्रस्तुतियों से गुलजार रहेगा इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत भवन में कई कलाकारों के द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां पेश की जाएगी


Body:कार्यक्रम के पहले दिन तीन पीढ़ियों का वायलिन वादन आकर्षण का केंद्र रहा इस वायलिन वादन में डॉ एन राजम संगीता शंकर रागिनी शंकर नंदिनी शंकर का समूह वायलिन वादन प्रस्तुत किया गया इस समूह वायलिन प्रस्तुति की खास बात यह थी कि डॉ एन राजम उनकी पुत्री संगीता शंकर और उनकी नातिन रागिनी शंकर और नंदिनी शंकर ने एक साथ पहली बार किसी मंच पर प्रस्तुति दी एक परिवार की तीन पीढ़ियां जब प्रस्तुति दे रही थी तो सभी बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद ले रहे थे


Conclusion:इस कार्यक्रम का आगाज मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने दीप प्रज्वलन कर किया इस अवसर पर भारत भवन न्यासी सचिव रेनू तिवारी भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे भारत भवन प्रांगण में ही चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है इस प्रदर्शनी का खास आकर्षण यह है कि जो प्रदर्शनी यहां पर लगाई गई है उस प्रदर्शनी के सभी चित्र मां और बेटी के द्वारा बनाए गए हैं इस प्रदर्शनी में 6 माताओं ने और 6 बेटियों ने अपनी अपनी पेंटिंग प्रदर्शित की है संस्कृति मंत्री ने पेंटिंग प्रदर्शनी का भी शुभारंभ करते हुए चित्रों का अवलोकन किया मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने चित्र प्रदर्शनी में लगाए गए सभी चित्रों की प्रशंसा की और चित्रकारों को इसके लिए बधाई भी दी यह चित्र प्रदर्शनी महिला दिवस के खास मौके पर लगाई गई है


कार्यक्रम के अवसर पर संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने कहा कि आज सारा देश महिला दिवस मना रहा है और भारत भवन में भी महिला दिवस पर अद्वितीया कार्यक्रम का आगाज हुआ है इन दो दिवसीय कार्यक्रमों में सभी महिला कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी यह बहुत ही गौरव का क्षण है जब आज सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महिलाएं अपना नाम रोशन कर रही है


उन्होंने कहा कि हे अबला तेरी यही कहानी आंचल में दूध आंखों में पानी दोनों तरह की परिस्थितियां इस देश में रही है लेकिन महिलाओं ने अपनी क्षमता और प्रतिभा से हर परिस्थिति में अपना वजूद और अस्तित्व साबित किया है उन्होंने कहा कि हमारे देश की आजादी में भी महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है आजादी के बाद भी महिलाओं का इस देश में अभिनय योगदान भुलाया नहीं जा सकता है जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लौह महिला के नाम से जाना जाता था
उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान का भारत की सेना ने विभाजन कर बांग्लादेश का निर्माण किया और पाकिस्तान की एक लाख से ज्यादा सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया उस समय भी देश का प्रतिनिधित्व एक महिला इंदिरा गांधी के रूप में कर रही थी महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है लेकिन जिस तरह से आज समय बदल रहा है उसमें भी महिलाओं की भागीदारी देखने को मिल रही है जिन क्षेत्रों में कभी महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना जाता था आज महिलाएं वह भी अपने आप को साबित कर रही हैं .

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