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'रंग मध्यप्रदेश' के रूप में मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना मना रहा है संस्कृति विभाग - Establishment of mp state as color mp

संस्कृति विभाग 'रंग मध्यप्रदेश' के रूप में मनाते हुए जनजातीय संग्रहालय में पूरे माह सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन कर रहा है. इसमें सभी विभागों के भागीदारी से कार्यक्रम होंगे.

Karma Dance
कर्मा नृत्य
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Published : Nov 2, 2020, 12:12 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना के अवसर को संस्कृति विभाग रंग मध्यप्रदेश के रूप में मनाते हुए जनजातीय संग्रहालय में पूरे माह सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन कर रहा है. इसमें सभी विभाग अकादमियों की भागीदारी से कार्यक्रम होंगे. जिसकी शुरुआत आज से कमल सिंह मरावी एवं साथियों द्वारा जनजातीय नृत्य कर्मा और सेला से हुई. दूसरी प्रस्तुति भील और साथियों द्वारा नृत्य भगोरिया प्रस्तुत किया गया.

मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मना रहा है संस्कृति विभाग

अच्छी फसल आने की खुशी में नृत्य

कार्यक्रम की शुरुआत मरावी और साथियों द्वारा करमा नृत्य से हुई. गोंड जनजाति नृत्य कर्मा अतिथियों के आगमन पर युवक युवतियों द्वारा मिलकर किए जाने वाला नृत्य है. इसमें गीतों के माध्यम से सवाल-जवाब भी किए जाते हैं, वहीं सैला नृत्य दशहरे से शुरू होकर फागुन मास तक किया जाता है, जो अच्छी फसल आने की खुशी में किया जाता है.

Culture department is celebrating the establishment of Madhya Pradesh state
मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना मना रहा है संस्कृति विभाग

पारंपरिक वेशभूषा संगीत नृत्य

गोंड मध्य प्रदेश मंडला जिले के जंगलों के आसपास रहने वाली जनजाति है और इनके नृत्यों में जीवन और प्रकृति के सुंदर आयाम देखने को मिलते हैं. इन नृत्य को देखते हुए जहां एक और हमें उनकी पारंपरिक वेशभूषा संगीत नृत्य कौशल देखने को मिलता है, तो वहीं दूसरी ओर इन नृत्यों के माध्यम से गोंड आदिवासियों की आस्था एवं कर्मकांड और स्मृतियों के साथ चली आ रही महान विरासत के भी दर्शन होते हैं.

पारंपरिक रंग-बिरंगे वस्त्र और आभूषण

भील जनजाति के नृत्य भगोरिया भील मध्य प्रदेश की झाबुआ अलीराजपुर धार और बड़वानी क्षेत्र में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति है. फागुन मास में होली के 7 दिनों पूर्व से आयोजित होने वाले हॉट में पूरे उत्साह और उमंग के साथ भी युवक एवं युवतियों द्वारा पारंपरिक रंग-बिरंगे वस्त्र आभूषण के साथ नृत्य किया जाता है. जिसे भगोरिया नृत्य कहते हैं फसल कटाई के पश्चात वर्ष भर के भरण-पोषण के लिए समुदाय इन हाटो में आता है.

भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना के अवसर को संस्कृति विभाग रंग मध्यप्रदेश के रूप में मनाते हुए जनजातीय संग्रहालय में पूरे माह सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन कर रहा है. इसमें सभी विभाग अकादमियों की भागीदारी से कार्यक्रम होंगे. जिसकी शुरुआत आज से कमल सिंह मरावी एवं साथियों द्वारा जनजातीय नृत्य कर्मा और सेला से हुई. दूसरी प्रस्तुति भील और साथियों द्वारा नृत्य भगोरिया प्रस्तुत किया गया.

मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मना रहा है संस्कृति विभाग

अच्छी फसल आने की खुशी में नृत्य

कार्यक्रम की शुरुआत मरावी और साथियों द्वारा करमा नृत्य से हुई. गोंड जनजाति नृत्य कर्मा अतिथियों के आगमन पर युवक युवतियों द्वारा मिलकर किए जाने वाला नृत्य है. इसमें गीतों के माध्यम से सवाल-जवाब भी किए जाते हैं, वहीं सैला नृत्य दशहरे से शुरू होकर फागुन मास तक किया जाता है, जो अच्छी फसल आने की खुशी में किया जाता है.

Culture department is celebrating the establishment of Madhya Pradesh state
मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना मना रहा है संस्कृति विभाग

पारंपरिक वेशभूषा संगीत नृत्य

गोंड मध्य प्रदेश मंडला जिले के जंगलों के आसपास रहने वाली जनजाति है और इनके नृत्यों में जीवन और प्रकृति के सुंदर आयाम देखने को मिलते हैं. इन नृत्य को देखते हुए जहां एक और हमें उनकी पारंपरिक वेशभूषा संगीत नृत्य कौशल देखने को मिलता है, तो वहीं दूसरी ओर इन नृत्यों के माध्यम से गोंड आदिवासियों की आस्था एवं कर्मकांड और स्मृतियों के साथ चली आ रही महान विरासत के भी दर्शन होते हैं.

पारंपरिक रंग-बिरंगे वस्त्र और आभूषण

भील जनजाति के नृत्य भगोरिया भील मध्य प्रदेश की झाबुआ अलीराजपुर धार और बड़वानी क्षेत्र में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति है. फागुन मास में होली के 7 दिनों पूर्व से आयोजित होने वाले हॉट में पूरे उत्साह और उमंग के साथ भी युवक एवं युवतियों द्वारा पारंपरिक रंग-बिरंगे वस्त्र आभूषण के साथ नृत्य किया जाता है. जिसे भगोरिया नृत्य कहते हैं फसल कटाई के पश्चात वर्ष भर के भरण-पोषण के लिए समुदाय इन हाटो में आता है.

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