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साल 2019 में मध्यप्रदेश में बढ़ा क्राइम ग्राफ, अकेले भोपाल में दर्ज हुए 3 हजार से ज्यादा मामले

साल 2019 चंद दिनों में गुजर जाएगा. बीते साल में मध्यप्रदेश में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. अकेले राजधानी भोपाल में तीन हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. महिला अपराध भी शामिल हैं. राज्य में अपराधों की हकीतत बताते ये आंकड़े पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं.

Crime graph of Madhya Pradesh increased in the year 2019
साल 2019 में मध्यप्रदेश में बढ़ा क्राइम का ग्राफ
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Published : Dec 30, 2019, 7:53 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 8:59 PM IST

भोपाल। दो दिन बाद 2019 अलविदा हो जाएगा. बीते एक साल में राजधानी भोपाल में हैरान करने वाली घटनाएं सामने आई हैं. साल 2019 में सबसे बड़ा नाव हादसा हुआ, जिसमें 11 युवकों की डूबने से मौत हो गई थी. वहीं नाबालिगों के साथ दुष्कर्म और हत्या के दो सनसनीखेज मामलों ने राजधानी को शर्मसार कर दिया. इसके अलावा चोरी के शक में एक 6 साल के मासूम की निर्मम तरीके से की गई हत्या की वारदात से राजधानी समेत पूरा प्रदेश सिहर उठा.

वहीं नाबालिग से बलात्कार कर हत्या के एक मामले में तो आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गया, लेकिन दूसरे मामले में नाबालिग के परिजन करीब 8 महीने बाद भी न्याय के लिए भटक रहे हैं. अगर साल भर के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में 3481 महिला अपराध के, जबकि 16,944 साधारण अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं.

साल 2019 में मध्यप्रदेश में बढ़ा क्राइम का ग्राफ

नाव हदासा में 11 की मौत

राजधानी भोपाल में बीते साल हुए 1 सबसे बड़े हादसे ने पुलिस और प्रशासन की पोल खोल कर रख दी. इस दर्दनाक हादसे में 11 घरों के चिराग बुझ गए. 13 सितंबर 2019 को गणेश विसर्जन के दौरान तड़के 4:30 बजे नाव पलटने से 11 युवकों की खटलापुरा घाट पर डूबने से मौत हो गई. सभी युवक दो नावों पर सवार होकर विशाल गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर रहे थे. सरकार ने मृतक युवकों के परिजनों को 11-11 लाख रुपए की सहायता राशि भी दी. नगर निगम ने भी राहत राशि दी, लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि, क्या इस राहत राशि से 11 घरों के चिराग दोबारा रोशन हो पाएंगे.

अकेले भोपाल में दर्ज हुए 3 हजार से ज्यादा मामले

नाबालिग बच्चियों की दुष्कर्म के बाद हत्या
1 मई 2019 को राजधानी की मनभावन टेकरी पर एक नाबालिग का शव मिलने से सनसनी फैल गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या से पहले दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में नाबालिग की बुआ के दोस्त को गिरफ्तार किया. इस घटना को बीते करीब 8 महीने हो गए, लेकिन पीड़िता का परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है.

नाबालिग के साथ दुष्कर्म का दूसरा मामला

यह मामला 9 जून 2019 को कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित झुग्गी बस्ती में सामने आया. जहां पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने पहले नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया. नाबालिक घर से सामान लेने के लिए निकली थी, फिर लौटकर नहीं आई. जिसकी शिकायत देर रात परिजनों ने कमला नगर थाने में दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. दूसरे दिन नाबालिग का शव उसी के घर के पास बने नाले से बरामद किया गया. पीएम रिपोर्ट में नाबालिग से बलात्कार की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश की, तो पता चला कि पड़ोस में किराए पर रहने वाले युवक ने ही वारदात को अंजाम दिया है. कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने फरार आरोपी को खंडवा के पास से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.

चोरी के शक में 6 साल के मासूम की निर्मम हत्या
राजधानी के कोलार इलाके के चीचली गांव में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. जहां पड़ोस में रहने वाली महिला ने महज 6 साल के मासूम बच्चे की हत्या केवल इसलिए कर दी, क्योंकि उसे बच्चे के पिता पर चोरी का शक था. 16 जुलाई 2019 को एक मासूम का शव बंद पड़े घर से पुलिस ने अधजली हालत में बरामद किया. बच्चा पिछले 2 दिनों से लापता था, जिसके बाद पुलिस में इसकी शिकायत की गई. पुलिस ने पूरे गांव और आसपास के जंगलों में सर्चिंग की, लेकिन बच्चा नहीं मिला. दूसरे ही दिन बच्चे का शव एक बंद पड़े घर में मिला, जब पुलिस ने कड़िया जोड़ी तो गांव में ही रहने वाली एक महिला सुनीता सोलंकी और उसके बेटे तक पहुंची. पुलिस की सख्ती के बाद महिला ने स्वीकार किया कि, बच्चे को खाना खिलाने के बहाने घर पर लाई थी और गेहूं के ड्रम में उसे बंद कर दिया. जहां दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई. फिर मौका पाकर उसे बंद पड़े घर में ले गई, जहां शव को जलाने की कोशिश की. हत्या के पीछे के कारणों को सुनकर पुलिस के होश उड़ गए. आरोपी महिला ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसके घर में चोरी हुई थी इस चोरी का शक उसे बच्चे के पिता पर था.

तीन हजार से ज्यादा मामले दर्ज
इतना ही नहीं राजधानी में पिछले 1 साल में चेन स्नेचिंग, लूट, चोरी और छेड़छाड़ जैसे सैकड़ों मामले हर दिन अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं. कई मामलों में आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. महिला अपराधों की बात करें तो राजधानी भोपाल में हत्या, छेड़छाड़, दुष्कर्म और दहेज प्रताड़ना के अब तक 3 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

भोपाल। दो दिन बाद 2019 अलविदा हो जाएगा. बीते एक साल में राजधानी भोपाल में हैरान करने वाली घटनाएं सामने आई हैं. साल 2019 में सबसे बड़ा नाव हादसा हुआ, जिसमें 11 युवकों की डूबने से मौत हो गई थी. वहीं नाबालिगों के साथ दुष्कर्म और हत्या के दो सनसनीखेज मामलों ने राजधानी को शर्मसार कर दिया. इसके अलावा चोरी के शक में एक 6 साल के मासूम की निर्मम तरीके से की गई हत्या की वारदात से राजधानी समेत पूरा प्रदेश सिहर उठा.

वहीं नाबालिग से बलात्कार कर हत्या के एक मामले में तो आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गया, लेकिन दूसरे मामले में नाबालिग के परिजन करीब 8 महीने बाद भी न्याय के लिए भटक रहे हैं. अगर साल भर के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में 3481 महिला अपराध के, जबकि 16,944 साधारण अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं.

साल 2019 में मध्यप्रदेश में बढ़ा क्राइम का ग्राफ

नाव हदासा में 11 की मौत

राजधानी भोपाल में बीते साल हुए 1 सबसे बड़े हादसे ने पुलिस और प्रशासन की पोल खोल कर रख दी. इस दर्दनाक हादसे में 11 घरों के चिराग बुझ गए. 13 सितंबर 2019 को गणेश विसर्जन के दौरान तड़के 4:30 बजे नाव पलटने से 11 युवकों की खटलापुरा घाट पर डूबने से मौत हो गई. सभी युवक दो नावों पर सवार होकर विशाल गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर रहे थे. सरकार ने मृतक युवकों के परिजनों को 11-11 लाख रुपए की सहायता राशि भी दी. नगर निगम ने भी राहत राशि दी, लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि, क्या इस राहत राशि से 11 घरों के चिराग दोबारा रोशन हो पाएंगे.

अकेले भोपाल में दर्ज हुए 3 हजार से ज्यादा मामले

नाबालिग बच्चियों की दुष्कर्म के बाद हत्या
1 मई 2019 को राजधानी की मनभावन टेकरी पर एक नाबालिग का शव मिलने से सनसनी फैल गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या से पहले दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में नाबालिग की बुआ के दोस्त को गिरफ्तार किया. इस घटना को बीते करीब 8 महीने हो गए, लेकिन पीड़िता का परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है.

नाबालिग के साथ दुष्कर्म का दूसरा मामला

यह मामला 9 जून 2019 को कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित झुग्गी बस्ती में सामने आया. जहां पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने पहले नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया. नाबालिक घर से सामान लेने के लिए निकली थी, फिर लौटकर नहीं आई. जिसकी शिकायत देर रात परिजनों ने कमला नगर थाने में दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. दूसरे दिन नाबालिग का शव उसी के घर के पास बने नाले से बरामद किया गया. पीएम रिपोर्ट में नाबालिग से बलात्कार की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश की, तो पता चला कि पड़ोस में किराए पर रहने वाले युवक ने ही वारदात को अंजाम दिया है. कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने फरार आरोपी को खंडवा के पास से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.

चोरी के शक में 6 साल के मासूम की निर्मम हत्या
राजधानी के कोलार इलाके के चीचली गांव में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. जहां पड़ोस में रहने वाली महिला ने महज 6 साल के मासूम बच्चे की हत्या केवल इसलिए कर दी, क्योंकि उसे बच्चे के पिता पर चोरी का शक था. 16 जुलाई 2019 को एक मासूम का शव बंद पड़े घर से पुलिस ने अधजली हालत में बरामद किया. बच्चा पिछले 2 दिनों से लापता था, जिसके बाद पुलिस में इसकी शिकायत की गई. पुलिस ने पूरे गांव और आसपास के जंगलों में सर्चिंग की, लेकिन बच्चा नहीं मिला. दूसरे ही दिन बच्चे का शव एक बंद पड़े घर में मिला, जब पुलिस ने कड़िया जोड़ी तो गांव में ही रहने वाली एक महिला सुनीता सोलंकी और उसके बेटे तक पहुंची. पुलिस की सख्ती के बाद महिला ने स्वीकार किया कि, बच्चे को खाना खिलाने के बहाने घर पर लाई थी और गेहूं के ड्रम में उसे बंद कर दिया. जहां दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई. फिर मौका पाकर उसे बंद पड़े घर में ले गई, जहां शव को जलाने की कोशिश की. हत्या के पीछे के कारणों को सुनकर पुलिस के होश उड़ गए. आरोपी महिला ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसके घर में चोरी हुई थी इस चोरी का शक उसे बच्चे के पिता पर था.

तीन हजार से ज्यादा मामले दर्ज
इतना ही नहीं राजधानी में पिछले 1 साल में चेन स्नेचिंग, लूट, चोरी और छेड़छाड़ जैसे सैकड़ों मामले हर दिन अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं. कई मामलों में आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. महिला अपराधों की बात करें तो राजधानी भोपाल में हत्या, छेड़छाड़, दुष्कर्म और दहेज प्रताड़ना के अब तक 3 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल में साल 2019 में सबसे बड़े हादसे में 11 युवकों की डूबने से मौत का मामला सामने आया था। तो वहीं नाबालिगों के साथ दुष्कर्म और हत्या की भी दो सनसनीखेज वारदाते राजधानी में घटित हुई है। इसके अलावा महज चोरी के शक में एक 6 साल के मासूम की निर्मम हत्या से राजधानी समेत पूरा प्रदेश सिहर उठा था। इन घटनाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा है। नाबालिग से बलात्कार कर हत्या के एक मामले में तो आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गया है। लेकिन दूसरे मामले में नाबालिग के परिजन करीब 8 महीने बाद भी न्याय के लिए भटक रहे हैं। वही साल भर के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में 3481 महिला अपराध घटित हुए वहीं 16944 साधारण अपराध घटित हुए हैं।









Body:राजधानी भोपाल में बीते साल हुए 1 सबसे बड़े हादसे ने पुलिस और प्रशासन की पोल खोल कर रख दी इस दर्दनाक हादसे में 11 घरों के चिराग बुझ गए। दरअसल 13 सितंबर 2019 को गणेश विसर्जन के दौरान तड़के 4:30 बजे नाव पलटने से 11 युवकों की खटलापुरा घाट पर डूबने से मौत हो गई। सभी युवक दो नावों पर सवार सवार होकर विशाल गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर रहे थे। इस दौरान नाव अनियंत्रित होकर पलट गई। कुछ युवकों को तो बचा लिया गया लेकिन 11 युवकों की डूबने से मौत हो गई। जिसमें 15 साल का भी एक युवक शामिल था। विसर्जन के दौरान लाइफ जैकेट पहनने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही पुलिस और प्रशासन को भी घाट पर तैनात किया गया था। लेकिन हादसे के वक्त कोई भी जिम्मेदार खटलापूरा घाट पर मौजूद नहीं था। सरकार ने मृतक युवकों के परिजनों को 11-11 लाख रुपए की मुआवजा राशि भी दी। नगर निगम ने भी राहत राशि दी लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि क्या इस राहत राशि से 11 घरों के चिराग दोबारा रोशन हो पाएंगे।

* दूसरी तरफ राजधानी भोपाल में तो ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें नाबालिग बच्चियों के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। पहली घटना की बात करें तो 1 मई 2019 को राजधानी की मनभावन टेकरी पर एक नाबालिग का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। पीएम रिपोर्ट में हत्या से पहले दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में नाबालिग की बुआ के दोस्त को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद आरोपी ने पहले बलात्कार और बाद में पत्थर से सिर कुचलकर नाबालिक की हत्या करना कबूल किया। इस घटना को बीते करीब 8 महीने हो गए लेकिन पीड़िता का परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला भी बोला था।

* दूसरा मामला 9 जून 2019 को कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित झुग्गी बस्ती में सामने आया था। जहां पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने पहले नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया। नाबालिक घर से सामान लेने के लिए निकली थी। और फिर लौटकर नहीं आई। जिसकी शिकायत देर रात ही परिजनों ने कमला नगर थाना पुलिस से की थी। लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। दूसरे दिन नाबालिक का शव उसी के घर के पास बने नाले से बरामद किया गया। शार्ट पीएम रिपोर्ट में नाबालिग से बलात्कार की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश की तो पता चला कि पड़ोस में किराए से रहने वाले युवक नहीं वारदात को अंजाम दिया है। कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने फरार आरोपी को खंडवा के पास से गिरफ्तार किया। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले छह पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया था।

* इसके अलावा राजधानी के कोलार इलाके के चीचली गांव में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। जहां पड़ोस में रहने वाली महिला ने महज 6 साल के बच्चे की हत्या केवल इसलिए कर दी, क्योंकि उसे बच्चे के पिता पर चोरी का शक था। दरअसल 16 जुलाई 2019 को एक मासूम का शव बंद पड़े घर से पुलिस ने अधजली हालत में बरामद किया। बच्चा पिछले 2 दिनों से लापता था। जिसके बाद पुलिस में इसकी शिकायत की गई पुलिस ने पूरे गांव और आसपास के जंगलों में सर्चिंग की लेकिन बच्चा नहीं मिला। दूसरे ही दिन बच्चे का शव एक बंद पड़े घर में मिला। जब पुलिस ने कड़िया जोड़ी तो गांव में ही रहने वाली एक महिला सुनीता सोलंकी और उसके बेटे तक पहुंची। पुलिस की सख्ती के बाद महिला ने स्वीकार किया कि बच्चे को खाना खिलाने के बहाने घर पर लाई थी। और गेहूं के ड्रम में उसे बंद कर दिया था। जहां दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई। और फिर मौका पाकर उसे बंद पड़े घर में ले गई जहां शव को जलाने की कोशिश की। हत्या के पीछे के कारणों को सुनकर पुलिस के होश उड़ गए आरोपी महिला ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसके घर में चोरी हुई थी इस चोरी का शक उसे बच्चे के पिता पर था।


Conclusion:इतना ही नहीं राजधानी में पिछले 1 साल में चैन स्नैचिंग, लूट, चोरी और छेड़छाड़ जैसे सैकड़ों मामले हर दिन अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं। कई मामलों में आरोपी अब तक भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। महिला अपराधों की बात करें तो राजधानी भोपाल में हत्या,छेड़छाड़, दुष्कर्म और दहेज प्रताड़ना के अब तक 3 हज़ार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में भोपाल को अब अपराधों की राजधानी कहने में भी कोई हर्ज नहीं है।

साल 2019 में महिला अपराधों की स्थिति।

हत्या- साल 2017 में 21 वर्ष 2018 में 16 और साल 2019 में 19।
हत्या के प्रयास- साल 2017 में 11 वर्ष 2018 में 12 वर्ष 2019 में 9।
चैन लूट- साल 2017 में 22 दो हजार अट्ठारह में 23 वर्ष 2019 में 15।
अपहरण- साल 2017 में 276 साल 2018 में 343 और साल 2019 में 434।
बलात्कार- 2017 में 261 साल 2018 में 282 8 वर्ष 2019 में 396।
सामूहिक बलात्कार- साल 2017 में 9 वर्ष 2018 में दो और साल 2019 में 1।
शील भंग- साल 2017 में 449, 2018 में 584 और 2019 में 552।
दहेज़ हत्या- वर्ष 2017 में 27 वर्ष 2018 में 12 और साल 2019 में 14।
वहीं साल 2019 में साधारण चोट अन्य लूट छेड़छाड़ पीटा एक्ट समेत दहेज एक्ट के भी सैंकड़ो मामले सामने आए हैं।

दूसरी तरफ साल 2019 में कुल अपराधों की स्थिति।

हत्या- साल 2017 में 62 वर्ष 2018 में 58 और वर्ष 2019 में 54।
हत्या का प्रयास- वर्ष 2017 में 75 वर्ष 2018 में 98 और साल 2019 में 71।
डकैती- साल 2017 में 3 वर्ष 2018 में 1 और साल 2019 में 2।
डकैती की तैयारी- साल 2017 में 8 वर्ष 2018 में 19 और साल 2019 में 12।
लूट- साल 2017 में 119 वर्ष 2018 में 117 और साल 2019 में 102।
लूट का प्रयास- वर्ष 2017 में 9 2018 में 6 और साल 2019 में 4।
नकबजनी- वर्ष 2017 में 891 वर्ष 2018 में 1007 और साल 2019 में 957।
साधारण चोरी- साल 2017 में 887 वर्ष 2018 में 922 और साल 2019 में 801।
वाहन चोरी- साल 2017 में 2189 साल 2018 में 2245 और वर्ष 2019 में 1967।
पशु चोरी- वर्ष 2017 में 14 वर्ष 2018 में 18 और साल 2019 में 17।
तार चोरी- साल 2017 में 22 2018 में 15 और साल 2019 में 10।
अपहरण- साल 2017 में 475 वर्ष 2018 में 552 और साल 2019 में 681।
बलात्कार- साल 2017 में 270 वर्ष 2018 में 284 और साल 2019 में 294।
बलवा- साल 2017 में 70 वर्ष 2018 में 39और साल 2019 में 51।
अन्य भादवी- साल 2017 में 9424 वर्ष 2018 में 10559 और साल 2019 में 11921।

कुल योग-
साल 2017- 14518।
साल 2018- 15940।
साल 2019- 16944


पीटीसी- सिद्धार्थ सोनवाने
Last Updated : Dec 30, 2019, 8:59 PM IST
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