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'हरा सोना' के प्रति बढ़ा एमपी के किसानों का रुझान, रोपे गए 12 लाख पौधे - Bamboo shortage

मध्य प्रदेश सरकार बांस की कमी पूरी करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इसकी खेती को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे प्रदेश के आत्मनिर्भर बनने के साथ ही देश में बांस और उससे बने समान की आपूर्ति की जा सके. किसानों ने भी इसमें रुचि दिखाई है और 4 हजार किसानों ने बांस के 12 लाख पौधे भी रोपे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Craze of bamboo production increased among farmers
बांस उत्पादन का क्रेज
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Published : Aug 25, 2020, 12:46 AM IST

भोपाल। देश में हरा सोना कहा जाने वाला बांस अब तक ज्यादातर चीन से आयात किया जाता था, लेकिन गलवान घाटी में हुई चीन और भारतीय सेना के झड़प के बाद चीनी समान पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद देश में बांस से बने समानों की आपूर्ती में मंहगाई आई है. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार बांस की कमी पूरी करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इसकी खेती को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे प्रदेश के आत्मनिर्भर बनने के साथ ही देश में बांस और उससे बने समान की आपूर्ति की जा सके.

किसानों में बढ़ा बांस उत्पादन का क्रेज

मध्यप्रदेश में बांस से जुड़े उद्योग का रुझान बढ़ा
मध्य प्रदेश राज्य बांस मिशन के सीईओ डॉ. अभय कुमार पाटिल के मुताबिक मध्यप्रदेश में बांस आधारित उद्योगों की तरफ रुझान बढ़ रहा है. इसको देखते हुए जहां मिशन किसानों को खास वैरायटी के बांस लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, वही बांस आधारित उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों और बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों को एक मंच पर लाकर ऐसे उद्योगों को बढ़ाने में मदद कर रहा है.

4 हजार किसानों ने रोपे बांस
मध्यप्रदेश बांस मिशन के सहयोग से इस साल करीब 4 हजार किसानों ने 12 लाख से ज्यादा बांस के पौधे रोपे हैं. इनमें 19 फीसदी किसानों ने बालकुआ और 6 फीसदी किसानों ने बेम्बूस तुलड़ा बांस लगाया है. प्रदेश में करीब 25 फीसदी बांस इन्हीं 2 वैरायटी का रोपा गया है और बाजार में भी बैंबूसा बालकुआ और बेम्बूस तुलड़ा बांस की ही ज्यादा डिमांड है.

बांस से होगी किसानों की दोगुनी आय
मध्य प्रदेश राज्य बांस मिशन ने मध्यप्रदेश में बांस उद्योग की संभावनाओं को लेकर एक निजी एजेंसी से सर्वे भी कराया है, जिसमें सामने आया है कि मध्यप्रदेश में लाठी बांस के अलावा बालकुआ और तुलड़ा बांस की मार्केट में खास डिमांड है. जिसके बाद सरकार किसानों को सहायता देकर कृषि में नवाचार के लिए प्ररित कर रही है, जिससे किसान को अन्य फसलों के मुकाबले ज्यादा कमाई वाली फसलें लगाने की प्ररणा मिले.

पिछले 3 साल में बढ़ा बांस का रकवा
पिछले 3 साल के दौरान मध्यप्रदेश में बांस के पौधारोपण में बढ़ोतरी हुई है. अभी तक वन विभाग नदी नालों के किनारे जंगलों में ही बांस को लगाता था, लेकिन पिछले 3 सालों में किसानों की रूचि बांस को लेकर बढ़ी है. 2018 में 1014 किसानों ने 5 लाख 80 हजार बांस के पौधे लगाए थे, जबकि 2009 में 802 किसानों ने सरकार की स्कीम का फायदा लेकर बांस के पौधे रोपे, जबकि इस साल 3648 किसानों ने बांस के पौधे लगाए है और इसकी सब्सिडी के लिए आवेदन किया है.

भोपाल। देश में हरा सोना कहा जाने वाला बांस अब तक ज्यादातर चीन से आयात किया जाता था, लेकिन गलवान घाटी में हुई चीन और भारतीय सेना के झड़प के बाद चीनी समान पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद देश में बांस से बने समानों की आपूर्ती में मंहगाई आई है. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार बांस की कमी पूरी करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इसकी खेती को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे प्रदेश के आत्मनिर्भर बनने के साथ ही देश में बांस और उससे बने समान की आपूर्ति की जा सके.

किसानों में बढ़ा बांस उत्पादन का क्रेज

मध्यप्रदेश में बांस से जुड़े उद्योग का रुझान बढ़ा
मध्य प्रदेश राज्य बांस मिशन के सीईओ डॉ. अभय कुमार पाटिल के मुताबिक मध्यप्रदेश में बांस आधारित उद्योगों की तरफ रुझान बढ़ रहा है. इसको देखते हुए जहां मिशन किसानों को खास वैरायटी के बांस लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, वही बांस आधारित उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों और बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों को एक मंच पर लाकर ऐसे उद्योगों को बढ़ाने में मदद कर रहा है.

4 हजार किसानों ने रोपे बांस
मध्यप्रदेश बांस मिशन के सहयोग से इस साल करीब 4 हजार किसानों ने 12 लाख से ज्यादा बांस के पौधे रोपे हैं. इनमें 19 फीसदी किसानों ने बालकुआ और 6 फीसदी किसानों ने बेम्बूस तुलड़ा बांस लगाया है. प्रदेश में करीब 25 फीसदी बांस इन्हीं 2 वैरायटी का रोपा गया है और बाजार में भी बैंबूसा बालकुआ और बेम्बूस तुलड़ा बांस की ही ज्यादा डिमांड है.

बांस से होगी किसानों की दोगुनी आय
मध्य प्रदेश राज्य बांस मिशन ने मध्यप्रदेश में बांस उद्योग की संभावनाओं को लेकर एक निजी एजेंसी से सर्वे भी कराया है, जिसमें सामने आया है कि मध्यप्रदेश में लाठी बांस के अलावा बालकुआ और तुलड़ा बांस की मार्केट में खास डिमांड है. जिसके बाद सरकार किसानों को सहायता देकर कृषि में नवाचार के लिए प्ररित कर रही है, जिससे किसान को अन्य फसलों के मुकाबले ज्यादा कमाई वाली फसलें लगाने की प्ररणा मिले.

पिछले 3 साल में बढ़ा बांस का रकवा
पिछले 3 साल के दौरान मध्यप्रदेश में बांस के पौधारोपण में बढ़ोतरी हुई है. अभी तक वन विभाग नदी नालों के किनारे जंगलों में ही बांस को लगाता था, लेकिन पिछले 3 सालों में किसानों की रूचि बांस को लेकर बढ़ी है. 2018 में 1014 किसानों ने 5 लाख 80 हजार बांस के पौधे लगाए थे, जबकि 2009 में 802 किसानों ने सरकार की स्कीम का फायदा लेकर बांस के पौधे रोपे, जबकि इस साल 3648 किसानों ने बांस के पौधे लगाए है और इसकी सब्सिडी के लिए आवेदन किया है.

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