भोपाल। मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना में पशु हांकने का काम भी कराया जाएगा. राजधानी भोपाल सहित प्रदेश भर के करीब पांच सौ युवाओं को पशु हांकने का काम दिया जाएगा. इस पर बीजेपी ने कहा कि कमलनाथ सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ मजाक कर रही है.
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बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर सिर्फ मजाक कर रही है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के नाम पर मिलने वाले फंड का उपयोग युवा स्वाभिमान योजना में किया जा रहा है. इसके बाद भी युवाओं को पशु हांकने का काम देकर उनकी मजबूरी का मजाक उड़ाया जा रहा है. इस पर कांग्रेस ने दलील देते हुये कहा कि कांग्रेस हर वर्ग का ख्याल रखती है, इसलिये प्रदेश सरकार उन लोगों को भी रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही है, जिनकी बीजेपी ने कभी सुध तक नहीं ली.
दरअसल, युवाओं को स्टाइपेंड देने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना शुरू की है. इस योजना के तहत सरकार युवाओं को अलग-अलग ट्रेड में ट्रेनिंग देगी, साथ ही उन्हें काम भी उपलब्ध कराएगी. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार इस योजना के जरिए युवा बेरोजगारों से पशु हांकने का काम भी कराएगी. इसके लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाएगी. पशु हांकने का काम प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
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भोपाल में पशु हांकने के लिये 50 युवाओं को काम दिया जाना है. इसी तरह इंदौर में 98, जबलपुर में 106 और ग्वालियर में 77 युवाओं को काम दिलाया जाना है. यही नहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में भी पशुओं को हांकने के काम में 24 युवा बेरोजगारों को लगाया जाएगा. इसके लिए विभाग ने युवाओं से आवेदन आमंत्रित किए हैं. बताया जा रहा है कि भोपाल के दस युवा इसके लिये आवेदन भी कर चुके हैं, जिन्हें सरकार ट्रेनिंग देगी.
2 लाख से ज्यादा ने कराया पंजीयन
मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना में अब तक 2 लाख 12 हजार 241 युवा बेरोजगार अपना पंजीयन करा चुके हैं. बताया जा रहा है पंजीकृत युवाओं में से 63 हजार 382 युवा बेरोजगारों को कार्य आवंटन कर दिए गए हैं और इनमें से भी 7115 ने रेट के हिसाब से ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है. सबसे ज्यादा जबलपुर में आवंटन हुये हैं. यहां 24 सौ युवा बेरोजगारों का आवंटन हो चुका है.
4000 का स्टाइपेंड भी दिया जा रहा है
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के शहरी इलाकों की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है. इसमें 21 से 30 वर्ष आयु के युवाओं की संख्या करीब 17 फीसदी है. सरकार का मानना है की इस 17 फीसदी युवाओं की जनसंख्या में से भी 17 फीसदी युवा बेरोजगार हैं. यानी करीब साडे़ छह लाख युवा बेरोजगार हैं और उन्हें नौकरी की तलाश है. सरकार इन्हीं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रही है और इसके बाद 100 दिन के काम के लिए उन्हें 4000 का स्टाइपेंड भी इस योजना के तहत दिया जा रहा है.
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