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नाबालिग से छेड़छाड़ के एक दोषी को तीन साल, दूसरे को पांच साल की जेल - भोपाल

भोपाल में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज दो मामलों में जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो आरोपियों को सजा सुनाई है. ये दोनों मामले 2018 के हैं.

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जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल
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Published : Feb 26, 2020, 9:45 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 11:57 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय ने नाबालिग से छेड़छाड़ के दो मामलों में सुनवाई करते हुए दोषियों को सजा सुनाई है, जिसमें एक दोषी को 3 साल की सजा और दूसरे को 5 साल की सजा के साथ दोनों दोषियों पर एक-एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.

पहला मामला शहर के पिपलानी थाना क्षेत्र का है. जहां एक मनचले में 11वीं की छात्रा के साथ छेड़छाड़ की थी, घटना के वक्त नाबालिग पेपर देकर घर लौट रही थी. इस दौरान आरोपी ने उसे मोबाइल देने और जबदस्ती बाइक पर बैठाने की कोशिश की थी. इसके अलावा आरोपी ने नाबालिग को जान से मारने की धमकी भी दी थी.

एडीपीओ टीपी गौतम

दूसरा मामला अशोका गार्डन थाना क्षेत्र का है, जिसमें नाबालिग अपने रिश्तेदार के घर टीवी देखने गई थी. जहां किराए पर रहने वाले एक युवक ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी, नाबालिग जब रिश्तेदार के घर पहुंची तो घर का दरवाजा बंद था. तभी किराए पर रहने वाला युवक वहां आ धमका और मौके का फायदा उठाकर नाबालिग से ज्यादती करने लगा. जिसकी शिकायत पीड़िता ने थाने में दर्ज कराई थी.

एडीपीओ मनोज कुमार त्रिपाठी

पहला मामला 31 दिसंबर 2018 का है और वहीं दूसरा मामला 26 अक्टूबर 2018 का है. जिसकी आज सुनवाई पूरी हुई और जस्टिस कुमुदिनी पटेल ने फैसला सुनाते हुए दोषियों को सजा सुनाई है.

भोपाल। राजधानी भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय ने नाबालिग से छेड़छाड़ के दो मामलों में सुनवाई करते हुए दोषियों को सजा सुनाई है, जिसमें एक दोषी को 3 साल की सजा और दूसरे को 5 साल की सजा के साथ दोनों दोषियों पर एक-एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.

पहला मामला शहर के पिपलानी थाना क्षेत्र का है. जहां एक मनचले में 11वीं की छात्रा के साथ छेड़छाड़ की थी, घटना के वक्त नाबालिग पेपर देकर घर लौट रही थी. इस दौरान आरोपी ने उसे मोबाइल देने और जबदस्ती बाइक पर बैठाने की कोशिश की थी. इसके अलावा आरोपी ने नाबालिग को जान से मारने की धमकी भी दी थी.

एडीपीओ टीपी गौतम

दूसरा मामला अशोका गार्डन थाना क्षेत्र का है, जिसमें नाबालिग अपने रिश्तेदार के घर टीवी देखने गई थी. जहां किराए पर रहने वाले एक युवक ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी, नाबालिग जब रिश्तेदार के घर पहुंची तो घर का दरवाजा बंद था. तभी किराए पर रहने वाला युवक वहां आ धमका और मौके का फायदा उठाकर नाबालिग से ज्यादती करने लगा. जिसकी शिकायत पीड़िता ने थाने में दर्ज कराई थी.

एडीपीओ मनोज कुमार त्रिपाठी

पहला मामला 31 दिसंबर 2018 का है और वहीं दूसरा मामला 26 अक्टूबर 2018 का है. जिसकी आज सुनवाई पूरी हुई और जस्टिस कुमुदिनी पटेल ने फैसला सुनाते हुए दोषियों को सजा सुनाई है.

Last Updated : Feb 26, 2020, 11:57 PM IST
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